चंडीगढ़ के सफाई कर्मचारियों का सियासी फायदा उठाकर उनका शोषण किये जाने के आरोप लगाया है
राष्ट्रपति को पत्र लिखकर नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ उचित एक्शन की मांग की है
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 25 सितम्बर :
चंडीगढ़ फेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जस्टिस फॉर सफाई कर्मचारी के राष्ट्रीय कन्वीनर भगत राज्य सवारने चंडीगढ़ नगर निगम के सफाई कर्मचारियों को 24 सितंबर को आयोजित अनाज मंडी सेक्टर 39 में कार्यक्रम में सफाई कर्मियों को जबरन भेजने का आरोप लगाया हालांकि यह कार्यक्रम एक एनजीओ द्वारा आयोजित था।
भगत ने कहा कि जगजाहिर है कि इस कार्यक्रम के आयोजक की भाजपा से आने वाले चुनाव में टिकट मांगने वालों में मजबूत दावेदारी है, इस दावेदारी से चंडीगढ़ नगर निगम भी अनभिज्ञ नहीं है फ़िर भी न जाने किस-किस के दवाब में अपने अधीन कार्यरत सफाईकर्मियों को आदेश जारी करके कहा कि सभी सफाई कर्मचारी उनके कार्यक्रम में ठीक 9 बजे पहुंचे यहां तक कई सभी सेनिटरी इन्स्पेक्टरो, हैल्थ सुपरवाइजरो,ने विडियो मैसज भेज-भेज कर सफाई कर्मचारीयों की भीड़ इकट्ठी करने के लिए इन लोगों पर दबाव बनाया ।
इससे प्रमाणित होता है कि नगर निगम के आलाधिकारी भाजपा के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं ओर वह सफाईकर्मियों को बंधक व गुलाम बनाने पर उतारू है
जहां तक सफाई कर्मचारीयों के हैल्थ चेकअप की बात है तो उसके लिए शहर की डिस्पेंसरी, हस्पतालों में यदि सुविधाएं उपलब्ध हैं तो नगर निगम सभी कर्मचारियों को निर्देश दे सकता है न कि किसी विशेष व्यक्ति को राजनीतिक लाभ पहुंचाने के लिए ठेकेदारी पर कार्यरत मजबूर सफाईकर्मियों का इस्तेमाल करें
इस पूरे प्रकरण की शिकायत संगठन ने भारत के राष्ट्रपति से पत्र भेज कर की है और आग्रह किया है कि ऐसे आलाधिकारी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए जो अपनी-अपनी शक्ति का प्रयोग भोले-भाले, मजबूर सफाई कर्मचारीयों पर करते हैं। सगंठन ने चेताया कि सफाई कर्मचारीयों की असली बीमारी ठेकेदारी प्रथा है जब उन्हें स्थाई/पक्की नौकरी दी जाएगी तो यह लोग पेट भर खाना खा सकेंगे ,तन्दरूस्त रहेंगे ओर अपना ईलाज भी करवा सकेंगे इस ओर कई वर्षों से लाखों ज्ञापन देने के बाद भी केन्द्र में बैठी सरकारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है।