Saturday, December 21

गुरबख्श रावत, प्रेम विज और डॉ विनोद शर्मा बतौर अतिथि रहे उपस्थित

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 23 सितम्बर :

राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय कवि संगम चंडीगढ़ प्रांत ने कार्यक्रम दिनकर काव्यधारा का आयोजन किया। सेक्टर 40 चंडीगढ़ स्थित सामुदायिक केंद्र में आयोजित इस कार्यक्रम में पार्षद  गुरबख्श रावत बतौर मुख्य अतिथि पधारीं। वरिष्ठ साहित्यकार प्रेम विज़ ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। साहित्यकार विनोद शर्मा ने विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे। संस्था की अध्यक्ष संतोष गर्ग ने अतिथियों का स्वागत किया। महासचिव अनिल शर्मा चिंतक ने मंच संचालन किया। वरिष्ठ कवयित्री नीरू मित्तल ने माँ शारदे की वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उपरोक्त कार्यक्रम में संगम की चंडीगढ़ उपाध्यक्ष नेहा शर्मा, मोहाली जिला अध्यक्ष रंजन मंगोत्रा, महासचिव नीलम नारंग, अखिल भारतीय साहित्य परिषद के अध्यक्ष श्री बालकृष्ण गुप्ता, एम.एल.अरोड़ा, अरुणा डोगरा, दर्शन कुमार वसन, हरेंद्र सिन्हा, विनोद शर्मा खरड़ से, गुलशन राय भाटिया, संगीता मधुबन, आशा रानी, सीमा शर्मा, जगदेव सिंह, मीत सिंह, बलबीर सिंह, सुनील कुमार, बोधराज शर्मा  शामिल रहे एवं नन्हीं गायिकाओं में नव्या शर्मा एवं मानवी शर्मा ने दिनकर की कविताओं का गायन किया। मुख्य अतिथि गुरबख्श रावत ने अपने संबोधन में कहा कि सुमदाय का दायरा बढ़ाने के लिए हमें हर क्षेत्र के लोगों को साथ लेकर चलना है। उन्होंने बताया कि शुरुआत में जब कुछ वरिष्ठ साहित्यकारों ने अपनी पुस्तक विमोचन के लिए उनको घर पर आमन्त्रित किया तब सोचा कि समाज को दिशा देने वाले साहित्यिक सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए घर का आँगन छोटा है। तब से सेक्टर 40 के सामुदायिक केंद्र में इस तरह के कार्यक्रमों का आरम्भ हुआ।

कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रेम विज ने राष्ट्रीय कवि संगम संस्था को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि खराब मौसम के बावजूद आयोजकों ने हिम्मत नहीं हारी और बेहतरीन कार्यक्रम का संयोजन किया। इस संस्था ने बहुत सी नई प्रतिभाओं को मंच प्रदान किया है। विशिष्ट अतिथि डॉ विनोद शर्मा ने कार्यक्रम की थीम पर अपनी ताजा लिखी रचना प्रस्तुत कर त्वरित लेखन का उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा-  दिनकर की जयंती पर शत-शत नमन हमारा, राष्ट्रवाद की हुंकार से विदेशी हुकूमत हारा, ऊर्जा भरे शब्दों से युवाओं को जगाया, वीर रस के कवि ने बिखरे लोगों को मिलाया।