पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 19 सितम्बर 2023 :
नोटः आज सिद्धि विनायक व्रत है। यह व्रत भी भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को ही किया जाता है। इसी दिन दोपहर में गणेशजी का जन्म हुआ था।
विक्रमी संवत्ः 2080,
शक संवत्ः 1945,
मासः भाद्रपद,
पक्षः शुक्ल,
तिथिः चतुर्थी दोपहर काल 01.44 तक,
वारः मंगलवार।
विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।
नक्षत्रः स्वाती दोपहर काल 01.48 तक है,
योगः वैधृति रात्रि काल 03.57 तक,
करणः विष्टि,
सूर्य राशिः कन्या, चन्द्र राशिः तुला,
राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,
सूर्योदयः 06.12, सूर्यास्तः 06.17बजे।