पिता से जस्टिन ट्रूडो को विरासत में मिली भारत विरोधी राजनीति

जस्टिन ट्रूडो से किसी बात की उम्‍मीद रखना बेकार है क्‍योंकि वह इस मसले पर अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। जस्टिन के पिता पियरे ट्रूडो भी देश के प्रधानमंत्री रहे हैं। उन्होंने उस खालिस्‍तानी आतंकी को भारत प्रत्‍यर्पित करने से इनकार कर दिया था जो एयर इंडिया पर सन् 1985 में हुए हमले का मास्‍टरमाइंड था। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को हाउस ऑफ कॉमन्स में दिया। उन्‍होंने संसद को बताया कि भारत सरकार के एजेंट 18 जून को खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्‍जर की हत्‍या में शामिल हो सकते हैं। खालिस्‍तानी पिछले 45 साल से कनाडा में पनप रहे हैं लेकिन इसके बाद भी यहां की सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठे रहती है।

पिता से विरासत में मिली भारत विरोधी राजनीति
  • विमान में बम ब्लास्ट, 329 मौतें
  • जस्टिन ट्रूडो के पिता ने खालिस्तानी आतंकियों को दी थी पनाह, अब बेटा दोहरा रहा वही गलतियाँ
  • कनाडा में सिखों के बसने का सिलसिला 20वीं सदी के पहले दशक में शुरू हुआ
  • ब्रिटिश कोलंबिया से गुजरते हुए ब्रिटिश सैनिक वहां की उपजाऊ भूमि देखकर आकर्षित हुए
  • 1980 के दशक में इसमें तेजी आई उस समय जस्टिन ट्रूडो के पिता पियरे देश के पीएम थे

राजवीरेंद्र वशिश्ठा/ डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़ – 19सितम्बर :

कनाडा में सिखों के बसने का सिलसिला 20वीं सदी के पहले दशक में शुरू हुआ। इतिहासकारों की मानें तो ब्रिटिश कोलंबिया से गुजरते हुए ब्रिटिश सेना के सैनिक वहां की उपजाऊ भूमि देखकर आकर्षित हो गए। 1970 के दशक तक, सिखों की मौजूदगी कनाडा में बहुत कम थी। लेकिन 1970 के दशक में यह बदल गया। भारत ने मई 1974 में राजस्थान में पोखरण परमाणु परीक्षण किया। इससे कनाडा की सरकार नाराज हो गई। कनाडा का मानना था कि उसने भारत को शांति के मकसद से परमाणु ऊर्जा के लिए रिएक्‍टर्स दिए हैं। भारत ने CANDU टाइप के रिएक्‍टर्स का प्रयोग किया था। उस समय पियरे ट्रूडो कनाडा के पीएम थे खफा हो गए और भारत के साथ कनाडा के रिश्‍ते खराब हो गए। जिस समय यह सब हो रहा था, उसी समय भारत में खालिस्‍तान आंदोलन को हवा मिल रही थी।

खालिस्‍तान समर्थक कनाडा से भारत के रिश्‍ते अबतक के सबसे निचले स्‍तर पर पहुंच गए हैं। एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा की सरजमीं पर खालिस्‍तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्‍जर की हत्‍या का आरोप भारतीय सुरक्षा एजेंसी पर लगाया था। अब एक कदम और आगे बढ़ते हुए कनाडा ने एक ऐसी हरकत की है, जो कभी पाकिस्‍तान और चीन जैसे विरोधी देशों ने भी आज तक नहीं की थी। कनाडा ने भारतीय खुफिया एजेंसी के अधिकारी पवन कुमार राय का नाम जानबूझ कर उजागर कर दिया।

भारत ने इससे पहले कई बार चीन और पाकिस्‍तान के राजनयिकों पर एक्‍शन लिया, लेकिन कभी उनकी खुफिया एजेंसी के अधिकारी का नाम उजागर नहीं किया. यहां तक कि चीन और पाकिस्‍तान जैसे भारत के कट्टर विरोधी देशों ने भी इस तरह खुफिया एजेंसी के अधिकारियों का नाम कभी उजागर नहीं किया। कनाडा की इस ओछी हरकत की हर कोई आलोचना कर रहा है।

कैनेडियन पत्रकार डेनियल बोर्डमैन जस्टिन ट्रुडो के बयान और भारतीय राजनयिक को देश से हटाने के उनके फैसले से हैरान हैं। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि हरदीप सिंह निज्जर की मौत में भारत का हाथ होने को लेकर एक आंतरिक रिपोर्ट आई है। इस रिपोर्ट की जाँच चल रही है। लेकिन इस रिपोर्ट के आधार पर भारतीय राजनयिक को हटाना पागलपन जैसा है।

पत्रकार बोर्डमैन ने यह भी लिखा कि ट्रुडो और उनकी टीम का यह व्यवहार पूरी तरह से बकवास है। उन्हें नहीं लगता कि पीएम ट्रुडो के इस फैसले से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी प्रकार का लाभ मिलने वाला है। 

बता दें कि जस्टिन ट्रूडो के पैरोडी अकाउंट से भी पोस्ट शेयर किया गया है। इस पोस्ट में यूजर ने लिखा, “हमारी वोटिंग अब तक के सबसे निचले स्तर पर है। इसलिए मुझे कनाडाई लोगों का ध्यान भटकाने के लिए एक नई समस्या पैदा करने की आवश्यकता है। यही कारण है कि मेरी सरकार इस साल की शुरुआत में हुई एक सिख व्यक्ति की हत्या को लेकर भारत के साथ संबंधों के बारे में अचानक ही बड़ी-बड़ी बातें कर रही है। अगर लोग डरे हुए होंगे तो मुझे अधिक समर्थन मिल सकता है।”


पियरे नामक यूजर ने लिखा, “ट्रूडो प्रसिद्ध आतंकवादी प्रेमी है।”

‘ए किड फ्रॉम ब्रुकलिन’ नामक यूजर ने एक्स पर लिखा, “वह सिख वोटों लिए पूरी योजना बना रहे हैं। वे इस बात से चिंतित नहीं हैं कि मंदिरों पर हमले हो रहे हैं और बदला लेने की बात की जा रही है।”

एक अन्य यूजर ने भारत के खिलाफ बयानबाजी को कनाडा के लिए नुकसानदेह होने का अंदेशा जताया। यूजर ने लिखा, “यह भारत-कनाडा संबंधों के लिए बहुत बड़ा खतरा होगा। भारत एक उभरती हुई शक्ति है और मुझे नहीं लगता कि सहयोगी देश इन आरोपों पर कनाडा का पक्ष लेंगे।”

कैनेडियन सोशल मीडिया यूजर ने जस्टिन ट्रूडो पर इस तरह की बयानबाजी और राजनयिक को हटाने का फैसला आंतरिक मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए लेने का आरोप लगाया है। जेसन कुचिरका नामक यूजर ने लिखा, “मुझे लगता है कि यह सब ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है। मुझे हैरानी हो रही है।”

दरअसल, खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की 18 जून, 2023 को दो अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने भारत को दोषी ठहराते हुए भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया था। भारत ने इसकी कड़ी आलोचना करते हुए कनाडाई राजनयिक को 5 दिन के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया है। चूँकि ट्रुडो के झूठे आरोपों से दोनों देशों के बीच संबंध खराब हो गए हैं। इसलिए कनाडा में ट्रुडो का विरोध हो रहा है।