Sunday, December 22

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 17 सितम्बर :

भारत की खिताबी जीत से मिनर्वा फुटबॉल क्लब(एफसी) के युवा और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों ने न केवल इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया, बल्कि सैफ चैम्पियनशिप में भारतीय अंडर-16 टीम को जीत दिलाकर राष्ट्रीय ध्वज भी ऊंचा रखा है।

जीत में योगदान देने वाले 5 खिलाड़ियों में नगारियांबम अभिजीत, चिंगथम रेनिन सिंह, कंगुजम योहेनबा मेइतेई, विशाल यादव और करीश सोरम के नाम शामिल हैं। सभी ने टीम को मजबूती दी और अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया। चैंपियन बनने की उनकी यात्रा उनकी अटूट प्रतिबद्धता, कौशल और समर्पण का प्रमाण है।

अभिजीत, रेनिन और योहेनबा मेइतेई ने मिनर्वा कैंप में क्षमताओं को निखारने के बाद मैदान पर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया और दर्शकों को हैरान कर दिया। सामने वाली टीम की गेम को समझने, डिफेंडरों को चकमा देने और गोल करने का मौका बनाने की उनकी क्षमता ने टीम को एक लेवल आगे पहुंचाया।

दूसरी ओर, विशाल यादव और करीश सोरम मिनर्वा के वर्ल्ड कप 2034 प्रोजेक्ट के पहले बैच से उभरे। उनके रॉ टैलेंट को मिनर्वा के स्पेशलिस्ट कोचेज ने िनखारा और उसी के दम पर वे भारतीय अंडर-16 टीम की ओर से शानदार प्रदर्शन कर पाए। युवा प्रतिभाओं को विकसित करने की अपनी प्रतिबद्धता के लिए प्रसिद्ध मिनर्वा एफसी भारतीय फुटबॉल के लिए आशा की किरण है।

अभिजीत, रेनिन, योहेनबा, विशाल और करीश की सफलता दिखाती है कि क्लब किस तरह से विश्व स्त

के फुटबॉलर तैयार करने में अपना योगदान दे रहा है।
इन युवा चैंपियनों ने न केवल अपने परिवार और फुटबॉल समुदाय को गौरवान्वित किया है, बल्कि भारतीय फुटबॉल के विकास और वृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी उठाया है। उनकी यात्रा उस अपार क्षमता का प्रमाण है जो देश में मौजूद है। अगर जरूरत है तो सिर्फ उन्हें निखारने की जो मिनर्वा कर रहा है।

क्लब ने अपने पांच चैंपियन का स्वागत किया और ये दिखाया कि वे हर लेवल पर स्टार खिलाड़ी तैयार कर सकते हैं। क्लब ने कहा कि उनकी कामयाबी अब आने वाले फुटबॉलर्स को मदद करेगी और वे उनसे मोटिवेशन ले पाएंगे। उन्होंने साबित कर दिया कि कड़ी मेहनत, लगन और सही मार्गदर्शन से सपने वास्तव में हकीकत बन सकते हैं।