शांडिल्य पर फर्जी रेप केस दर्ज करने वाले रजनीश यादव व गुरदर्शन बुरे फंसे
- 2 करोड़ के मुआवजे की याचिका पर रजनीश यादव व गुरदर्शन सिंह को कोर्ट ने किया नोटिस जारी
- 10 अक्तूबर 2023 को कोर्ट ने रजनीश यादव व गुरदर्शन सिंह सहित अन्य को कोर्ट में पेश होने के लिए नोटिस जारी किया
डेमोक्रेटिक फ्रंट, अम्बाला – 14सितम्बर :
2011 में मोटी रकम लेकर फर्जी मनघड़ंत झूठा रेप केस दर्ज करने वाले बलदेव नगर के पूर्व थाना प्रभारी रजनीश यादव व अर्बन एस्टेट चौकी के पूर्व प्रभारी गुरदर्शन सिंह पर वीरेश शांडिल्य ने कानूनी शिकंजा कसते हुए इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ 2 करोड़ के सिविल सूट (मुआवजे ) का केस हाईकोर्ट के आदेश के बाद जज वंदना की अदालत ने रिस्टोर करने के आदेश सुनाए। शांडिल्य की तरफ से एडवोकेट मोहित सहगल व वासु रंजन शांडिल्य पेश हुए।
एडवोकेट मोहित सहगल ने सिविल जज जूनियर डिवीजन वंदना की कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कोर्ट को सिलसिलेवार तरीके से आरोपी इंस्पेक्टर रजनीश यादव, सब इंस्पेक्टर गुरदर्शन सिंह की रची गई साजिश के बारे में बताया और कहा कि इन दोनों अधिकारियों ने रेप का फर्जी केस दर्ज कर फर्जी जांच की और सजा करवाने की नीयत से झूठे गवाह खड़े कर अदालत में चालान पेश किया । एडवोकेट मोहित सहगल ने अदालत को बताया कि इन दोनों ने एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य जो जनहितों को लेकर समाज मे जमीनी व कानूनी लड़ाई समाज के भले के लिए लड़ते हैं और हाईकोर्ट में दर्जनों जनहित याचिकाएं दायर की जिस पर हाई कोर्ट ने अहम फैसले दिए। लेकिन इंस्पेक्टर रजनीश यादव व गुरदर्शन सिंह ने फर्जी केस दर्ज किया व बिना जांच किये व सबूत जुटाए वीरेश शांडिल्य को गिरफ्तार कर निर्दोष होते जेल में डाल दिया। सहगल ने अदालत को बताया की बलदेव नगर के पूर्व थाना प्रभारी रजनीश यादव को तत्कालीन एडिशनल एसपी देवेंद्र यादव ने लिखित आदेश दिए थे कि पहले वो शिकायत की जांच करे लेकिन वीरेश शांडिल्य व उसके परिवार का भविष्य बर्बाद करने की इन दोनों अधिकारियों की सोची समझी साजिश थी और दोनों पुलिस अधिकारियों ने कानून व संविधान की धज्जियां उड़ाते हुए अपने पद व खाकी का दुरुपयोग कर निर्दोष वीरेश शांडिल्य को गिरफ्तार किया और 4 साल की लंबी लड़ाई के बाद वीरेश शांडिल्य को अतिरिक्त सेशन जज दीपक अग्रवाल की कोर्ट ने बाई इज्जत बरी किया। शांडिल्य के एडवोकेट मोहित सहगल ने कहा कि बरी होने के बाद वीरेश शांडिल्य ने अपने ऊपर दर्ज झुठे केस को लेकर कांनूनी लड़ाई लड़ते हुए सेशन अदालत में फर्जी रेप का केस दर्ज करवाने वाली महिला व इंस्पेक्टर रजनीश यादव व सब इंस्पेक्टर गुरदर्शन सिंह के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 340 के तहत केस दायर किया जिसमें वीरेश शांडिल्य कोर्ट से जीते व उन्होंने रजनीश यादव व गुरदर्शन सिंह के खिलाफ 2 करोड़ का मुवावजा डाला लेकिन तकनीकी आधार पर वो जज हर्ष कुमार की कोर्ट ने डिसमिस कर दिया तब वीरेश शांडिल्य ने स्थानीय कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनोती दी और हाई कोर्ट के जस्टिस अनिल खेत्रपाल ने उनकी याचिका को स्वीकार कर लोवर कोर्ट को 17 अगस्त 2023 को आदेश दिया कि 17 सितंबर 2023 तक वीरेश शांडिल्य आरोपियों के खिलाफ 2 करोड़ की कोर्ट फीस जमा करवा दें । वीरेश शांडिल्य ने 13 सितंबर 2023 को जज वंदना की कोर्ट में 2 करोड़ की 4 लाख 37 हजार 600 रुपये फीस जमा करवा दी और अदालत ने इस पर पुनः सुनवाई के लिए 14 सितंबर 23 की दिनांक निर्धारित की। आज वीरेश शांडिल्य कोर्ट में हाजिर थे और उनके वकील मोहित सहगल की दलीलों के बाद वीरेश शांडिल्य के 2 करोड़ के सिविल सूट पर आरोपी रजनीश यादव, गुरदर्शन सिंह व रेप की फर्जी शिकयत देने वाली महिला व अन्य को 10 अक्तूबर 2023 के लिए नोटिस जारी कर अदालत में पेश होने के आदेश दिए। फिलहाल वीरेश शांडिल्य ने रजनीश यादव व गुरदर्शन सिंह की मुश्किलें बढ़ना तय है।शांडिल्य ने पत्रकारो को कहा कि साच को आंच नही झूठ के पैर नही। उन्होंने कहा कि उन्हें देश के कानून व अडलतों पर विश्वास है। और वो अपने ऊपर हुए जुल्म करने वाले इन दोनों अधिकारियों को बेनकाब करेंगे।ताकि फिर कोई भी पुलिस वाला खाकी का दुरुपयोग कर किसी निर्दोष पर फर्जी केस दर्ज कर लालच में जेल में न डाल सके ।