पंचांग, 12 सितम्बर 2023

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 12 सितम्बर 2023 :

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कैलाश यात्रा प्रारम्भ

नोटः आज भौम प्रदोष व्रत एवं कैलाश यात्रा प्रारम्भ।

Pradosh Vrat Febraury 2021: भौम प्रदोष व्रत तिथि, महत्व, शुभ मुहूर्त, पूजा  विधि, व्रत कथा

भौम प्रदोष व्रत : सावन सोमवार के बाद अब महादेव की कृपा प्राप्त करने के लिए भौम प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस बार यह शुभ तिथि 12 सितम्बर दिन मंगलवार को है। मंगलवार के दिन जब प्रदोष तिथि का योग बनता है तो उसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। हर माह की शुक्ल और कृष्ण पक्ष में आने वाली त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव का प्रदोष व्रत किया जाता है।

विक्रमी संवत्ः 2080, 

शक संवत्ः 1945, 

मासः भाद्रपद, 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः त्रयोदशी रात्रि काल 02.22 तक है, 

वारः मंगलवार। 

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।

नक्षत्रः आश्लेषा रात्रि काल 11.01 तक है, 

योगः शिव रात्रि काल 01.11 तक, 

करणः गर, 

सूर्य राशिः सिंह, चन्द्र राशिः कर्क, 

राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.09, सूर्यास्तः 06.26 बजे।