विहिंप के 60वें स्थापना दिवस ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया
डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 08 सितम्बर :
विश्व हिंदू परिषद के 60वें स्थापना दिवस और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर त्रयंबकेश्वर धाम,नगर खेड़ा मंदिर,धर्मपुर कॉलोनी,पिंजौर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अधिक जानकारी देते हुए जिला सहसंयोजक प्रदीप नवानी ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता के तौर पर विहिप क्षेत्रीय संगठन मंत्री मुकेश खांडेकर जी ने शिरकत की। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से विभाग मंत्री शैलेश शर्मा, विभाग संगठन मंत्री नवीन,बिल्लू राम बाजीगर विभाग सहसंयोजक बजरंग दल, जिला अध्यक्ष श्रीनिवास दीक्षित,जिला मंत्री प्रदीप राणा शामिल रहे।
माननीय मुकेश खांडेकर जी द्वारा दीप प्रज्वलित और पंडित जगदीश शर्मा द्वारा मंत्रोच्चार के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
सर्व हिंदू समाज व कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए माननीय मुकेश खांडेकर जीे ने कहा कि श्री कृष्ण की जन्माष्टमी ही एक ऐसा सनातन हिंदू धर्म का बहुत बड़ा त्यौहार है जो संपूर्ण विश्व में सर्वाधिक मनाए जाता है जहां भी हिंदू है वह चाहे अपने घर, परिवार,मंदिरों,सार्वजनिक स्थानों पर उनके जन्म का उत्सव मनाता है लेकिन कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार किस कारण मनाया जाता है यह हम सबको समझना चाहिए,श्री कृष्ण ने जन्म लिया,किस उद्देश्य को लेकर उन्होंने इस धरती पर जन्म लिया था संपूर्ण विश्व भर में हम उनका जन्म उत्सव तो मानते हैं लेकिन जिस उद्देश्य से उन्होंने जन्म लिया था यह सोचने की बात है कि इस धरती पर हम सब जानते हैं जितने भी महापुरुष हुए है जब-जब अनाचार,अत्याचार बढ़ता है राक्षसी प्रवृत्तियों की वृद्धि होने लगती है तो परमात्मा किसी न किसी रूप में जन्म लेता है भगवान ने कभी वराह, नरसिंह,मत्स्य,कूर्म, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण अवतार में जन्म लिया लेकिन हमने तो केवल उनको देवता मात्र मानकर सोच लिया की हम उन्हें पूजेंगे और वह हमारी रक्षा करेंगे, वास्तव में इन कार्यक्रमों का उद्देश्य यह नहीं है भगवान का कीर्तन पूजन करना लेकिन भगवान के कर्मों को अपने जीवन में आत्मसार करते हुए जो भगवान ने किया, मनुष्य रूप में जन्म लिया लेकिन नर से नारायण के रूप में जो प्रक्रिया है उसके लिए जो उन्होंने संकल्प लेकर तपस्या की साधना की प्रवास किया, यह कर्म हमको भी अपने जीवन में करना चाहिए और इसी उद्देश्य को लेकर 1964 में स्वामी चिन्मयानंद जी के आश्रम में मुंबई में विश्व हिंदू परिषद की स्थापना हुई, देश के संत,महात्मा, महापुरुष सबने मिलकर जिसमें मास्टर तारा सिंह जी,एस एस आप्टे, सुशील मुनि जी,मुंशी कन्हैयालाल जी थे कई जगतगुरु, महामंडलेश्वर थे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सुप्रीमो परम पूज्य श्री गुरु जी सब लोगों ने मिलकर कहा कि विश्व हिंदू परिषद धर्म की रक्षा का काम करेगा,समाज को साथ लेकर समाज का मार्गदर्शन करना,समाज को दिशा दिखाने और हिंदू समाज की दशा को सुधारने का काम करेगा, इसलिए 1964 में स्थापना हुई और अब यह 60 वर्ष की यात्रा इस कृष्ण जन्माष्टमी को पूर्ण हो रही है,इसके अतिरिक्त मुकेश खांडेकर जी ने लव जिहाद, धर्मांतरण, बूढ़ा अमरनाथ यात्रा, सनातनधर्म और उसकी चुनौतियों के विषय में कई बातें लोगों के बीच रखी और विहिप द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यों की जानकारियां सांझा करने के साथ विहिप स्थापना दिवस व भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं भी दी
इस अवसर पर भजन संध्या का आयोजन किया गया व महिलाओं द्वारा कीर्तन किया गया, हनुमान चालीसा का पाठ व भारत माता की आरती के बाद कार्यक्रम में आए सभी अतिथिगण,कार्यकर्ताओं व महिला कीर्तन मंडली का सम्मान किया गया, इस मौके पर सुरेंद्र वर्मा प्रखंड अध्यक्ष बरवाला, नरेश धीमान जिला उपाध्यक्ष,जिला संपर्क प्रमुख, प्रदीप नवानी जिला सहसंयोजक, श्रीकांत काला,श्रीधर भट्ट, पी एल नवानी, एसपी कोठारी, दिव्यांशु शर्मा, ममता चतुर्वेदी, सुनील चौधरी, नरेश रावत,सचिन प्रखंड अध्यक्ष बजरंग दल, रेशव रघुवंशी,सुमित शर्मा,राहुल,मल्होत्रा,राजू ,केशु ,जतिन, शबद ,मुकुल सहित कई कार्यकर्ता व सामाजिक लोग मौजूद रहे