- एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के रष्ट्रीय अध्य्क्ष वीरेश शांडिल्य ने बब्बर खालसा के आतंकवादियो द्वारा मानव बम से उड़ाए गए शहीद सीएम बेअंत सिंह के शहीदी दिवस पर किया जीटी रोड पर प्रदर्शन
- 2004 में बेअंत सिंह के हत्यारे बुड़ैल जेल ब्रेक कर भाग गए,थे इसलिए इनका जिंदा रहना देश के लिए खतरा
डेमोक्रेटिक फ्रंट, अम्बाला – 31अगस्त :
एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं विश्व हिन्दू तख्त प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने आज पंजाब से आतंकवाद को जड़मूल से मिटाने वाले व पंजाब को रंगला पंजाब बनाने वाले पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह को बब्बर खालसा के आतंकवादियों ने पंजाब सिविल सचिवालय में मानव बम्ब बन मौत के घाट उतार दिया और शहीद बेअंत सिंह के साथ 35 बेगुनाहों को भी मौत के घाट उतारा था ।
आज उन्ही बब्बर खालसा आतंकवादी संगठन के भारत प्रमुख जगतार सिंह हवारा, परमजीत सिंह भयौरा, आतंकवादी जगतार सिंह तारी, दिलावर सिंह, बलवंत सिंह राजोआणा के खिलाफ दिल्ली अमृतसर रोड पर प्रदर्शन किया। एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के सैंकड़ो सदस्यों ने आतंकवादियो के पोस्टर बैनर उठा कर इन आतंकवादियो का विरोध किया व वीरेश शांडिल्य ने इन आतंकवादियों को जिंदा रखना राष्ट्र के लिए खतरा बताया । उन्होंने कहा बब्बर खालसा के इन आतंकवादियों ने आज के दिन 31 अगस्त 1995 को सिविल सचिवालय में मौत के घाट उतार दिया जहां परिंदा भी पर नही मार सकता लेकिन यह आतंकवादी मास्टर माइंड व देश के तिरंगे व संविधान के विरोधी ओर भारत को तोड़ने वाले हैं और बब्बर खालसा के आतंकवादी जगतार सिंह हवारा सहित उनके साथियों को पाक आतंकवादियों व आईएसआई का सरक्षण है ऐसे में इन आतंकवादियों को तिहाड़ जेल में जिंदा रखना देश के लिए हर वक़्त खतरा है। एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने फ्रंट के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि बब्बर खालसा के इन आतंकवादियो को फांसी की सजा हुई थी उसले बावजूद जगतार सिंह हवारा व आतकवादी परमजीत सिंह, जगतार सिंह तारा 2004 में बुड़ैल जेल में 109 फूट की सुरंग खोद फरार हो गए थे जो केस 2004 में उन्होंने हाईकोर्ट में उठाया था और उनके संगठन एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया ने मांग की थी कि बुड़ैल जेल ब्रेक की सीबीआई जांच की मांग की थी । उन्होंने कहा कि इन मास्टरमाइंड आतंकवादियो जिन्हें पाक की आई एस आई का समर्थन है इनको तिहाड़ जेल भेजा गया और फिर जब इन आतंकवादियो को दिल्ली तिहाड़ जेल से चंडीगढ़ व रोपड़ की अदालतो में बाई रोड लाया जाता था जिसका उनके एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया ने विरोध किया व केंद्र व राज्य सरकारों को पत्र लिखा कि इन मास्टर माइंड आतंकवादियो को बाई रोड न लाया जाए जब ये जेल में सुरंग खोद भाग सकते हैं तो रोड से भगाना तो इन आतंकवादियो के लिए आसान होगा जबकि दिल्ली, हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ की सुरक्षा का खर्चा अलग व जनता को असुविधा व खतरा अलग था।
वीरेश शांडिल्य ने इस मौके पर पत्रकारो को बताया कि 2008 में जब केंद्र व राज्य सरकारों ने कुछ नही किया तो उनके एन्टी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर इन तमाम आतंकवादियो की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से करवाने की मांग की जिसे हाई कोर्ट ने स्वीकार किया। शांडिल्य ने कहा मुख्यमंत्री बेअंत सिंह को मौत के घाट उतारने वाले इन आतंकवादियो के खिलाफ वो 19 साल से लड़ रहे हैं और आज के पर्दशन में भी जहां शहीद मुख्यमंत्री बेअंत सिंह अमर रहे के नारे लगे, भारत माता की जय, इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगे वही जगतार सिंह हवारा, परमजीत सिंह, जगतार सिंह तारी, बलवंत सिंह राजोआणा सहित देवेंद्र भुलर को जेलों में जिंदा रखने को राष्ट्र के लिए बड़ा खतरा बताया और इनको फांसी दे देनी चाहिए क्योंकि ये हिंदुस्तान के दुश्मन हैं और वही एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया ने मोहली के मटौर में इन आतंकवादियों की रिहाई की मांग करने वाले इंसांफ मोर्चा सहित तमाम कटरपथियो व खालिस्तानियों पर राष्ट्रद्रोह का केस पंजाब के सीएम दर्ज कर इन तमाम देशद्रोहियों को जेल में डालें और इसके लिए गृह मंत्री अमित शाह को भी सख्त रवैया अख्तयार करना होगा।इस मौके पर फ्रंट के सदस्यों ने खालिस्तान मुर्दाबाद, व भारतीय ध्वज सहित सरदार बेअंत सिंह, जरनल वैध,व केपीएस गिल के पोस्टर हाथों में लेकर खालस्तानी आतंकवादियो को फांसी लटकाने के बैनर उठा रखे थे और तमाम सदस्य शहीद बेअंत सिंह अमर रहे के नारे लगा रहे थे ।
इस मौके पर अंकुश उपल, भूपिंदर सिंह,त तरसेम सैनी, राजन, दीपक नटराज, मनीष सहित भारी संख्या में फ्रंट के सदस्य माजूद थे।