पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – राशिफल, पंचांग 28 अगस्त 2023 :
नोटः सोम प्रदोष व्रत है : हिन्दू पंचाग के अनुसार, हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को यह व्रत रखा जाता है। सोमवार की दिन यह तिथि पढ़ने पर इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। सोमवार के दिन यह व्रत पड़ने के कारण इसे सोम प्रदोष व्रत भी कहा जाता है। इस बार सावन महीने के आखरी सोमवार यानी 28 अगस्त को सोम प्रदोष व्रत रखा जाएगा।
विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।
विक्रमी संवत्ः 2080,
शक संवत्ः 1945,
मासः श्रावण (शुद्ध द्वितीय),
पक्षः शुक्ल पक्ष,
तिथिः द्वादशी सांयकालः 06.23 तक है,
वारः सोमवार।
नक्षत्रः उत्तराषाढ़ा रात्रि काल 02.43 तक है,
योगः आयुष्मान प्रातः काल 09.56 तक,
करणः बव,
सूर्य राशिः सिंह, चंद्र राशिः धनु,
राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक,
सूर्योदयः 06.01, सूर्यास्तः 06.43 बजे।