पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – राशिफल, पंचांग 26 अगस्त 2023 :
विक्रमी संवत्ः 2080,
शक संवत्ः 1945,
मासः श्रावण (शुद्ध द्वितीय),
पक्षः शुक्ल पक्ष,
तिथिः दशमी रात्रिकालः 12.09 तक है,
वारः शनिवार।
विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।
नक्षत्रः ज्येष्ठा रात्रि काल 08.38 तक है,
योगः विष्कुम्भक सांय काल 04.26 तक,
करणः तैतिल,
सूर्य राशिः सिंह, चंद्र राशिः वृश्चिक,
राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक,
सूर्योदयः 06.00, सूर्यास्तः 06.45 बजे।