Friday, November 22
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संदीप सैंडी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 25 अगस्त :

चंडीगढ़ के इलाके में सरकार तथा पुलिस प्रशासन, नशा तस्करी और उसके बढ़ते कारोबार पर लगाम लगाने में फेल साबित हो चुका है, प्रशासन केवल कागजी कार्रवाई तक समिति रह गया है और खानापूर्ति के लिए नाममात्र कार्रवाई कर नशे को रोकने मे पूर्णत: नाकाम साबित हो चुका है, उक्त आरोप चंडीगढ़ युवा दल के प्रधान विनायक बांगिया और संजयोक सुनील यादव ने शहर में बढ़ रहे नशे के कारोबार और नशा तस्करी को रोकने में नाकाम प्रशासन की कार्रवाई को देखते हुए लगाए हैं। शहर में चिट्टा-समैक-कोकेन-निकोटिन हुक्का जैसे नशों ने जड़ें पकड़ ली हैं जिस कारण युवाओं को एक सुनियोजित रूप से नशे में धकेला जा रहा है। सरकार के पास नशे को रोकने के लिए किसी प्रकार का कोई भी स्थायी हल नहीं है

यादव का कहना है कि चंडीगढ़, पंजाब हिमाचल व हरियाणा से सटा हुआ बार्डर का क्षेत्र है जहां नशा कारोबारी धड़ले से नशा बेच रहे हैं, इसलिए उन्होंने नशा तस्करी को रोकने के लिए जिले के बॉर्डर एरियाज पर परमानेंट नाकाबंदी का सुझाव दिया था लेकिन महीनों बीतने के बावजूद अब तक बार्डर एरियाज नशा कारोबारियों के लिए खुले हैं जिससे सरेआम नशे को इलाके में लेकर आया जा रहा है। सबसे ज्यादा जरूरत शहर में आने वाली गाड़ियों की गहनता से चेकिंग की है। विनायक का आरोप है कि अब तक पुलिस प्रशासन व सरकार इलाके के किसी बड़े नामी नशा कारोबारी को पकड़ नहीं पाई है उन्होंने कहा कि अनेकों बार डीजीपी, एसएसपी व संबंधित अधिकारियों से नशा रोकने की मांग करते आ रहे हैं परंतु फिर भी इलाके में नशा कारोबारी नशे को कही छुप कर नहीं बल्कि सरेआम बेच रहे हैं। 

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