चांद पर तिरंगा
संदीप सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 24अगस्त :
आज एक प्रेस विज्ञप्ति में शिक्षा विद् बीनू राव ने कहा कि आज हर भारतीय के लिए यह महान गर्व का पल है। चांद के उस हिस्से में हमारा चंद्रयान प्रज्ञान पहुंचा है, जहां आज तक कोई भी देश नहीं पहुंच पाया। साठ के दशक से ही अंतरिक्ष की अनंत गहराइयों में झांकने और चांद की यात्रा करने वाले देश अमेरिका और रूस भी इस उपलब्धि को अभी तक हासिल नहीं कर पाए, लेकिन हमारे अद्भुत मेधा वाले वैज्ञानिकों ने अपने कौशल, ज्ञान, परिश्रम और अथक लगन से यह जीत हासिल की है। समस्त देशवासियों की ओर से इस अभियान में जुटे हर मनुज को ढेर सारा साधुवाद। आभार।
बीनू राव ने कहा कि हम भारतीय बचपन से चंद्रमा को लेकर अच्छे वाले स्वप्न संजोते हैं। कभी मामा का दुलार, तो कभी चरखा कातती अम्मा, तो कभी चांद सी प्रेयसी ढूंढते रहते हैं। भले ही यह सब वास्तविकता से दूर हो लेकिन सुखद कल्पनाओं की अनुभूति का भी तो अपना आनंद है। यूं लग रहा है,मानो चंद्रयान ने चांद पर पहुंचकर हमारी हर उस मधुर कल्पना को साकार कर दिया हो।चंद्रयान की इस सफलता के कुछ सबक भी हमें समझने और जीवन में उतारने चाहिएं। पहले दो असफल प्रयासों के बाद हम तीसरी कोशिश में सफल हुए हैं। इसका सबसे बड़ा सबक तो यही है कि हमें अपनी क्षमताओं,संकल्प, मेहनत,ज्ञान पर अटूट भरोसा होना चाहिए। असफलता से खुद पीछे नहीं धकेलना चाहिए, बल्कि सीखकर और आगे बढ़ना चाहिए। यही जीवन के हर क्षेत्र में हो। दूसरी बात यह कि भले ही साधन संसाधन सीमित हों, चुनौतियां बड़ी हों, बाधाएं अपार हों, पर हमारा हौंसला,हमारी सोच,हमारे संकल्प उन सबसे बहुत बहुत बड़े हैं। हम आगे की ओर ही गतिशील हों। जब ठान लिया,तो ठान लिया।अब हमें और हमारे नीति निर्धारकों,सरकारों को भी शांत नहीं बैठना चाहिए। विज्ञान की पढ़ाई को और आगे कैसे ले जाएं इस पर काम हो,खासकर ग्रामीण अंचल में इस पर ठोस काम किया जाना बेहद जरूरी है। रिसर्च पर खूब काम हो। साधन संसाधनों की कमी न हो। भारतीयों में न प्रतिभा की कमी है, ना लगन की बस उसे सही अवसर, सही मार्गदर्शन देने की जरूरत है।
पुनश्च: सभी को बधाई।