- चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला भारत बना पहला देश, लोगों में खुशी की लहर, जमकर की देश के वैज्ञानिकों की सराहना।
- भारत ने अपने अंतरिक्ष ज्ञान से पूरे विश्व में अपनी एक विशिष्ट पहचान बना ली है, चंद्रयान-3 चंद्रमा पर अपने अनेक वैज्ञानिक अनुसन्धान करेगा जिसका लाभ न सिर्फ भारत को बल्कि पूरा विश्व इससे लाभान्वित होगा।
- मेहनत और प्रयास ही सफलता का आधार- अरूण सिंगला
नन्द सिंगला, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 24 अगस्त :
चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला भारत पहला देश बनने पर लोगों में खुशी की लहर है और जमकर देश के वैज्ञानिकों की सराहना कर रहे है।
वैश्य अग्रवाल सभा रजि.रायपुररानी के चेयरमैन अरूण सिंगला ने चन्द्रयान-3 की सफलता के लिए इसरो को पूरी टीम को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अंतरिक्ष में भारत की सफलता ने विश्व में भारत का नाम रोशन किया है। भारत के लिए यह ऐतिहासिक एवं गौरवमयी क्षण है। एक अध्ययन से पता चलता है कि हॉलीवुड में चंद्र-मिशन पर जो फिल्में बनी है, उन पर खर्च होने वाले बजट से बहुत कम बजट में चन्द्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण हुआ है। इससे सिद्ध होता है कि मेहनत और प्रयास ही सफलता का आधार हैं। आज समस्त भारत स्वयं को गौरवान्वित अनुभव कर रहा है।सभा के अरविन्द कुमार सिंधल ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि चन्द्रयान-3 की सफलता से भारत का गौरव पूरे विश्व में बढ़ा है। विश्वगुरु बनने की राह में यह भारत का एक बहुत बड़ा कदम है। इस चन्द्रयान-3 की मदद से अगर चंद्रमा पर मौजूद पानी या खनिजों और धातुओं तक इंसान की पहुंच आसान हुई तो उनका इस्तेमाल भविष्य में मानवता के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा।
वैश्य अग्रवाल सभा के संरक्षक श्याम लाल अग्रवाल ने इसरो के वैज्ञानिकों के अथक प्रयास से यह कामयाबी मिली है। चंद्रयान-3 की सफलता से अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण क्रांति आएगी। इसका सबसे बड़ा लाभ विज्ञान के विद्यार्थियों को होगा जिन्हें अब इस विषय में अपना करियर बनाने में बहुत अधिक अवसर मिलेंगे। भारतीय वैज्ञानिकों की अथक मेहनत और प्रयास से यह संभव हो पाया है। आगे भी इस प्रकार के सफल मिशन इसरो द्वारा लॉन्च होते रहें ऐसी हार्दिक शुभकामनाएं।
व्यापार मंडल प्रधान प्रदीप अग्रवाल, अशवनी कुमार सिंधल ने कहा कि अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चौथा देश है जो चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में कामयाब रहा है। चंद्रमा के साउथ पोल पर अभी तक कोई भी देश लैंडिंग नहीं कर पाया था, परंतु चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने यह सफलता हासिल कर समस्त भारतीयों को गौरवान्वित किया है। अभी तक किस्से-कहानियों में चांद पर जाने की बात सुनी जाती थी। इसे आज इसरो के वैज्ञानिकों ने सच कर दिखाया है।
उप प्रधान सचिन गुप्ता ने कहा कि -चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग भारत ही नहीं पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण और लाभकारी है। जल्द ही चंद्रयान-3 चंद्रमा पर वहां की जलवायु, पानी, मिट्टी, खनिज आदि के विषय में महत्वपूर्ण जानकारियां पृथ्वी पर भेजेगा। इससे चंद्रमा के अनेक रहस्यों से पर्दा हटेगा यह भारत के लिए गर्व और गौरव का समय है। अंकित सिंगला ने कहा कि चन्द्रयान-3 की सफलता हमारे वैज्ञानिकों के दृढ संकल्प, परिश्रम और त्याग का प्रतीक है। चंद्रयान-3 की सफलता से अब भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा। इस क्षेत्र में ज्यादा स्टार्टअप की गुंजाइश बढऩे की उम्मीद है। देश में कई नए स्टार्टअप स्थापित हो सकते हैं। इसके साथ ही इस क्षेत्र से जुड़े जो स्टार्टअप पहले से हैं, उन्हें अब बेहतर फंडिंग मिलने की संभावना बढ़ेगी। कई देश यहां पर मौजूद स्टार्टअप से कनेक्ट हो सकते हैं।
प्रधान नन्द सिंगला ने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता पर प्रत्येक भारतवासी को गर्व है। चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी छोर पर लॉन्चिंग की है, जहां पहुंचने वाला भारत पहला देश बन गया है। इसके लिए भारत के शीर्ष नेतृत्व तथा इसरो की पूरी टीम को हार्दिक शुभकामनाएं।
अब भारत ने अपने अंतरिक्ष ज्ञान से पूरे विश्व में अपनी एक विशिष्ट पहचान बना ली है। चंद्रयान-3 चंद्रमा पर अपने अनेक वैज्ञानिक अनुसन्धान करेगा जिसका लाभ न सिर्फ भारत को बल्कि पूरा विश्व इससे लाभान्वित होगा।