पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – राशिफल, पंचांग 17 अगस्त 2023 :
नोटः आज भाद्रपद संक्रांति है। मेला छिन्नमस्तिका (चिन्तपूर्णी) प्रारम्भ हो रहा है। छिन्नमस्तिका मेला श्रावण माह के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को शुरू होता है – उत्तर भारत में पारंपरिक हिंदू कैलेंडर के अनुसार चंद्रमा के बढ़ते चरण का पहला दिन। 2023 में, छिन्नमस्तिका मेला 17 अगस्त को शुरू होता है। यह मेला हजारों लोगों को आकर्षित करता है।
विक्रमी संवत्ः 2080,
शक संवत्ः 1945,
मासः श्रावण (शुद्ध द्वितीय),
पक्षः शुक्ल पक्ष,
तिथिः प्रतिपदा सांयकालः 05.36 तक है,
वारः गुरूवार।
विशेषः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः मघा सांय काल 07.58 तक है,
योगः परिघ सांय काल 07.29 तक,
करणः बणिज,
सूर्य राशिः सिंह, चंद्र राशिः सिंह,
राहु कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक,
सूर्योदयः 05.55, सूर्यास्तः 06.55 बजे।