पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – राशिफल, पंचांग 16 अगस्त 2023 :
नोटः आज श्रावण अमावस अधिक (मलमास) समाप्त हो रहा है। पूरे 19 साल बाद ऐसा दुर्लभ संजोग बना था कि साल 2023 का सावन कल 59 दोनों का हो गया। इसका सबसे बड़ा कारण इस दौरान अधिक मास या मलमास का पड़ना था। आखिरकर वह दिन आ गया जब 18 जून को शुरू हुआ मलमास समाप्त हो जाएगा।
विक्रमी संवत्ः 2080,
शक संवत्ः 1945,
मासः श्रावण (अधिक द्वितीय),
पक्षः कृष्ण पक्ष,
तिथिः अमावस अपराहन् 03.08 तक है,
वारः बुधवार।
विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें
नक्षत्रः आश्लेषा सांय काल 04.57 तक है,
योगः वरीयान सांय काल 06.30 तक,
करणः नाग,
सूर्य राशिः कर्क, चंद्र राशिः कर्क,
राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,
सूर्योदयः 05.55, सूर्यास्तः 06.56 बजे।