पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – राशिफल, पंचांग 14 अगस्त 2023 :
नोटः मास शिवरात्रि व्रत है। सावन अधिक शिवरात्रि व्रत का महत्वशास्त्रों में यह विदित है कि जो व्यक्ति श्रावन मास में शिवरात्रि व्रत एवं सोमवार व्रत का पालन करता है, उन्हें जीवन में सुख-समृद्धि और अक्षय पुण्य के समान फल की प्राप्ति होती है। पंचांग के अनुसार, इस वर्ष अधिक मास शिवरात्रि व्रत के दिन सावन सोमवार व्रत भी रखा जाएगा।
विक्रमी संवत्ः 2080,
शक संवत्ः 1945,
मासः श्रावण (अधिक द्वितीय),
पक्षः कृष्ण पक्ष,
तिथिः त्रयोदशी प्रातः 10.26 तक है,
वारः सोमवार।
विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः पुनर्वसु प्रातः काल 11.07 तक है,
योगः सिद्धि सांय काल 04.40 तक,
करणः वणिज,
सूर्य राशिः कर्क, चंद्र राशिः कर्क,
राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक,
सूर्योदयः 05.54, सूर्यास्तः 06.58 बजे।