Sunday, December 22

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 03अगस्त :

चण्डीगढ़ नगर निगम में नॉमिनेटेड काउंसलर नियुक्ति बारे जसपाल सिंह  समाजसेवी ने अपने वकील मनदीप के. साजन के माध्यम से पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। आज माननीय उच्च न्यायालय ने सुनवाई के लिए इस केस को रखा था। अब आगामी तारीख 30 अक्टूबर 2023 निश्चित की है ।

इस केस की सुनवाई के लिए माननीय उच्च न्यायालय ने अगली तारीख निर्धारित की है और चंडीगढ़ प्रशासन व सभी नॉमिनेटेड पार्षदों को पहले ही पेश  होने के लिए कहा जा चुका है।

नगर निगम में नॉमिनेटेड और चुनाव जीतकर आने वाले पार्षद की संख्या के साथ नगर निगम का गठन होता है। साथ ही साथ महापौर, उपमहापौर व वरिष्ठ उप महापौर का चुनाव भी नॉमिनेटेड पार्षदों के नॉमिनेशन के बाद होता रहा है लेकिन इस बार यह इतिहास बदल गया है ।

नॉमिनेटेड पार्षद के मनोनयन के लिए प्रशासन के पास काफी संख्या में दावेदारियां पहुंची थी ।  अप्रैल 2022 दौरान प्रशासन के अधिकारियों ने पुलिस व पटवारी के माध्यम से जांच के बाद जसपाल सिंह सहित 26 आवेदकों के नाम शॉर्टलिस्ट करके प्रशासक चंडीगढ़ के पास भेज दिए थे । इसी शॉर्ट लिस्ट में से 9 नॉमिनेटेड पार्षद होने चाहिए थे लेकिन कानून को व संविधान को ठेंगा दिखाते हुए सरकार व चंडीगढ़ प्रशासन ने मनमानी की है ।

विधिवत कानूनी तौर पर तैयार शॉर्ट लिस्ट  को नजरअंदाज करके बाहर से 9 नॉमिनेटेड पार्षद मनोनीत किए गए, कानून को व संविधान को ठेंगा दिखाते हुए सरकार ने मनमानी की है ।   इस कारण यह मामला माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष न्याय हेतु पहुंचा ।

जसपाल सिंह व उनके अधिवक्ता मनदीप के. साजन ने कहा कि सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन व किसी नॉमिनेटेड पार्षद की तरफ से उन्हें पिटीशन का जवाब नहीं मिला इससे यह कहा जा सकता है की सरकार और सभी नोमिनेटेड पार्षद तर्क के आधार पर यह सच बताने में नाकामयाब रहे  कि  शार्ट लिस्ट किए जा चुके 26 आवेदकों को किस आधार पर और किस कानून अनुसार नजरअंदाज किया गया और किस आधार पर वर्तमान नॉमिनेटेड पार्षदों के नाम की घोषणा की गई।