अंसल-114 में बुनियादी सुविधाओं और रखरखाव के उचित प्रावधान न किये जाने पर डेवलपर और रखरखाव कंपनियों के दफ्तरों पर ताला जड़ा व धरना-प्रदर्शन किया  

मोहाली : अंसल गोल्फ लिंक्स-1, सेक्टर-114 एसएएस नगर (मोहाली) के निवासियों ने अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (डेवलपर कंपनी) और स्टार फैसिलिटीज मैनेजमेंट लि. (रखरखाव कंपनी) के बिजली पानी व सड़कों जैसी बुनियादी सुविधाएँ सुचारू ढंग से मुहैय्या न कराए जाने के खिलाफ आज  खरड़-लांडरा रोड पर धरना दिया और प्रदर्शन किया तथा कंपनियों के दफ्तर पर ताला जड़ दिया। अंसल-114 रेजिडेंट्स वेलफेयर सोसाइटी आरडब्ल्यूएस की अगुआई में ये रोष प्रदर्शन किया गया।
आरडब्ल्यूएस के उपाध्यक्ष पाल सिंह रत्तू ने बताया कि इस धरने में सेक्टर के सभी निवासियों ने भाग लिया और अंसल कंपनी के कार्यालय को स्थायी रूप से बंद कर दिया। बाद में पुलिस ने आकर हस्तक्षेप किया व कंपनियों के अधिकारियों को बुला कर स्थानीय निवासियों की समस्याएं उनके सामने रखीं तथा हल करने के निर्देश दिए जिस पर कंपनी वालों ने सहमति दे दी।
इसके बाद स्थानीय निवासी शांत हुए व कहा कि  यदि अब भी काम न हुए तो इससे भी बढ़ा रोष प्रदर्शन किया जाएगा।
इस अवसर पर आरडब्ल्यूएस के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह सैनी, महासचिव अचिन गाबा,  कोषाध्यक्ष निहाल सिंह, संयुक्त सचिव गुरमीत सिंह और आयोजन सचिव हरदीप सिंह आदि भी उपस्थित थे।

आई टी पार्क चंडीगढ़ में किया 108 एम्प्लॉईस ने रक्तदान

चंडीगढ़ 28 जुलाई 2023। उमस भरी गर्मियों के कारण अस्पतालों में आई रक्त की कमी को पूरा करने के लिए विश्वास फाउंडेशन, पंचकूला व इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी यूटी चंडीगढ़ ने संयुक्त रूप से मिलकर आई टी पार्क चंडीगढ़ में रक्तदान शिविर आयोजित किया। शिविर में 127 लोगों ने रक्तदान करने के लिए पंजीकृत करवाया। 19 को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों की वजह से रक्तदान करने के लिए मना कर दिया गया। ब्लड बैंक जीएमएसएच सेक्टर 32 चंडीगढ़ की टीम ने डॉक्टर सिमरनजीत कौर की देखरेख में 108 यूनिट्स रक्त एकत्रित किया।

विश्वास फाउंडेशन की अध्यक्ष साध्वी नीलिमा विश्वास ने बताया कि लोगों में यह भ्रम है कि रक्तदान करने से शरीर में कमजोरी आती है। रक्तदान के कारण कोई कमजोरी नहीं आती, बल्कि सभी को 90 दिन में एक बार अवश्य ही रक्तदान करना चाहिए। इससे जरूरतमंदों को मदद मिलती है साथ ही शरीर स्वस्थ रहता है। रक्तदान जैसा पुनीत काम सबसे बड़ी सेवा में आता है।

रेडक्रॉस चंडीगढ़ से ट्रैनिंग सूपर्वाइज़र सुशील कुमार टाँक ने बताया कि लोगों द्वारा रक्त दान करने से दिल की सेहत में सुधार, दिल की बीमारियों और स्ट्रोक के खतरे को कम माना जाता है। खून में आयरन की ज्यादा मात्रा दिल के दौरे के खतरे को बढ़ा सकती है नियमित रूप से रक्तदान करने से आयरन की अतिरिक्त मात्रा नियंत्रित हो जाती है। जो दिल की सेहत के लिए अच्छी है।

इस रक्तदान शिविर में आये सभी रक्तदानियों को प्रशंसा पत्र व गिफ्ट देकर प्रोत्साहित किया गया। इस अवसर पर विश्वास फाउंडेशन से ऋषि मोहित विश्वास, मुलखराज मनोचा, सुनीता मनोचा, पवन मनचन्दा, हर्ष मनचन्दा व रेडक्रॉस का स्टाफ मौजूद रहे।

वेंडरों का धरना 17 दिन बाद भी जारी 

सोमवार को भाजपा सरकार और नगर निगम कमिश्नर की सद्बुद्धि के लिए हवन यज्ञ किया जाएगा। :- नसीब जाखड़ 


डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ (राकेश शाह) :  नगर निगम के सामने वेंडरों के धरने प्रदर्शन को संबोधित करते हुए चंडीगढ़  इंटक अध्यक्ष नसीब जाखड़ ने कहा कि वेंडरों के धरने को आज 17 दिन हो गए हैं। सैकड़ों वेंडर अपनी मांग के लिए लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और चंडीगढ़ की भाजपा सरकार और नगर निगम कमिश्नर वेंडरों की बात सुनने की बजाय दमनकारी निति अपनाए हुए है। इसलिए सोमवार को नगर निगम के सामने भाजपा सरकार और नगर निगम कमिश्नर की सद्बुद्धि के लिए हवन यज्ञ किया जाएगा।


कुलदीप कुंडू ने कहा कि लंबे प्रदर्शन के बाद भी भ्रष्टाचार और ठगी के आरोपी रविंद्र टीमा की ना तो गिरफ्तारी हुई न हीं टी,वी,सी, से निकाला गया और ना ही साइट रद्द करी  गई है । और साथ ही वेंडरों की लंबित मांग है कि सर्वे के अनुसार वेंडरों को उनकी पुरानी जगह अलाट कर दी जाए ताकि इस कमरतोड़ महंगाई में सभी की रोजी रोटी चल सके ।नसीब जाखड़ ने कहा कि जल्दी ही अगर वेंडरों की बात नहीं सुनी गई तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा ।फिलहाल प्रतिदिन एक बजे सांय पांच बजे तक धरना प्रदर्शन चल रहा है ।अगर जरूरत पड़ी तो आर पार की लड़ाई सरकार और नगर निगम के खिलाफ होगी। इस मौके पर किसान यूनियन के अध्यक्ष कुलदीप कुंडू ,सुखविंदर सुखा ,कृष्ण कुमार, ईश प्रकाश,प्रलाद सिंह, बिर्जभूषण ,राजेश, राजकुमार,लक्ष्मण,आदि नेताओं ने भाग लिया और अपने विचार रखें ।

रीजन में पहली बार : शैल्बी अस्पताल, मोहाली ने ‘प्रोस्टेटिक यूरोलिफ्ट’ प्रोसीजर लॉन्च किया

अब भारत में बीपीएच का इलाज करने के लिए नई अमेरिकी तकनीक‘प्रोस्टेटिक यूरोलिफ्ट’ प्रोसीजर एक नॉन-इनवेसिव विकल्प है जो प्रोस्टेट वृद्धि वाले रोगियों को राहत दे सकती है
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ (राकेश शाह) :  रीजन में पहली बार बढ़े हुए प्रोस्टेट (बीपीएच) से पीड़ित रोगियों के लिए, शैल्बी अस्पताल, मोहाली ने ‘प्रोस्टेटिक यूरोलिफ्ट’ प्रोसीजर लॉन्च किया है।शुक्रवार को यहां मीडिया से बात करते हुए, शैल्बी अस्पताल, मोहाली में प्रोस्टेट एक्सीलेंस सेंटर और मेलियोरा किडनी इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डॉ. प्रियदर्शी रंजन, जिन्होंने प्रोस्टेटिक यूरोलिफ्ट प्रोसीजर का सफलतापूर्वक संचालन किया है, ने कहा कि यह नॉन-इनवेसिव, नॉन -सर्जिकल उपचार सिंप्टोमेटिक प्रोस्टेटिक एनलार्जमेंट में एक ब्रेकथ्रू है जो दुनिया भर में लाखों पुरुषों को प्रभावित करता है।उन्होंने आगे कहा कि ‘प्रोस्टेटिक यूरोलिफ्ट’ प्रोसीजर एक नॉन-इनवेसिव विकल्प है जो बिना किसी जटिलता या अस्पताल में भर्ती हुए जल्दी राहत प्रदान करती है। इसमें  मिनिएचर स्टेपलिंग प्रइम्प्लांट  का सटीक प्लेसमेंट शामिल है जो बाधा डालने वाले प्रोस्टेट टिशू को ऊपर उठाता है और पुन: व्यवस्थित करता है, अवरुद्ध मूत्रमार्ग को खोलता है और बेहतर मूत्र प्रवाह में हेल्प करता है। इसे पूरा होने में केवल कुछ मिनट लगते हैं, मरीज़ आमतौर पर उसी दिन घर लौटने में सक्षम होते हैं, डॉ. प्रियदर्शी रंजन ने बताया, जिन्होंने बर्मिंघम, एनएचएस, यूके से यूरोलिफ्ट प्रोसीजर का संचालन करने के लिए विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया है।डॉ. रंजन ने आगे कहा कि आज तक, बीपीएच का इलाज या तो दवाओं या टीयूआरपी/लेजर से किया जाता था, जिससे रक्तस्राव, इंकॉन्टीनेंस और सेक्सुअल डिसफंक्शन जैसी गंभीर जटिलताएं होती थीं। बीपीएच के लिए यूरीमैक्स टैम्सुलोसिन, सिल्डोसिन जैसी दवाओं से मनोवैज्ञानिक रूप से परेशान करने वाले दुष्प्रभाव होते हैं और युवा रोगियों के लिए उन्हें जीवन भर जारी रखना मुश्किल होता है।उन्होंने कहा, यूरोलिफ्ट ऐसे रोगियों के लिए एक आदर्श उपाय है जो अपने प्रोस्टेट का इलाज कराना चाहते हैं और साथ ही सामान्य सेक्सुअल फंक्शन को बनाए रखना चाहते हैं।यूरोलिफ्ट का सबसे बड़ा फायदा इस समस्या से प्रभावित युवा पुरुषों में इसकी उपयोगिता है, जो अपने यौन स्वास्थ्य को बनाए रखने के इच्छुक हैं। चूंकि प्रोसीजर में केवल प्रोस्टेट को लिफ्ट या रिट्रैक्ट करना शामिल है, मिनी स्टेपल के साथ इस प्रोसीजर में सेक्सुअल या इजैक्युलेटरी संबंधी दुष्प्रभावों का कोई जोखिम नहीं होता है और इसे अस्पताल में भर्ती होने या कैथीटेराइजेशन की आवश्यकता के बिना डे-केयर प्रोसीजर के रूप में किया जाता है, डॉ. रंजन ने बताया।रिसर्च के अनुसार 50 की उम्र के 40 प्रतिशत से अधिक पुरुषों और 60 की उम्र के 70 प्रतिशत से अधिक पुरुषों में खराब मूत्र प्रवाह, बूंद-बूंद टपकना, पेशाब करने के लिए जोर लगाना जैसे लक्षण हैं, जो बीपीएच का संकेत देते हैं।यूरोलिफ्ट सिस्टम प्रोसीजर का उद्देश्य बीपीएच के लिए एक लंबे समय तक चलने वाला समाधान है जो स्थायी रूप से लगाए गए इम्प्लांट का उपयोग करता है और तुरंत राहत प्रदान करता है। यह रिटेंशन के रोगियों में भी प्रभावी है जो कैथेटर पर हैं और उन रोगियों को आशा की किरण प्रदान करता है रक्त पतले रोगियों को आशा की किरण प्रदान करता है जो ब्लड थिनर ले रहे होते है।डॉ. प्रियदर्शी रंजन ने कहा कि हम अपने मरीजों को इस नवीन उपचार विकल्प की पेशकश करने के लिए उत्साहित हैं। यह प्रोसीजर बीपीएच वाले पुरुषों के लिए गेम-चेंजर है, क्योंकि यह पारंपरिक सर्जरी के मुकाबले एक सुरक्षित, प्रभावी और मिनिमल इनवेसिव विकल्प प्रदान करती है।

आई फ्लू के टेस्ट और इलाज की फ्री सुविधा दे प्रशासन: चंडीगढ़ युवा दल

प्राइवेट मेडिकल स्टोर से स्टेरॉयड वाली दवाइयां लेने को मजबुर जनता : सुनील यादव  

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ (राकेश शाह) :  बीते एक सप्ताह से आई फ्लू वाली संक्रामक बीमारी से सबसे ज्यादा स्कूली बच्चे प्रभावित हुए हैं. इस संक्रामक बीमारी का असर अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी व्यापक रूप से देखने को मिल रहा है सरकारी डिस्पेंसरी और अस्पतालों में फ्लू की दवाई न मिलना खराब स्वास्थ्य सुविधाओं में प्रशासन की कमी को और उजागर कर रहा है. इस सन्दर्भ में चंडीगढ़ युवा दल के प्रधान विनायक बांगिया व संयोजक सुनील यादव ने चंडीगढ़ प्रशासन से आई फ्लू मरीजों को टेस्ट और इलाज की फ्री सुविधा देने की माँग करी है जानकारी देते हुए दल के संयोजक सुनील यादव ने बताया की चंडीगढ़ और साथ लगते  इलाकों में फ्लू तेजी से पैर पसार रहा है.विशेषज्ञों की मानें तो बारिश का मौसम बैक्टीरियल इन्फेक्शन का कारण हो सकता है. इसे लेकर सतर्क रहने की सलाह दी है. पर स्वास्थ्य विभाग के पास  इससे लड़ने के लिए आई ड्रॉप समेत कई दवाएं उपलब्ध नहीं हैं। एक तरफ विभाग मरीजों को जेनेरिक और सरकारी आपूर्ति वाली दवाएं लेने की सलाह दे रहा है। दूसरी तरफ दवाओं का टोटा है। यह स्थिति सरकारी अस्पतालों में महीनों से ऐसे ही चली आ रही है।

हरियाणा के 88 शहरों में ‘प्रॉपर्टी आईडी’ के नाम पर हुआ घोटाला : एसआरके

कांग्रेस के तीन नेताओं ने याशी कंपनी के बहाने सरकार को घेरा

असल मालिकों की बजाए दूसरों के नाम चढ़ाई संपत्ति

चार माह का काम चार साल बाद भी अधूरा

प्रदेश का 85 फीसदी प्रापर्टी सर्वे गलत

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ (राकेश शाह) : हरियाणा में परिवार पहचान पत्र के बाद प्रापर्टी आईडी भी अब सरकार के गले की फांस बन गया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं राज्य सभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष कुमारी सैलजा तथा पूर्व सीएलपी नेता किरण चौधरी ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रदेश के 88 शहरों में एक करोड़ से अधिक हरियाणवी अपनी प्रॉपर्टी आईडी सही कराने के लिए महीनों से दलालों के हाथ लूट का शिकार हो रहे हैं। खुद शहरी स्थानीय निकाय विभाग भी बेतहाशा रिश्वतखोरी व लूट-खसूट की बात को अपने औपचारिक पत्राचार में स्वीकार चुका है।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि गलत प्रापर्टी आईडी के कारण दलालों व कर्मचारियों ने प्रदेश में ‘वैध कॉलोनियों’ को ‘अवैध’ की श्रेणी में डाल दिया है और ‘अवैध कॉलोनियों को ‘वैध कॉलोनी’ में डाल दिया। सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ने राज्य के बाहर की कंपनियों को सरकार ने टेंडर दिया। प्रदेश सरकार के पत्रों को सार्वजनिक करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि प्रॉपर्टी आईडी सर्वे के लिए 13 अगस्त, 2019 को निदेशक स्थानीय निकाय विभाग व याशी कंसल्टिंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, जयपुर में लिखित एग्रीमेंट हुआ। एग्रीमेंट के मुताबिक यह काम 4 महीने में पूरा करना था। ठेकेदार पर विशेष मेहरबान सरकार ने दसियों एक्सटेंशन दे डाले, और तीन साल से ज्यादा बीत जाने के बाद भी अधिकतर काम गलत व बोगस निकला।

कांग्रेसी नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रदेश के 88 शहरों में 42.70 लाख प्रॉपर्टी का सर्वे किया गया, जिसमें 85 प्रतिशत सर्वे गलत निकला। खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 7 जुलाई 2023 को यह स्वीकारा कि प्रॉपर्टी आईडी सर्वे में 8 लाख गलतियां पकड़ी गईं।

खुद स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने 17 दिसंबर, 2022 को यह स्वीकारा कि प्रॉपर्टी आईडी में 15.50 लाख गलतियां मिलीं। अब मुख्यमंत्री और उनके मंत्री में ही प्रॉपर्टी आईडी की गलतियों को लेकर विरोधाभास है। कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा ने कहा कि एग्रीमेंट में लिखा है कि अगर प्रॉपर्टी आईडी सर्वे में 10 प्रतिशत तक गलतियां पाई गईं, तो ठेकेदार कंपनी को दोगुना जुर्माना लगेगा। अगर प्रॉपर्टी आईडी सर्वे की गलतियां 10 प्रतिशत से 15 प्रतिशत होंगी, तो जुर्माना चार गुना होगा, अगर गलतियां 15 प्रतिशत से 20 प्रतिशत होंगी, तो जुर्माना 8 गुना होगा, और अगर गलतियां 20 प्रतिशत से अधिक होंगी, तो टेंडर कैंसिल कर दिया जाएगा।

याशी कंपनी द्वारा 85 प्रतिशत गलतियां होने के बावजूद न तो खट्टर सरकार ने टेंडर कैंसिल किया, न जुर्माना लगाया, और न ही कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया। पूरा हरियाणा गवाह है कि प्रॉपर्टी आईडी सर्वे में 85 प्रतिशत से अधिक गलतियां हैं। किरण चौधरी ने बताया कि टेंडर एग्रीमेंट की क्लॉज 40.2.1 के मुताबिक पूरे प्रॉपर्टी आईडी सर्वे की लगातार निगरानी के लिए ‘प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग कमेटी’ का गठन हुआ था। जिसने काम नहीं किया।

पीजीजीसी-46 के रक्षा एवं सामरिक अध्ययन विभाग द्वारा पोस्टर मेकिंग और निबंध लेखन प्रतियोगिता आयोजित

चण्डीगढ़ : पीजीजीसी-46 के रक्षा एवं सामरिक अध्ययन विभाग और कॉलेज के एनसीसी नौसेना विंग ने कारगिल युद्ध के दौरान निस्वार्थ भाव से सेवा करने और अपने जीवन का बलिदान देने वाले बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि के रूप में कारगिल विजय दिवस: के अवसर पर एक पोस्टर मेकिंग और निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य देशभक्ति को बढ़ावा देना, हमारे सशस्त्र बलों के बलिदानों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और युवाओं के बीच रचनात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ावा देना है। कॉलेज के प्रिंसिपल, आभा सुदर्शन, डॉ. राजेश कुमार (डीन) व डॉ. बलजीत सिंह ( वाइस प्रिंसिपल) भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

नये युग की शुरुआतः मुख्यमंत्री ने 12,710 अध्यापकों के साथ जुड़ा ‘कच्चा’ शब्द हटायाठेका आधारित अध्यापकों को रेगुलर नौकरी के नियुक्ति पत्र सौंपे

अध्यापक वर्ग से किया बड़ा वायदा निभाया
कहा; “मैं अध्यापक वर्ग को पेश हर मुद्दे के समाधान के लिए मौजूद“
पुराने नेताओं के महलनुमा घरों के विपरीत, लोगों का अथाह प्यार और विश्वास ही मेरी जायदाद : मुख्यमंत्री
सरकारी स्कूलों के 20,000 विद्यार्थियों के लिए मुफ़्त बस सेवा शुरू करने के पायलट प्रोजैक्ट के लिए 21 करोड़ रुपए जारी

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ (राकेश शाह) : राज्य में ‘नये युग की शुरुआत’ की दिशा में कदम उठाते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज शिक्षा विभाग में काम कर रहे 12,710 ठेका आधारित अध्यापकों को रेगुलर नियुक्ति के पत्र सौंप कर अध्यापक वर्ग के साथ किये बड़े वायदा को पूरा कर दिखाया है।

यहाँ टैगोर थियेटर में हुए एक समागम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पद संभालने के बाद सभी कानूनी और प्रशासनिक अड़चनों को पार करते इन अध्यापकों की सेवाओं को रेगुलर करने पर ज़ोर दिया है। भगवंत मान ने कहा कि इस फ़ैसले का मंतव्य अध्यापकों के सुरक्षित भविष्य को यकीनी बनाना है क्योंकि उनका विश्वास है कि अगर अध्यापकों का भविष्य सुरक्षित है तो ही वे विद्यार्थियों की किस्मत को बदल सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से किये गए ठोस प्रयासों स्वरूप ही आज यह ऐतिहासिक दिन देखने को मिल रहा है।

अन्य मुलाजिमों के साथ अपनी भावुक सांझ ज़ाहिर करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि हर मुलाज़िम की समस्या का समाधान किया जायेगा, जिसके लिए राज्य सरकार पहले ही हर संभव यत्न कर रही है। यह कहते कि वह अध्यापक वर्ग को पेश सभी समस्याओं का समाधान करने के लिए मौजूद हैं, भगवंत मान ने कहा कि वह एक अध्यापक के पुत्र होने के नाते अध्यापकों की समस्याओं को अच्छी तरह जानते हैं और अध्यापकों को पेश सभी समस्याओं को समाधान करना उनका फर्ज है। उन्होंने कहा कि सरकारी ख़ज़ाना लोगों का है और समाज के हर वर्ग की भलाई के लिए एक- एक पैसा समझदारी से इस्तेमाल किया जायेगा।

एक कलाकार के तौर पर उनकी अथक कोशिशों के कारण ही सरहदी गाँव की एक लड़की की ज़िंदगी बदलने का किस्सा सुनाते हुये मुख्यमंत्री ने बताया कि उस लड़की को शिक्षा प्राप्त करने के लिए बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था परन्तु उनके विनम्र यत्नों के कारण ही उसकी कोशिशें रंग लायी और उसने सफलता की नयी कहानी लिखी। उन्होंने कहा कि अगर एक कलाकार ऐसा कर सकता है तो राज्य का प्रमुख तो और भी बहुत कुछ कर सकता है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि इन अध्यापकों को कम वेतनों पर काम करना पड़ा और पुरानी सरकारों की बेरुख़ी के कारण उनको अपने जायज़ हकों के लिए प्रदर्शन करना पड़ा। भगवंत मान ने कहा कि मनरेगा के अधीन काम करते मज़दूरों को भी अध्यापकों की अपेक्षा अधिक वेतन मिलता था। उन्होंने अफ़सोस ज़ाहिर करते हुये कहा कि यह राष्ट्र निर्माताओं पर अत्याचार नहीं तो और क्या है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह किसी पर कोई अहसान नहीं है, बल्कि राज्य और जनता की सेवा करना उनका प्रारंभिक फर्ज है। भगवंत मान ने कहा कि वह खुश हैं कि राज्य के लोगों ने उन पर इतना भरोसा जताया है और वह इस विश्वास को कायम रखने के लिए हर संभव यत्न करेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य के सर्वांगीण विकास और लोगों की खुशहाली को यकीनी बनाने के लिए हर संभव यत्न कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब से इन अध्यापकों के नाम आगे से ‘कच्चे’ शब्द हमेशा के लिए हट जायेगा। उन्होंने कहा कि इन अध्यापकों को हर साल पाँच प्रतिशत वेतन वृद्धि के साथ-साथ छुट्टियों सहित अन्य लाभ भी दिए जाएंगे। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार ने एक और ऐतिहासिक पहलकदमी करते हुये फ़ैसला किया है कि अध्यापक सिर्फ़ अध्यापन कार्य से सम्बन्धित सेवा निभाएंगे और उनकी किसी ग़ैर- अध्यापन कार्य के लिए ड्यूटी नहीं लगाई जायेगी।

मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से राज्य में जनगणना के लिए 66,000 अध्यापकों की माँग की गई थी, जिससे उनकी तरफ से स्पष्ट शब्दों में इन्कार कर दिया गया और केंद्र सरकार को इस मंतव्य के लिए बेरोजगार नौजवानों को भर्ती करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि इससे नौजवानों को सरकारी कामकाज करने के बारे जानकारी हासिल करने के साथ-साथ उनके हुनर विकास में भी मदद मिलेगी। भगवंत मान ने कहा कि ऐसे फ़ैसले सिर्फ़ वही व्यक्ति ले सकता है जो ज़मीनी स्तर पर लोगों के साथ जुड़ा हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े- बड़े घरों में रहने वाले नेता ऐसे फ़ैसले नहीं ले सकते क्योंकि वह ज़मीनी हकीकतों से अवगत नहीं हैं। भगवंत मान ने कहा कि चाहे उनके पास इतने बड़े घर नहीं हैं परन्तु लोगों का अथाह प्यार और विश्वास ही उनकी सारी जायदाद और ख़ज़ाना है। उन्होंने कहा कि जब राज्य के लोग उनके साथ हैं तो पैसे और धन- दौलत के रूप में और किसी चीज़ की ज़रूरत नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली राज्य सरकारों ने अपने कार्यकालों के आखि़री समय थोड़ी-बहुत रियायतें देकर लोगों को मूर्ख बनाया है। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने अपने शासन के दौरान लोगों को लूटा है और कभी भी उनकी भलाई के लिए कोई विशेष फ़ैसले नहीं लिए। भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार राज्य के लोगों की भलाई को यकीनी बनाने के लिए सत्ता में आने के पहले दिन से ही लगातार काम कर रही है।

मुख्यमंत्री ने आशा अभिव्यक्त की कि यह अध्यापक राज्य में शिक्षा प्रदान करने के लिए पूरी ज़िम्मेदारी और तनदेही के साथ अपनी सेवाएं निभाएंगे। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब राज्य सरकार और अध्यापकों के सांझे यत्नों स्वरूप ही पंजाब मानक शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बन कर उभरेगा। भगवंत मान ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में नयी क्रांति देखने को मिल रही है और हम सभी खुशकिस्मत हैं कि हम इस उद्यम का हिस्सा हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह हवाई अड्डों पर रनवे हवाई जहाज़ को सुचारू ढंग के साथ उड़ान भरने की सुविधा देते हैं, उसी तरह राज्य सरकार विद्यार्थियों के सपनों को साकार करने में मदद कर रही है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि विद्यार्थियों के विचारों को प्रफुल्लित करने के लिए हर संभव यत्न किये जा रहे हैं और इस कार्य के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जायेगी। भगवंत मान ने अध्यापकों से अपील की कि वह समाज में नौजवानों की अपनी अलग पहचान बनाने के लिए उनकी मदद करने के लिए हर संभव यत्न करें।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार जल्द ही सरकारी स्कूलों में पढ़तीं छात्राआें के लिए बस सेवा शुरू करेगी और इसलिए 20,000 विद्यार्थियों के लिए पायलट प्रोजैक्ट शुरू किया जायेगा, जिसमें 12,000 लड़कियाँ और 8000 लड़के शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि इस स्कीम के लिए 21 करोड़ रुपए का बजट पास किया जा चुका है, जिसका उद्देश्य सरकारी स्कूलों में पढ़तीं छात्राओं को सहूलतें प्रदान करना है। भगवंत मान ने कहा कि इन बसों को जी. पी. एस. सिस्टम के साथ लैस किया जायेगा जिससे अभिभावक बसों की आवाजाही पर नज़र रख सकें। उन्होंने आगे कहा कि यह कदम सरकारी स्कूलों में पढ़तीं लड़कियों की सुरक्षा यकीनी बनाने की दिशा की तरफ अहम भूमिका निभाएगा।

इससे पहले इक्ट्ठ को संबोधन करते हुये शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने विभाग में क्रांति के नये दौर की शुरुआत करने के लिए मुख्यमंत्री की सराहना की।

ज़िक्रयोग्य है कि बी. ए पास शिक्षा प्रोवाईडर (एसोसिएट टीचर) जो पहले 9500 रुपए वेतन ले रहे थे, को अब 20500 रुपए वेतन के तौर पर मिलेंगे, जबकि ई. टी. टी. और एन. टी. टी. योग्यता वाले अध्यापकों को मौजूदा 10250 रुपए के वेतन के मुकाबले 22000 रुपए मिलेंगे। उन्होंने कहा कि इसी तरह बी. ए. / एम. ए. बी. ऐड्ड डिग्रियों वाले ऐसे अध्यापक, जो इस समय पर 11000 रुपए वेतन ले रहे हैं, को अब 23500 रुपए वेतन मिलेगा। आई. ई. वी. वालंटियर जो अब तक 5500 रुपए वेतन ले रहे थे, को अब 15,000 रुपए वेतन मिलेगा। इसी तरह 3500 रुपए वेतन ले रहे शिक्षा वालंटियरों को अब 15,000 रुपए और 6000 रुपए वेतन ले रहे ई. जी. एस., ई. आई. ई. और एस. टी. आर. अध्यापकों को अब 18,000 रुपए मिलेंगे।

स्थानीय निकाय मंत्री बलकार सिंह द्वारा नगर निगमों के अहम मामलों संबंधी अधिकारियों के साथ बैठक

बैठक के दौरान विभिन्न विकास कार्यों और जन कल्याण योजनाओं का लिया जायज़ा

राज्य सरकार की लोगों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाने की वचनबद्धता दोहराई

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ (राकेश शाह) : मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य के लोगों को बुनियादी सुविधाएं, साफ़- सुथरा और प्रदूषण रहित वातावरण मुहैया करवाने के लिए लगातार यत्नशील है। स्थानीय निकाय मंत्री स. बलकार सिंह ने बताया कि राज्य सरकार अपना हर फ़ैसला जन हित को प्रमुख रखते हुये ले रही है।

म्युंसिपल भवन सैक्टर-35 चंडीगढ़ में विभाग के अधिकारियों के साथ रिविऊ मीटिंग के दौरान स्थानीय निकाय मंत्री ने नगर निगम के अलग-अलग विकास कार्यों, मुरम्मत के कार्यों संबंधी जायज़ा लिया। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को आदेश दिए कि राज्य के सभी जिलों में चल रहे विकास कार्यों को निर्धारित समय और सही गुणवत्ता के साथ पूरा करना यकीनी बनाया जाए।

स. बलकार सिंह ने नगर निगमों के अधिकारियों को हिदायतें देते हुए कहा कि उनके संबंधित क्षेत्रों में कोई ग़ैर कानूनी निर्माण नहीं होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कोई भी व्यक्ति ग़ैर कानूनी निर्माण करता है तो उसको तुरंत रोका जाए और ग़ैर कानूनी निर्माण करने के विरुद्ध बनती कार्रवाई तुरंत अमल में लायी जाए।

मंत्री ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों को कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान राज्य के लोगों को भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन मुहैया करवाने के लिए के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि भ्रष्टाचार करने वाले किसी भी अधिकारी/ कर्मचारी को बख़्शा नहीं जाएगा।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान का सपना राज्य के लोगों को बुनियादी सुविधाएं, साफ़- सुथरा और प्रदूषण रहित वातावरण मुहैया करवाना है जिससे राज्य के लोगों का जीवन स्तर ऊँचा उठाया जा सके।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि लोगों को अन्य सुविधाएं मुहैया करवाने के उद्देश्य से पंजाब सरकार पहले ही सी.एल.यू. और कलोनियों के ले-आउट स्वीकृत करने के लिए ज़िला स्तर पर ही म्युंसिपल कारपोरेशन के कमिश्नरों और अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नरों को अधिकारित किया गया है जिससे लोगों को बड़ी राहत मिल रही है।

उन्होंने राज्य में चल रहे विकास कार्यों का जायज़ा लेने के उपरांत कहा कि अधिकारी निजी तौर पर कार्यों की निगरानी करें जिससे सरकारी कामों में कुशलता और गुणवत्ता को यकीनी बनाया जा सके।

इस मौके पर बैठक में स्थानीय निकाय विभाग के सचिव, श्री अजोय शर्मा, श्रीमती ईशा कालिया, सी ई ओ, पी एम आई डी सी, स्थानीय निकाय विभाग के डायरैक्टर श्री उमा शंकर गुप्ता और अलग-अलग नगर निगमों के कमिश्नर और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

फोर्टिस, मोहाली द्वारा फाइब्रॉएड, सिस्ट वाली महिलाओं के लिए गर्भाशय और अंडाशय को बचाने वाली रोबोट एडेड सर्जरी की पेशकश

कन्वेंशनल सर्जरी की तुलना में जहां अंडाशय को हटा दिया जाता था, वहीं रोबोटिक एडेड सर्जरी अंडाशय को कम दर्द, कम निशान और बेहतर क्लीनिकल परिणामों से बचाने में सहायक है 
पटियाला : 

एक 18 वर्षीय लड़की को पुराने पेल्विक दर्द, भारी मासिक धर्म रक्तस्राव, सूजन और पेशाब के दौरान दर्द का अनुभव हो रहा था। इससे न केवल उसके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ा था, बल्कि वह अपनी नियमित गतिविधियों को भी करने में असमर्थ थी जब उनके लक्षण कम होते दिखाई नहीं दिए, तो उन्होंने डॉ. स्वामा मिसरा, निदेशक, प्रसूति एवं स्त्री रोग, फोर्टिस मोहाली से संपर्क कर परामर्श लिया। डॉ स्वप्ना मिसरा एक रोबोटिक लेप्रोस्कोपिक और कैंसर सर्जन भी हैं। मेडिकल जांच से पता चला कि रोगी को डिसमेनोरिया था एक ऐसा विकार जिसमें गंभीर मासिक धर्म दर्द और ऐंठन होती है। इसके अलावा, एक अल्ट्रासाउंड ने दोनों अंडाशय के चारों ओर दो बड़े बिनाइन सिस्ट (13cmx 10 सेमी माप) का खुलासा कियाइससे पहले, अंडाशय के चारों और अल्सर वाली महिलाओं के लिए अंडाशय को हटाना स्टैंडरडाएजेड इलाज़ था। हालांकि, इस विशेष मामले में, रोगी को भविष्य में गर्भ धारण करने में मदद करने के लिए, डॉ मिसरा ने रोबोट एडेड सर्जरी के माध्यम से रोगी का इलाज करने का फैसला किया। रोबोट – एडेड सर्जरी मिनिगल इनवेसिव सर्जरी का नवीनतम रूप है, जो रोगी के शरीर में डाले गए एक विशेष कैमरे के माध्यम से ऑपरेटिव एरिया का 3डी विजन प्रदान करती है। शरीर के जिन हिस्सों तक मानव हाथ से पहुंचना मुश्किल है, उन तक रोबोट कीमदद से पहुंच सकते हैं जो 360 डिग्री घूम सकता है। फोर्टिस अस्पताल मोहाली में दुनिया का सबसे उन्नत चौथी पीढ़ी का रोबोट दा विंची एक्सआई है, जिसके माध्यम से रोबोट एडेड सर्जरी की जाती है। डॉ. मिसरा के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने रोगी पर रोबोटिक आर्म्स के माध्यम से बाइलेटरल सिस्टेक्टोमी (ओवरी सिस्ट को हटाना) और एडिसियोलिसिस (गर्भाशय के अंदर से अधेशन्स को हटाना) किया और उनके अंडाशय को बचाया। सर्जरी के दो दिन बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई और अब वह स्वस्थ जीवन जी रही हैं।एक अन्य मामले में, एक 40 वर्षीय अविवाहित महिला को भारी मासिक धर्म रक्तस्राव था और वह पिछले दो वर्षों से एनीमिक थी। चिकित्सा मूल्यांकन में एक बड़े रेशेदार (11 सेमी – 12 सेमी मापने का पता चला रोगी ने अतीत में कई अस्पतालों का दौरा किया था और उसे हिस्टरेक्टॉमी (गर्भाशय को हटाने के लिए सर्जरी प्रोसेस) से गुजरने का सुझाव दिया गया था। उन्होंने डॉ. मिसरा से सलाह ली जिन्होंने उन्हें गर्भाशय बचाने वाली रोबोटिक सर्जरी कराने की सलाह दी। रोगी ने रोबोटिक मायोनेक्टोमी (फाइब्रॉएड रिमूवल) करवाई, जिसमें उसके गर्भाशय को बचा लिया गया। प्रक्रिया के दो दिन बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई और आजवह सामान्य जीवन जी रही हैं। रोबोट एडेड सर्जरी के लाभों पर चर्चा करते हुए डॉ. मिसरा जिन्होंने 400 से अधिक रोबोटिक सर्जरी की है, ने कहा, ‘रोबोट-एंडेड सर्जरी को लगभग सभी स्त्री रोगों फाइब्रॉएड एंडोमेट्रियोसिस, वेसिको वेजाइनल फिस्टुला, ओवेरियन सिस्ट, सल्पिंगो-ओफोरेक्टॉमी, मायोमेक्टॉमी, हिस्टेरेक्टॉमी और गर्भाशय अंडाशय और सर्विक्स के सभी कैंसर की सर्जरी के लिए
गोल्ड स्टैंडर्ड प्रोसेंस के रूप में स्थापित किया गया है रोबोटिक एडेड सर्जरी ने विभिन्न स्त्रीरोग संबंधी रोगों के उपचार में क्रांति ला दी है।”