सावन माह की शिवरात्रि पर जय जयकारों से गूंजे शिवालय , श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतों- 15 जुलाई :
उपमंडल जैतो व आसपास के क्षेत्रों के मंदिरों में सावन माह की शिवरात्रि बड़ी धूमधाम व श्रद्धापूर्वक मनाई गई। सभी मंदिर हर -हर महादेव व भोलेनाथ के जय जयकारों से गूंज रहे थे। श्री महादेव कांवड़ संघ पावन धाम जैतो में कई दर्जन शिव भक्त हरिद्वार व गोमुख से पैदल और डाक कांवड़िए पहुंचे और आज तडक सवेर गंगा जल कांवड़ शिवलिंग पर अर्पित किया। इस तरह ही अन्य मंदिरों में भी कांवड़ियों ने गंगा जल कांवड़ शिवलिंगों पर जल अर्पित किया। मंदिरों में श्रद्धालुओं की लंबी लंबी कतारें लगी नजर आई। मंदिरों में शिव चालीसा, रूद्राक्ष अभिषेक व संकीर्तन दिन भर चलते रहे। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दिन भर निर्जल व्रत रखा। इस बीच ही श्री कल्याण कमल आश्रम हरिद्वार के अनंत श्री विभूषित 1008 महामंडलेश्वर स्वामी श्री कमलानंद गिरि जी महाराज ने शिव महिमा सुनाते हुए कहा कि शिव भक्तों के लिए सावन का महीना और सावन के सोमवार बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सावन के महीने किए गए जप, तप व भोलेनाथ की आराधना भक्त के लिए विशेष महत्व रखती है। भगवान शंकर की विशेष कृपा पाने के लिए भोलेनाथ के भक्तों को चाहिए कि इस माह हर वक्त उठते-बैठते, चलते-फिरते भोलेनाथ के नाम का जाप करते रहें। इस माह सोमवार को भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के व्रत रखें। यूं तो भोले भंडारी अपने भक्तों पर जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। मगर सावन महीने में सच्चे मन और पूरी श्रद्धा से भगवान शिव की पूजा करने वाले भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण न हो, ये असंभव है।
महामंडलेश्वर स्वामी कमलानंद गिरि जी महाराज ने ये विचार श्री सन्यास आश्रम जैतो में आयोजित श्रीमद् भागवत-रामायण प्रवचन कार्यक्रम के समापन समारोह के दौरान व्यक्त किए। महामंडलेश्वर स्वामी श्री कमलानंद गिरि जी महाराज की अध्यक्षता में आश्रम में सावन की शिवरात्रि भी धूमधाम के साथ मनाई गई। महाराज जी ने कहा कि सावन के महीने में सोमवार का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस महीने में शिव भक्त सावन सोमवार का व्रत रखते हैं। सावन का महीना भगवान शिव को बेहद प्रिय होता है।
इस महीने शिवजी की पूजा और उनका अभिषेक करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। इस महीने शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाना भी बड़ा शुभ माना जाता है। जीवन में विवाह संबंधी कोई परेशानी आ रही हो तो सोमवार का व्रत और पूजा करने से लाभ मिलता है। बता दें कि महाराज जी 16 जुलाई को आश्रम से हरिद्वार के लिए प्रस्थान करेंगे।
इस मौके बड़ी गिनती में श्रद्धालु विदाई समारोह में शामिल होकर गुरु जी महाराज को भाव-भीनी विदाई देंगे।