Friday, November 22
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करणीदान सिंह राजपूत, डेमोक्रेटिक फ्रंट, सूरतगढ़ – 13 जुलाई :

सूरतगढ़ जिला बनाओ अभियान को गतिमान बना मुख्यमंत्री तक वार्ता कर चुकी पूजा छाबड़ा के नेतृत्व में आज अध्यक्ष श्री रामलुभाया नये जिला बनाने वाली समिति से वार्ता हुई। रामलुभाया ने एक घंटे की वार्ता के बाद कहा कि इसकी रिपोर्ट बना कर शीघ्र ही मुख्यमंत्री जी को पेश कर दी जाएगी।

 शराबबंदी नशामुक्ति आंदोलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पूर्व में दिया ज्ञापन  आज पुनः श्री रामलुभाया को सौंपा जिस पर आज मिलने वाले प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर थे। शहीद गुरूशरण छाबड़ा और वरिष्ठ पत्रकार के 1970 से सूरतगढ़ को जिला बनाने की मांग शुरू करने का इस ज्ञापन के प्रारंभ में उल्लेख है।

सूरतगढ़ जिला बनाने में कौन कौन से क्षेत्र शामिल किए जा सकते हैं। इसका ब्यौरा सुझावों में दिया गया। सूरतगढ़ में आसपास के क्षेत्र सूरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र, श्रीबिजयनगर का क्षेत्र, पल्लू क्षेत्र, महाजन का क्षेत्र आदि। 

वार्ता में पूजा छाबड़ा के अलावा मनरेगा गंगानगर के लोकपाल अनिल धानुका, व्यापार मंडल सूरतगढ़ के अध्यक्ष सुरेंद्र छाबड़ा, अरोड़वंश कल्याण समिति के अध्यक्ष दीपक भाटिया, आंदोलनकारियों मेंओम सोमानी, किसान नेता अमित कल्याणा,लीलाधर फौजी,गुरूशरण छाबड़ा और पूजा छाबड़ा के आंदोलनों के सहयोगी बाबूसिंह खीची आदि ने भाग लिया। वार्ता में जैतसर के प्रतिनिधि भी थे। वार्ता में भाग लेने ज्ञापन देने वालों के छायाचित्र प्रस्तुत हैं।

यह वार्ता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर ही आयोजित हुई थी और इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को शीघ्र ही प्रस्तुत की जाएगी।

यह फाइनल वार्ता हुई है जिसके सुपरिणाम आएंगे। सूरतगढ़ के जिला बनने की संभावना पक्की हुई है।

पूजा छाबड़ा हर स्तर पर और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हाथ में कागजात पूर्व में भी दे चुकी थी। अशोक गहलोत के आवास पर सात जुलाई को हुई वार्ता में स्वयं मुख्यमंत्री ने ही आज होने वाली वार्ता का कहा था। पूजा को कहा था कि आप स्वस्थ हो जाओ तब रामलुभाया जी से वार्ता का करने का कह दूंगा। 

यह वार्ता सूरतगढ़ जिला बनाओ की महत्वपूर्ण फाइनल वार्ता हुई है 

File Photo : Patient of ICU(Poja Chhabra) went to CM’s Place to meet him

पूजा ने इस अभियान को 15 दिन आमरण अनशन और बाद में अन्न त्याग ( 53 दिन) करने के बाद भीषण गर्मी में गांवों में भ्रमण कर सरकार को और मुख्यमंत्री को प्रभावित कर दिया। अन्न त्याग का अनशन तो 7 जुलाई को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ही फलों का रस पिला कर समाप्त करवाया था। मुख्यमंत्री ने उस समय यह आश्वासन दिया था कि अब जब भी नये जिले बनेंगे तब सूरतगढ़ सबसे पहले होगा।

आज की वार्ता मुख्यमंत्री के दिए आश्वासन की ओर तीव्रता से बढने वाली है और  सूरतगढ़ जिला बनने की संभावनाएं पक्की हुई है।०0०

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