कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि यह पेटेंट विश्वविद्यालय के लिए उपलब्धि
डेमोक्रेटिक फ्रंट
हिसार/पवन सैनी
गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर डा. सुमित सरोहा द्वारा खोजी गई नई तकनीक हाईब्रिड फोरकास्टिंग इंजन को पेटंट मिला है। यह तकनीक सोलर पावर फोरकास्ट तथा विंड पावर फोरकास्ट के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी खोज है। भारतीय पेटंट एजेंसी द्वारा डा. सुमित सरोहा को पेटंट प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है। डा. सरोहा ने मंगलवार को यह प्रमाण पत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई को सौंपा। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि डा. सुमित सरोहा का यह पेटंट विश्वविद्यालय के लिए एक उपलब्धि है। इससे विश्वविद्यालय के और शिक्षकों को भी इससे प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा है कि विश्वविद्यालय में शोध की गुणवत्ता व स्तर को बढ़ाने के लिए लगातार योजनाएं बनाई जा रही हैं। ये है तकनीक डा. सुमित सरोहा ने बताया कि यह पार्टिकल स्वाम ओपटेमाइजेशन (पीएसओ) आधारित एक न्यूरल नेटवर्क है। इससे सूर्य की विकरण उर्जा तथा पनचक्की उर्जा को मापने के लिए पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा। यह तकनीक पूर्वनुमान की बहुत हद तक सटीक जानकारी देगी। इस तकनीक के प्रयोग के लिए दिल्ली क्षेत्र को केंद्र बिंदू मान कर आंकड़े एकत्र किए गए। दिल्ली के विभिन्न स्थानों के गत तीन वर्षों के मौसम, वहां पड़ने वाली सूर्य की किरणों तथा अन्य संबंधित आंकड़े लिए गए। इन आंकड़ों को सिगनल के रूप में अवतरित कर तंरगों के आधार पर वेवलेट ट्रांसफोर्म सिगनल प्रोससिंग टूल से अलग-अलग फिल्टर किया गया। इसके बाद फिर से एक कृत्रिम बौद्धिकता आधारित एक नए टूल का प्रयोग कर आंकड़ों को ट्रेन कर पूर्वानुमान लगाया गया। डा. सुमित ने बताया पीएसओ इस मॉडल को और अधिक ओपटेमाइज करता है।ये हैं इस तकनीक के फायदे भविष्य की उर्जा जरूरतों को देखते हुए सोलर पावर प्लांट लगाने को लेकर लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस तकनीक का प्रयोग करके यह पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा कि किस स्थान पर सोलर पावर प्लांट लगाने के अधिकतम बिजली प्राप्त की जा सकती है। इस तकनीक के माध्यम् से स्थान व दिशा दोनों के निर्धारण में सहायता मिलेगी। यह तकनीक सोलर प्लांट के साथ-साथ विंड प्लांट की स्थापना में भी उपयोगी है।ऐसे करें सोलर प्लांट की देखभाल डा. सुमित सरोहा ने सोलर प्लांट की देखभाल व उपयोग के लिए भी महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। डा. सुमित सरोहा ने बताया कि सोलर प्लेटों की धूल समय-समय पर साफ की जाती रहनी चाहिए। प्लेटों के नीचे का तापमान अपेक्षाकृत कम रहना चाहिए। डा. सरोहा ने सुझाव दिया है कि घरेलू सोलर प्लांट भी ग्रिड से जोड़े जाने चाहिए। सोलर प्लांट की बैटरी पूरी तरह चार्ज होने के बाद प्लांट द्वारा उत्पादित बिजली बेकार चली जाती है। यदि ये प्लांट ग्रिड से जुड़े होंगे तो बिजली का पूर्ण प्रयोग किया जा सकेगा। उन्होंने घरेलू प्लांटों को आपस में एक दूसरे घरों के साथ जोड़ने का सुझाव भी दिया है।