बच्चों में आत्मविश्वास पैदा करना अच्छे शिक्षक का पहला धर्म है : प्रियंका पूनिया

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 08 जुलाई :

आज जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पंचकुला में चल रहे स्कूल हेड मास्टर्स तथा हाई स्कूल प्रिंसिपल के ट्रेनिंग कार्यक्रम में प्रसिद्ध शिक्षाविद् तथा स्टेट अवार्डी प्रियंका पुनिया ने पर्सनालिटी डेवलपमेंट तथा इफेक्टिव कम्युनिकेशन स्किल्स पर अपना व्यक्तव्य दिया ।

उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता के लिये आत्मविश्वास तथा आत्म जागरूकता का बहुत महत्व है ।हर प्रधानाचार्य  को चाहिये कि वो हर बच्चे को मौक़ा दे की वो कक्षा तथा विद्यालय की गतिविधियों में भाग लें । वे ये निश्चित करे कि हर बच्चा आगे आये तथा बोलना सीखें ताकि उसमे आत्मविश्वास पैदा हो । हर विद्यालय के प्रधानाचार्य की यह नैतिक ज़िम्मेदारी है की वह अध्यापकों को निर्देश दे की वे अपनी कक्षा के हर बच्चे का आंकलन कि कोई बच्चा मानसिक तनाव से तो नहीं गुजर रहा या किसी बच्चे में कोई लर्निंग डिसेबिलिटी तो नहीं है ।तथा उनकी पहचान कर के उनके उपचारात्मक पहलू पर ध्यान दें ।हर बच्चे को सिखाया जाए की कैसे वो अपने कम्युनिकेशन स्किल को बड़ा सकते है । उन्हें बताया जाये कि कैसे अपनी बॉडी लैंग्वेज सही रखें ,बातें ध्यान से सुनें, सही सटीक शब्दों का प्रयोग करें, रोज प्रैक्टिस करें आदि।इसके लिए कुछ प्रार्थना सभा में गतिविधियाँ निश्चित की जा सकती हैं ।

श्रीमती पुनिया ने सभी स्कूल हेड से आह्वान किया की वे ये सुनिश्चित करें की हर बच्चे का अछा व्यक्तित्व विकास हो। आज के समय में। हर बच्चे में अच्छे कम्युनिकेशन स्किल्स का होना आत्मविश्वास पैदा कार्ड है जो की अति आवश्यक है । श्रीमती पुनिया ने अध्यापकों को प्रेरित करते हुए कहा की परमात्मा ने उन्हें बच्चों का जीवन संवारने का कार्य सौंपा है । उन्हें इसे काम ना समझ के दिल से इबादत के रूप में करना चाहिए । श्रीमती पुनिया ने  कहा कि आप बच्चों को बड़े सपने देखने तथा बड़े लक्ष्य निर्धारित करने के लिए सक्षम बनाए । साथ ही तनावमुक्त हो कर अपने लक्ष्य की और बढना सिखायें ।

श्रीमती पुनिया के अनुसार अध्यापक बच्चे का जीवन निर्माता होता है इसलिये उसमे बच्चे का हर भाव समझने की क़ाबिलियत होनी चाहिये ।

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पंचकुला के प्रधानाचार्य श्री महा सिंह सिंधु ने श्रीमती पुनिया का धन्यवाद किया । श्री महा सिंह सिंधु ने कहा कि इस व्यक्तव्य से अध्यापकों को बच्चों के सर्वांगीण विकास  में निश्चित रूप से सहायता मिलेगी ।