Saturday, December 28

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 06 जुलाई 2023 :

नोटः चतुर्थी तिथि का क्षय है। तथा श्री गणेश चतुर्थी व्रत है।

Bhadrapada Sankashti Chaturthi 2022: कब है भाद्रपद संकष्टी चतुर्थी? जानें  तिथि और पूजा मुहूर्त - bhadrapada sankashti chaturthi 2022 date tithi puja  muhurat and importance – News18 हिंदी
श्री गणेश चतुर्थी व्रत है

श्री गणेश चतुर्थी व्रत है

चतुर्थी तिथि का क्षय है : अगर किसी तिथि की अवधि 24 घंटे से कम है और वह सूर्यादय के बाद शुरू हुई और अगले दिन सूर्यादय से पहले ही खत्म हो जाए तो इसे तिथि क्षय कहते हैं। सावन में कृष्ण पक्ष की द्वितिया और शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का क्षय हो रहा है।

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नोटः=आज दोपहरः 01.39 से पंचक प्रारम्भ हो रहे हैं, पंचक काल में तृण, काष्ठ, धातु का संचय व भवन निर्माण और नवीन कार्य तथा यात्रा आदि कर्म वर्जित होते हैं।पंचक काल में शव दाह का भी निषेध होता है।चूंकि शव को इतनी लंबी अवधि हेतु रोकना देश काल परिस्थिति के अनुसार मुश्किल हैं, अतः योग्य वैदिक ब्रह्मण की सलाह लेकर पंच पुतलों का दाह और पंचक नक्षत्रों की शांति विधि पूर्वक करानी चाहिए। क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि मृतक व्यक्ति के परिवार व संबंधियों में से ही पॉच व्यक्तियों के अकालमृत्यु होने की आशंका बनी रहती है।

विक्रमी संवत्ः 2080, 

शक संवत्ः 1945, 

मासः श्रावण (प्रथम शुद्ध), 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः तृतीया प्रातः काल 06.31 तक है, 

वारः गुरूवार।

विशेषः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।

 नक्षत्रः धनिष्ठा रात्रि काल 12.25 तक है, 

योगः प्रीति रात्रि काल 12.00 तक, 

करणः विष्टि, 

सूर्य राशिः मिथुन, चंद्र राशिः मकर, 

राहु कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.33, सूर्यास्तः 07.19 बजे।