पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 04 जुलाई 2023 :
नोटः आज से श्रावण शुद्ध मास प्रारम्भ है। और अशून्य शयन व्रत, मंगलागौरी व्रत शुरू है।
मंगलागौरी व्रत : धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मंगला गौरी व्रत रखने से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है और परिवार के सदस्यों को सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जिस प्रकार सावन मास के सोमवार को महत्वपूर्ण माना जाता है, उसी प्रकार माता पार्वती की उपासना के लिए सावन माह में प्रत्येक मंगलवार के दिन मंगला गौरी व्रत रखा जाता है।
अशून्य शयन व्रत : इस व्रत में माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा विधि-विधान से की जाती है। ऐसा माना जाता है कि जो भी इस व्रत को सच्चे मन से पूर्ण करता है, उसके जीवन और घर-परिवार में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है। इस व्रत को पति-पत्नी दोनो एक साथ पूर्ण करे तो जन्मों तक साथ मिलता हैं।
विक्रमी संवत्ः 2080,
शक संवत्ः 1945,
मासः श्रावण (प्रथम शुद्ध),
पक्षः कृष्ण पक्ष,
तिथिः प्रतिपदा दोपहर काल 01.39 तक है,
वारः मंगलवार।
विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।
नक्षत्रः पूर्वाषाढ़ा प्रातः काल 08.25 तक है,
योगः ऐन्द्र प्रातः काल 11.49 तक,
करणः कौलव,
सूर्य राशिः मिथुन, चंद्र राशिः धनु,
राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,
सूर्योदयः 05.32, सूर्यास्तः 07.19 बजे।