पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 03 जुलाई 2023 :
नोटः आज आषाढ़ी पूर्णिमा व्रत है। और भगवान व्यास पूजा है। तथा गुरू पूर्णिमा व्रत है।
आषाढ़ी पूर्णिमा व्रत : गुरु के सम्मान में हर साल आषाढ़ पूर्णिमा पर गुरु पर्व मनाया जाता है, इसे गुरु पूर्णिमा कहते हैं। ये गुरु के प्रति आभार व्यक्त करने का दिन होता है क्योंकि गुरु ही शिष्य का मार्गदर्शन करते हैं और वे ही जीवन को ऊर्जामय बनाते हैं। गुरु पूर्णिमा 3 जुलाई 2023 को है। गुरु के बिना ज्ञान और मोक्ष दोनों ही प्राप्त करना असंभव है।
भगवान व्यास पूजा : व्यास पूजा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस पूजा के दौरान, आचार्यों के तीन समूहों की पूजा की जाती है जो कृष्ण पंचकम, व्यास पंचकम और शंकराचार्य पंचकम हैं। इनमें से प्रत्येक समूह में पाँच आचार्य शामिल हैं।
विक्रमी संवत्ः 2080,
शक संवत्ः 1945,
मासः आषाढ़,
पक्षः शुक्ल पक्ष,
तिथिः पूर्णिमा सांय काल 05.09 तक है,
वारः सोमवार।
विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः मूल प्रातःकाल 11.02 तक है,
योगः ब्रह्म अपराहन काल 03.45 तक,
करणः विष्टि,
सूर्य राशिः मिथुन, चंद्र राशिः धनु,
राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक,
सूर्योदयः 05.31, सूर्यास्तः 07.19 बजे।