Sunday, December 22

यूरिया सब्सिडी योजना जारी रहेगी, भारत यूरिया में आत्मनिर्भर बनने की राह पर-सूद

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़  – 30       जून   :

चंडीगढ़ के किसानों ने मणिमाजरा के खेतों में प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद को किया सम्मानित।

सूद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हुए बताया कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने किसानों को कर और नीम कोटिंग शुल्कों को छोड़कर 242 रुपये प्रति 45 किलोग्राम की बोरी की समान कीमत पर यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए यूरिया सब्सिडी योजना को जारी रखने की मंजूरी दे दी है। पैकेज में तीन वर्षों (2022-23 से 2024-25) के लिए यूरिया सब्सिडी को लेकर लगभग 3.70 लाख करोड़ रुपये आवंटित करने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है। यह पैकेज हाल ही में अनुमोदित 2023-24 के खरीफ मौसम के लिए 38,000 करोड़ रुपये की पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) के अतिरिक्त है। 

मोदी सरकार के इस निर्णय से किसानों को यूरिया की खरीद के लिए अतिरिक्त खर्च करने की आवश्यकता नहीं होगी और इससे उनकी इनपुट लागत को कम करने में मदद मिलेगी। वर्तमान में, नीम कोटिंग शुल्क और लागू करों को छोड़कर यूरिया की एमआरपी 242 रुपये प्रति 45 किलोग्राम यूरिया की बोरी है जबकि बैग की वास्तविक कीमत लगभग 2200 रुपये है। यह योजना पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा बजटीय सहायता के माध्यम से वित्तपोषित है। यूरिया सब्सिडी योजना के जारी रहने से जारी रहने से यूरिया का स्वदेशी उत्पादन भी अधिकतम होगा।

लगातार बदलती भू-राजनीतिक स्थिति और कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि के कारण, पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक स्तर पर उर्वरक की कीमतें कई गुना बढ़ रही हैं लेकिन नरेन्द्र मोदी सरकार ने उर्वरक सब्सिडी बढ़ाकर अपने किसानों को उर्वरक की अधिक कीमतों से बचाया है। हमारे किसानों की सुरक्षा के अपने प्रयास में, भारत सरकार ने उर्वरक सब्सिडी को 2014-15 में 73,067 करोड़ रुपये से बढ़ा कर 2022-23 में 2,54,799 करोड़ रुपये कर दिया है।

सूद ने बताया कि  यूरिया का स्वदेशी उत्पादन 2014-15 के 225 एलएमटी के स्तर से बढ़कर 2021-22 के दौरान 250 एलएमटी हो गया है। 2022-23 में उत्पादन क्षमता बढ़कर 284 एलएमटी हो गई है। नैनो यूरिया संयंत्र के साथ मिलकर ये यूनिट यूरिया में हमारी वर्तमान आयात पर निर्भरता को कम करेंगे और 2025-26 तक हम आत्मनिर्भर बन जाएंगे।

इस अवसर पर

  • किसान मोर्चा अध्यक्ष दीदार सिंह
  • महामन्त्री अवतार सिंह ढिल्लों
  • उपाध्यक्ष मनदीप सिंह पलसोरा
  • कुलविंदर सिंह काला
  • रूपिंदर सिंह राणा,
  • सचिव दलवीर आह बलबीर सिंह दरहुआ
  • जिला अध्यक्ष सर्वजीत सिंह, सरवन मनीमाजरा
  • बलविंदर सिंह खुदा जस्सू, सतिंदर सिंह सिधु पार्षद जिला प्रधान
  • महामन्त्री दीपक उनियाल धनास
  • संदीप सिंह मनीमाजरा गुरप्रीत सिंह, लाभ सिंह 
  • जरनैल सिंह, बलजिंदर सिंह

 व अन्य किसान मौजूद थे।