पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 27 जून 2023 :
नोटः आज भड़ली नवमी व्रत है। गुप्त नवरात्रि समाप्ति। मेला शरीक भवानी काश्मीर
विक्रमी संवत्ः 2080
शक संवत्ः 1945
मासः आषाढ़
पक्षः शुक्ल पक्ष
तिथिः नवमी रात्रि काल 03.06 तक है,
वारः मंगलवार।
विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन, मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।
नक्षत्रः हस्त दोपहर काल 02.43 तक है
योगः वरीयान प्रातः काल 06.23 तक
करणः बालव
सूर्य राशिः मिथुन चंद्र राशिः कन्या
राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे
सूर्योदयः 05.29 सूर्यास्तः 07.19 बजे।