चण्डीगढ़ में ज़ोनल लैवल इंगलिश मीडियम सन्त निरंकारी समागम आयोजित
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ (राकेश शाह) : सन्त निरंकारी सत्संग भवन सैक्टर 30-ए में ज़ोनल लैवल इंगलिश मीडियम सन्त समागम का आयोजन किया गया। सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज के सन्देश को चण्डीगढ़ के अतिरिक्त 15 अन्य ब्रान्चों के नौजवानों ने स्पीच, ग्रुप सांग, स्किट आदि द्वारा प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर बहन नेहा आनन्द जी , अमृतसर ने थ्री डी का ज़िक्र करते हुए कहा कि ब्रहमज्ञान की प्राप्ति के बाद जब गुरसिक्ख सत्संग-सेवा-सिमरन करने लगता है तो उसकी दृष्टि में बदलाव आने लग जाता है, फिर धीरे-धीरे उसकी दिशा भी ठीक होने लगती है। जिससे उसका ध्यान इस सर्वव्यापी परमात्मा व सत्गुरू के प्रति परिपक्व होता चला जाता है ।
बहन आनन्द ने आगे कहा कि सत्गुरू बाबा गुरबचन सिंह जी महाराज ने वर्ष 1973 से इंगलिश मीडियम सत्संग की शुरुआत की थी । वर्तमान युग में संसार के अधिकतर 100 देशों में इंगलिश भाषा का अनुसरण किया जाता है । सत्गुरू क्योंकि दूरदर्शी होते हैं इसलिए आज से 50 वर्ष पहले ही सत्गुरू ने इंगलिश मीडियम सत्संग का आयोजन शुरू करवा दिया जिससे कि यह ब्रहमज्ञान संसार के कोने-कोने में पहुंचाया जा सके।
बहन आनन्द ने अपने प्रवचनों में यह भी बताया कि उन्होंने एन.वाई.एस. में सत्गुरू माता सुदीक्षा जी से यह प्रश्न पूछा था कि आने वाले 20 वर्षों में आप जी सन्त निरंकारी मिशन का भविष्य क्या देखते हैं । इसके उत्तर में सत्गुरू माता जी ने कहा कि आने वाले 20 वर्षो में संसार के हर देश में सन्त निरंकारी मिशन का अनुयायी होंगे ।
नौजवानों ने एक स्किट के द्वारा भ्रम-भुलेखे और दिखावे बारे सत्गुरू माता जी के प्रवचनों की चर्चा करते हुए कहा कि ब्रहमज्ञान की प्राप्ति मानुष जन्म का अन्त नहीं बल्कि एक भ्रम-मुक्त जीवन की शुरूआत है जिसमें दिखावे के लिए कोई जगह नहीं है । सत्गुरू ने ब्रहमज्ञान प्रदान कर हमारे लिए व्यवहारिक अध्यात्मिकता के द्वार खोल दिए हैं ।
इस अवसर पर चंडीगढ़ जोन के ज़ोनल इन्चार्ज श्री ओ पी निरंकारी जी ने इस अवसर पर उपस्थित सभी ब्रान्चों के मुखी, संयोजक व नौजवानों का जिन्होंने कितनी मेहनत करके इस समागम को सफल बनाया सभी का धन्यवाद किया । इस समागम के आयोजन के लिए यहां के संयोजक श्री नवनीत पाठक जी तथा सभी सेवादल अधिकारियों का भी धन्यवाद किया तथा सभी के लिए हर प्रकार के सुखों की प्राप्ति की कामना की ।