दिल्ली में बिजली दरों में बढ़ोत्तरी के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने भी आंदोलन की चेतावनी दी है। दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा है कि साल 2013 में बिजली दरें बढ़ाने पर डीईआरसी पर प्रहार करने वाले केजरीवाल आज बिजली कंपनियों के सुर में सुर मिला रहे हैं। कुमार ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री बिजली के बिलों में बढ़ोतरी कर बिजली कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए सीधा बिजली बिलों पर प्रति यूनिट की दरें बढ़ाने की जगह पावर परचेज एग्रीमेंट की आड़ में बिलों पर अतिरिक्त सरचार्ज की लगभग 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दिया। साल 2013 में केजरीवाल कहते थे कि सरकार की मर्जी के बिना डीईआरसी को बिजली दरें बढ़ाने का अधिकार नहीं। ऐसे में अब डीईआरसी द्वारा बिजली दरें बढ़ाने पर केजरीवाल का दोहरा मापदंड दिल्ली की जनता के साथ धोखा है। क्यों मुख्यमंत्री बिजली कंपनियों का 8 वर्षों में ऑडिट नही करवाते? बिजली का यही हाल पंजाब में भी होने वाला है, पंजाब पहले हि रात भर बिजली से दूर रहता है ।
- दिल्ली विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों को दी मंजूरी
- रूटीन रिव्यू के बाद एक्स्ट्रा चार्ज वसूलने की अनुमति, बढ़ेंगे दाम
- 200 यूनिट तक फ्री बिजली मिलती रहेगी, आतिशी ने दिया भरोसा
डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, नई दिल्ली ब्यूरो – 26 जून :
फ्री बिजली देने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी ( आआपा) सरकार दिल्ली में रहने वालों को जोरदार झटका देने की तैयारी में है। राष्ट्रीय राजधानी के लोगों को महंगाई का तगड़ा झटका लगने वाला है। दिल्ली में बिजली महंगी हो रही है बिजली में 9.46 बढ़ेंगे बिजली के दाम। विद्युत नियामक आयोग ने ऊर्जा खरीद समझौते पर दर बढ़ाने का इजाजत दे दी है। अरविंद केजरीवाल सरकार ने कहा कि इससे उपभोक्ताओं पर असर नहीं पड़ने वाला है।
देश की राजधानी दिल्ली में बिजली के रेट बढ़ने को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आम आदमी पार्टी ( आआपा) की सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि रेट बढ़ने का सीधा मतलब है कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली की जनता को लूटने का काम करते हैं। वहीं बीजेपी दिल्ली प्रदेश प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया कि दिल्ली की जनता को लूटने का प्रयास किया जा रहा है।
सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल सरकार का यह कदम दिल्ली की जनता की जेब पर डाका है। केजरीवाल के झूठा बताते हुए सचदेवा ने कहा कि दिल्ली की हालत बदतर हो चुकी है। जगह-जगह जलभराव है, बिजली के रेट बढ़ा दिए गए हैं। लोगों की हालत खराब है। वो एक नंबर के झूठे हैं। उन्होंने कहा कि मुफ्त बिजली के नाम पर अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता को सिर्फ ठगने का काम किया है।
वहीं कांग्रेस नेता अनिल चौधरी ने आआपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा हमें ये उम्मीद थी कि लोगों के खाते में डॉयरेक्ट सब्सिडी जाएगी। लेकिन ये नहीं हुआ। इसके उलट केजरीवाल ने बिजली के रेट बढ़ा दिए। बिजली दर बढ़ाए गए, जिससे प्राइवेट कंपनी को लाभ मिल सके। लोगों को फ्री बिजली देने का उनका वादा झूठा साबित हो रहा है।
हालांकि दिल्ली सरकार का कहना है कि इसका असर बिजली उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा। दिल्ली की ऊर्जा मंत्री आतिशी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, “केंद्र सरकार के कुप्रबंधन और कोयला ब्लॉकों की बढ़ती दरों के चलते ही दिल्ली में बिजली दरें बढ़ रही हैं। भारत में कोयला खदानों की कोई कमी नहीं है, फिर भी कोयले की कीमत क्यों बढ़ रही है?”
मालूम हो कि दिल्ली में ऊर्जा नियामक ने बिजली वितरण कंपनियों को दाम बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। जिसके बाद से अब BSES यमुना पावर लिमिटेड (BYPL) मौजूदा दरों पर 9.42% अतिरिक्त चार्ज, BSES राजधानी पावर लिमिटेड 6.39% और नई दिल्ली म्युनिसिपल काउंसिल (NDMC) 2% अतिरिक्त चार्ज वसूल कर सकेगी।