आपातकाल लागू करके कांग्रेस ने देश को अंधकार में धकेलने का काम किया था : कँवर पाल गुर्जर

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, यमुनानगर – 26  जून   :

भाजपा जिला अध्यक्ष राजेश सपरा ने जानकारी देते हुए बताया कि महाराजा अग्रसेन कॉलेज जगाधरी में भाजपा द्वारा आपातकाल पर आयोजित प्रबुद्ध सम्मेलन में मुख्य अतिथि के तौर पर शिक्षा व वन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ,अति विशिष्ट अतिथि विधायक घनश्याम अरोड़ा, विशिष्ट अतिथि मुकेश सहगल,तिलक राज धीमान, अश्विनी गोयल रहे।

हरियाणा भाजपा सरकार में स्कूल शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने प्रबुद्ध सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि 25/26 जून 1975 की रात भारतीय लोकतंत्र के इतिहास की काली रात थी। वर्ष 1975 में कांग्रेस नेत्री देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल घोषित किया था। जिसे राजनीति के इतिहास का काला अध्याय भी कहा जाता है। 25 जून 1975  की आधी रात आपातकाल की घोषणा की गयी थी। जो 21 मार्च 1977 तक लगाकर रखी गयी थी। तत्कालीन राष्ट्रपति फकरुद्दीन अली अहमद द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सिफारिश पर संविधान की धारा 352 के तहत आपातकाल की घोषणा की थी। 26 जून को अल सुबह इंदिरा गांधी की ओर से रेडियो दूरदर्शन पर आपातकाल की घोषणा को पूरे देश ने सुना।

स्कूल शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने बताया कि 12 जून 1975  को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा श्री जयप्रकाश नारायण के केस मे श्रीमती इंदिरा गांधी के खिलाफ दिया गया फैसला था। 24 जून 1975 को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार तो रखा,परन्तु इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री के पद पर बने रहने की इजाजत दे दी। बस इसी का नाजायज फायदा उठाते हुए इंदिरा गांधी ने देश मे रात के समय आपातकाल घोषित कर दिया। जिस पर पूरे विपक्ष  ने इंदिरा गांधी के इस्तीफे तक देश मे रोजाना धरना प्रदर्शन का आव्हान किया तथा पूरा विपक्ष एकजुट हो गया। पूरे देश मे इंदिरा गांधी के खिलाफ आन्दोलन छिड गया। इंदिरा ने देश के तमाम बडे बडे नेताओ  अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी,, चौ.चरण सिंह, राजनाथ सिंह ,राजनारायण, मुलायम सिंह यादव चौ.देवीलाल, अरूण जेटली आदि को गिरफ्तार कराकर जेल मे ठूंस दिया। तथा इंदिरा गांधी के छोटे पुत्र संजय गांधी  के इशारे पर लोगों की जबरी तौर पर नाजायज नसबंदी की गयी।जिसके कारण 1977 के चुनाव मे इंदिरा गांधी की बुरी तरह से हार हुई।

भाजपा विधायक घनश्यामदास अरोड़ा ने बताया कि जून 1975 में कांग्रेस द्वारा लगाए गए आपातकाल मे भारत देश के लोगों के सभी मूलभूत अधिकार छीन लिये गये थे। किसी को बोलने की आजादी नही थी। प्रैस की आजादी छीन ली गयी थी।कई मुख्य अखबारो के छापने पर पाबंदी लगा दी गयी थी। करीब 1200 पत्रकार गिरफ्तार कर लिए गये। खबरे छापने पर पाबंदी लगा दी गयी। सारा देश घबराहट में था।

इस दौरान चेयरपर्सन रोजीमलिक आंनद,कार्यक्रम संयोजक रामेश्वर चौहान,सह संयोजक हर्षवर्धन शर्मा,जिला महामंत्री कृष्ण सिंगला, भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष निश्चल चौधरी,प्रदेश सह प्रवक्ता भारत भूषण जुआल, संयोजक सीताराम मित्तल , पूर्व चेयरमैन रामनिवास गर्ग, सीनियर डिप्टी मेयर प्रवीण शर्मा पिन्नी, भाजपा जिला मीडिया प्रमुख कपिल मनीष गर्ग , प्रदेश सचिव ईश्वर पलाका, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य देविंद्र चावला, मुकेश दमोपूरा, अशोक मेंहदीरत्ता, विपुल गर्ग, रिंकू धीमान,नीतिन कपूर, नरेंद्र राणा,सीमा गुलाटी सहित सैंकड़ों भाजपा कार्यकर्ता व आमजन उपस्थित रहे।