Sunday, December 22

 
गायनेकोलॉजिस्ट किरण मक्कड़ 2006 से अपनी टीचिंग की हॉबी अपनाकर आईलेट्स की 8 किताबें लिख चुकी हैं , और सिर्फ अपने तजुर्बे से आईलेट्स के एग्जाम के बिना ही स्टूडेंट्स को उनका लेवल बता देती हैं

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़  – 24     जून   :

आईलेट्स की ट्रेनिंग पंजाब के युवाओं के लिए एक बहुत बड़ा हव्वा  है , अधिकतर गांव के स्कूलों से पढ़े हुए युवा अंग्रेजी से मीलों दूर भागते हैं ;  लेकिन यह भी सच है कि पंजाब के युवा  के लिए कनाडा में सेटल होने का सपना हर घर में देखा जाता है , चाहे फिर वह किसी भी कीमत पर हो । इसीलिए डॉ किरण मक्कड़ ने एमबीबीएस करने के बाद भी पंजाब के युवाओं को आईलेट्स की ट्रेनिंग देने का फैसला लिया और फगवाड़ा नवांशहर मोहाली खरड़ जालंधर जीरकपुर के बाद वह चंडीगढ़ में भी आईलेट्स की ट्रेनिंग देंगे और खास बात यह है कि 30 लड़कियों को यह ट्रेनिंग बिल्कुल मुफ्त दी जाएगी।

हालांकि सुपर 30 बैच के लिएवॉर विडो की बेटी , या 2.5 लाख से कम आय वाले परिवार की  सिंगल गर्ल चाइल्ड , या फिर अनाथ आश्रम की बच्चियां , हैंडीकैप लड़कियां, या    सरपंच या एमएलए द्वारा जरूरतमंद स्टूडेंट का सर्टिफिकेट हासिल की हुई लड़कियां एलिजिबल होंगी।

सुपर 30 बैच के सभी लड़कियों को डॉक्टर द्वारा इमीग्रेशन कंसलटेंसी की सेवा भी निशुल्क दी जाएंगी । सेक्टर 17 में अपने नए आइलेट्स सेंटर में पत्रकारों से रूबरू होकर डॉ किरण मक्कड़ ने कहा कि मैं चाहती हूं कि सिर्फ और सिर्फ अंग्रेजी कमजोर होने की वजह से कोई लड़की अपने सपने पूरे करने से वंचित न रह जाए इसलिए सुपर थर्टी की स्कीम हर 2 महीने के बाद लगातार जारी रहेगी और उन सभी बच्चियों को इमीग्रेशन की सुविधा भी बिल्कुल मुफ्त दी जाएगी ।