सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, यमुनानगर – 16 जून :
उत्थान संस्थान की ईकाई चाइल्ड़लाइन यमुनानगर की टीम ने गांव नाहरपुर मे जाकर चलाया जागरूकता अभियान।जिसमे चाइल्डलाइन की जिला समन्वयक स्वाति ने बच्चो को कहा कि ऐसी बहुत सी सरकारी योजनाएं हैं जिनका लाभ दिलाने में चाइल्ड लाइन मदद करती है।सरकार की ओर से तमाम हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, जिन पर कॉल करके अपनी समस्याओं का समाधान कराया जा सकता है। ऐसे ही एक चाइल्ड लाइन सेवा 1098 को शुरू किया है, जिस पर निशुल्क कॉल करके 0 से 18 साल तक के बच्चों के साथ होने वाले बाल अपराधों को रोक सकते हैं।
उन्होंने बताया कि किसी बच्चे का शोषण हो रहा है, उसे प्रताड़ित किया जाता है। मारपीट कर घर से भगा देते हैं। कोई बच्चा ढाबे व दुकानों पर बालश्रम कर रहा है। किसी बच्चे को भिक्षावृत्ति करनी पड़ रही है। कहीं पर बाल विवाह हो रहा है। मानव तस्करी के दौरान बच्चों को ले जाया जाता है। यह सभी घटनाएं बाल अपराध में आती हैं। इनसे प्रताड़ित बच्चों को सहारे की जरूरत होती है।उन्होंने बच्चो से कहा कि अगर आपके साथ या फिर किसी अन्य बच्चे के साथ इस तरह की घटनाएं होती है और लगता है कि वह मुसीबत में हैं, तो बेहिचक चाइल्ड लाइन सेवा 1098 को कॉल करें। बताया कि इस नंबर के डायल करने पर तुरंत ही आपकी बात सुनीं जाएगी। नाम, पता और समस्या को नोट कराने के 60 मिनट में चाइल्ड लाइन की टीम मौके पर पहुंचेगी।
चाइल्डलाइन की डायरेक्टर डॉक्टर अंजू बाजपई ने बाल मजदूरी के बारे में बताते हुए कहा कि बाल मजदूरी बच्चों से लिया जाने वाला काम है जो किसी भी क्षेत्र में उनके मालिकों द्वारा करवाया जाता है। बचपन सभी बच्चों का जन्म सिद्ध अधिकार है जो माता-पिता के प्यार और देख-रेख में सभी को मिलना चाहिए,यह गैरकानूनी कृत्य बच्चों को बड़ों की तरह जीने पर मजबूर करते है।बाल मजदूरी भारत में बड़ा सामाजिक मुद्दा बनता जा रहा है जिसे नियमित आधार पर हल करना चाहिए। ये केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि इसे सभी सामाजिक संगठनों, मालिकों, और अभिभावकों द्वारा भी समाधित करना चाहिए। ये मुद्दा सभी के लिये है जोकि व्यक्तिगत तौर पर सुलझाना चाहिए, क्योंकि ये किसी के भी बच्चे के साथ हो सकता है।यदि किसी भी व्यक्ति को कोई बच्चा बाल मजदूरी करते हुए दिखाई दे तो तुरंत इसकी जानकारी 1098 पर किसी भी समय दी जा सकती है।
मौके पर टीम से आशीष एवं वॉलंटियर मौजूद रहे।