Sunday, December 22
  • असाध्य रोगों को जड से खतम करने में योग कारगर

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, यमुनानगर – 15        जून   :

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में डीएवी गर्ल्स कॉलेज के योग विभाग, आयुष विभाग और हरियाणा योग आयोग के संयुक्त तत्वाधान में पांच जगहों पर निःशुल्क योग शिविर का आयोजन किया गया है। विभाग की टीचर्स सुबह साढे छह बजे से साढे सात बजे तक लोगों को योग व प्राणायाम के बारे में जानकारी मुहैया करवा रहे है। कार्यक्रम का आयोजन कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल डॉ विनित की देखरेख में किया जा रहा है।

डॉ रंजना ने कहा कि नियमित योग के जरिए असाध्य रोगों को भी जड से खतम किया जा सकता है। यह कम खर्चीली पद्धति है। उन्होंने कहा कि जीवन शैली खराब होने की वजह से मनुष्य रोगों से ग्रस्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि हम सभी को अपने जीवन में योग व प्राणायम दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। ताकि हम स्वस्थ रह सकें। वेद का प्रथम सूत्र है नर-नारायण की सेवा। राष्ट्र तथा समाज की उन्नति और कल्याण के लिए सबसे अधिक आवश्यक है कि देश वासी मनुष्य बनें। वे बराबर भगवान से यही प्रार्थना करते थे, भगवान मेरे देश के निवासियों को मनुष्य बनाओ।

योग विभाग के प्राध्यापक प्रदीप कुमार ने सभी को मोटापा, शुगर, उच्च व निम्र रक्तचाप, ह्रदय रोग, अस्थमा, जोड़ों के दर्द, माइग्रेन, कमर दर्द, यूरिक एसिड व कोलेस्ट्रोल का बढऩा, खांसी, जुकाम, बुखार, तनाव, चिड़चिड़ापन, ईष्या, द्वेष, वैमनस्य इत्यादि रोगों को दूर करने के लिए विभिन्न प्रकार के आसनों व प्राणायामों का वैज्ञानिक तरीके से अभ्यास करवाया। जिसमें सूर्यनमस्कार, ऊष्ट्रासन, मंडूकासन, चरणासन, कूर्मासन, शशांकासन, वर्जासन, सुप्तवर्जासन, नौकासन, उत्तानासन, पवन मुक्तासन, अश्वासन, पर्वतासन, मर्कटासन, वक्रासन, अर्द्धमत्स्येंद्रासन, ह्रदयस्त भासन, भुजगासन, धनुरासन, सलभासन, चंद्रासन, चक्रासन तथा प्राणायम में दीर्घश्वसन, अतरूवृति, वाह्रयवृति, स्तंभवृति, भस्त्रिका, नाड़ीशोधन, अनुलोम-विलोम, मूर्छा, प्लावनी, चंद्रभेदी, शीतली, शीतकारी, भ्रामरी व उद्गीत इत्यादि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अगर सभी लोग नित्य प्रतिदिन ३० से ६० मिनट तक योगा यास व प्राणायाम करें, तो सभी प्रकार की बीमारियों से छूटकार मिल सकता है।