बीजेपी और जेजेपी के गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चलने की अटकलों को केंद्रीय पशुपालन राज्य मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता संजीव बालियान के बयान ने भी हवा दे दी। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उन्होंने जींद में बुधवार (7 जून) को कहा ”उन्हें यह तो पता है कि राज्य में जेजेपी ने बीजेपी को सरकार बनाने के लिए समर्थन दिया था लेकिन उन्हें यह नहीं मालूम है कि अगले चुनाव में गठबंधन होगा या नहीं। जेजेपी को साथ लेकर चुनाव लड़ना है या नहीं, यह पार्टी संगठन तय करेगा।” जबकि दुष्यंत दुष्यंत चौटाला ने जेजेपी-बीजेपी गठबंधन बरकरार रहने का दावा किया। चौटाला ने कहा,”बीजेपी-जेजेपी गठबंध हरियाणा में सुचारू रूप से सरकार चला रहा है। वह पिछले तीन साल से मीडिया में बीजेपी और जजपा के अलग होने की खबरें सुन रहे हैं, लेकिन गठबंधन मजबूत है और इसमें कोई दरार नहीं है।”
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़ – 10 जून :
हरियाणा में गठबंधन सरकार चला रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा ) और जननायक जनता पार्टी (जजपा ) के बीच मतभेद दिन ब दिन बढ़ते दिख रहे हैं। अटकलें लगाई जा रही हैं कि हरियाणा में दोनों दलों के बीच मनमुटाव खत्म नहीं हुआ तो जल्द ही यह गठबंधन टूट सकता है। हालांकि राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इन अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि कहीं कोई समस्या नहीं है और दोनों दल मिलकर सरकार चला रहे हैं।
हरियाणा में अगले साल लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा के भी चुनाव होने वाले हैं। इस बीच हरियाणा के बीजेपी प्रभारी बिप्लब कुमार देव ने बीते दिनों उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर निशाना साधा था, जिसे लेकर जेजेपी खासी नाराज है। हालांकि इसे लेकर मनोहर लाल खट्टर ने सफाई देते हुए कहा, ‘प्रभारी संगठन के लिए होते हैं सरकार के लिए नहीं। उनके आगे एक चुनाव है और उसके साथ दूसरा चुनाव है। उसे ध्यान में रखते हुए उन्होंने बातें सोची होंगी। उसके बारे में कमेंट नहीं कर सकता हूं।’
राजनीतिक गलियारों की धड़कनें बढ़ा दीं. संत कबीर कुटीर में शाम 7 बजे शुरू हुई सीएम एमएल खट्टर और प्रदेश प्रभारी बिप्लब देब के बीच करीब तीन घंटे तक बैठक हुई। इस दौरान कृषि मंत्री जेपी दलाल भी मौजूद रहे। इसलिए माना जा रहा कि सूरजमुखी की एमसपी को लेकर चर्चा हुई होगी। लेकिन एक कयास ये भी है कि इस बैठक में गठबंधन सरकार को लेकर भी चर्चा हुई होगी।
बैठक हुई, चर्चा चली और सियासी अटकलबाजियां शुरू हुईं तो जेजेपी नेता और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला भी खुलकर बोले. मीडिया के सवालों पर सवाल किया। उन्होंने कहा कि मिलना-जुलना कोई अपराध है क्या? हमने कौन समर्थन छोड़ा है? बता दें कि कुछ ऐसी ही प्रतिक्रिया हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज की रही। उन्होंने कहा कि बिप्लब देब हमेशा मिलते रहते हैं. वे निर्दलीय विधायकों से भी मिलते हैं, सबसे मुलाकात करते हैं।
अटकलों का क्या है वो तो समय-समय पर किसी भी गठबंधन सरकारों का हिस्सा रही हैं। हालांकि, दुष्यंत चौटाला के एक और बयान ने ही अटकलों को तेज किया। जिसमें उन्होंने कहा था कि गठबंधन सरकार बनाकर कोई भी एक-दूसरे पर अहसान नहीं किया है। हालांकि, दुष्यंत चौटाला को लगता है कि फिलहाल गठबंधन सरकार में कोई दरार नहीं है। वैसे तो गठबंधन सरकार को लेकर बयानबाजियां पिछले कई दिनों से जारी है। लेकिन इसको तब और बल मिल गया। जब बीजेपी प्रदेश प्रभारी शुक्रवार को निर्दलीय विधायक गोपाल कांडा से मिले और इससे एक दिन पहले 4 निर्दलीय विधायकों से दिल्ली में मुलाकात की।
हरियाणा में BJP-JJP गठबंधन की सरकार में मतभेद सामने आ चुके हैं। अब BJP को गठबंधन तोड़ देना चाहिए क्योंकि सभी निर्दलीय विधायक सरकार के साथ हैं। अब बिना गठबंधन से BJP को फायदा होगा। इन विधायकों में रामपाल गोंदर, राकेश दौलताबाद, रणधीर सिंह और सोमवीर सांगवान शामिल रहे। निर्दलीय विधायकों से घटती दूरी ने ही इस चर्चा को हवा दे दी है कि बीजेपी अंदरखाने सब कुछ सेट कर लेना चाहती है।
दरअसल, हरियाणा विधानसभा की मौजूदा स्थिति का आकलन करें तो तस्वीरें कुछ इस तरह नजर आती है। विधानसभा में फिलहाल बीजेपी के 41 विधायक है जबकि सहयोगी पार्टी जेजेपी के 10 और हरियाणा लोकहित पार्टी के गोपालकांडा एकमात्र विधायक हैं। इसी तरह कांग्रेस के 30 विधायक, आईएनएलडी के 1 और निर्दलीय 7 विधायक हैं। हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं. इस तरह से बहुमत के लिए 46 सीटें चाहिए। लेकिन राहत की बात ये है कि बीजेपी और जेजेपी दोनों ने ही साफ कर दिया है कि फिलहाल गठबंधन सरकार चलती रहेगी।