गंगा लगाएगी इंसाफ के लिए एसएसपी ऑफिस के बाहर मोर्चा
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ (राकेश शाह) : पहले ही परमात्मा की मार झेल रही हूं ऊपर से अपराधिक प्रवृत्ति के किन्नरों से प्रताड़ित किन्नर गंगा चंडीगढ़ पुलिस की ढुलमुल कार्रवाई से परेशान अब जल्द ही एसएसपी ऑफिस के बाहर इंसाफ के लिए पक्का मोर्चा लगाएगी। आज एक पत्रकार वार्ता में अपनी दुख भरी कहानी सांझा करते हुए गंगा ने बताया कि मेरे मामले में चंडीगढ़ पुलिस अब तक कोई कार्रवाई करने में नाकाम साबित हुई है। अपने ऊपर हुए दो जानलेवा हमलों के बाद पुलिस की असंतुष्ट कार्रवाई की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय एवं ह्यूमन राइट्स के साथ-साथ चंडीगढ़-पंजाब पुलिस के उच्च अधिकारियों के समक्ष उठाने के बाद अब चंडीगढ़ पुलिस का दोहरा चेहरा देखने को मिल रहा है। गंगा ने आरोप लगाया कि चंडीगढ़ पुलिस का एक उच्च अधिकारी उसको व उसके वकील को फोन कर बिना जांच के तैयार की गई रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर कर रहा है।
गंगा ने बताया कि सेक्टर 25 में अपने गुरु हरि जी की मौत के बाद साथी किन्नरों ने गुरु जी द्वारा जीते जी अपनी इच्छा के अनुसार लिखित में मुझे अपना वारिस बनाते हुए जगह सौंपी थी, जिसकी रंजिश के चलते मेरे साथ बुरी तरह मारपीट की गई वह मुझे धमकाया गया था कि अब वह चंडीगढ़ में ना घुसे।
इस दौरान सेक्टर 25 में रहती किन्नर सोनम, मलायिका व भूरा उर्फ संदीप तथा अन्य साथियों ने सेक्टर 25 व 43 में मेरे साथ बुरी तरह मारपीट की व मेरे सोने के जेवर भी जबरदस्ती उतार लिए। इसकी शिकायत मेरे द्वारा पुलिस को दी गई, परंतु किन्नरों द्वारा पुलिस के सामने ही मेरे साथ सेक्टर 24 चौकी में मारपीट की गई। इस मारपीट में मेरी उंगली भी टूटी जबकि चंडीगढ़ पुलिस द्वारा ना तो मेरा मेडिकल करवाया गया व ना ही मेरी शिकायत पर आज तक कोई कार्रवाई की गई है। पुलिस कर्मचारियों द्वारा मौके पर कार्रवाई के नाम पर मुझ पर दबाव बनाया जाता, खाली कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया जाता। मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारी मेरे दस्तावेजों को थाना-चौंकी लाने की बात करते हैं, ताकि मौका पाकर सामने वाली पार्टी उन दस्तावेजों को छीन कर फाड़ दे तथा मुझे कानूनी लड़ाई में कमजोर कर सकें।
गंगा ने बताया कि पुलिस से बेखौफ यह अपराधिक प्रवृत्ति के किन्नरों द्वारा मोहाली स्थित गांव बड़माजरा मेरे घर पर भी 22-23 अज्ञात व्यक्तियों के साथ मिलकर जानलेवा हमला किया गया जिसकी रिपोर्ट वीडियो के साथ मेरे द्वारा बलौंगी पुलिस को मुहैया करवाई गई, परंतु बलौंगी पुलिस द्वारा भी मामूली धाराएं लगाकर मामले को रफा-दफा करने की तैयारी की जा चुकी है।
इंसाफ के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही गंगा ने बताया कि माननीय अदालत द्वारा उसे सुरक्षा देने के लिए चंडीगढ़ पुलिस को जिम्मेवारी सौंपी गई है जिसके विपरीत जाते हुए चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारी उसे किसी अनहोनी के समय 112 नंबर पर कॉल करने की सलाह देते हैं।
गंगा ने बताया कि घर में जबरदस्ती घुस कर जानलेवा हमला करना, चौंकी में मारपीट, पुलिस के सामने धमकाना, उंगली तोड़ देना व किडनैप करना जैसे संगीन धाराओं वाले मामलों में पुलिस कार्रवाई के नाम पर मुझे अपने समाज में बैठकर मामले को सुलझाने का दबाव बनाते हुए सलाह देती है।
उन्होंने बताया कि क्रिमिनल गतिविधियों में संलिप्त उपरोक्त किन्नरों का समाज में दबदबा है, इस कारण कोई भी उनके खिलाफ नहीं बोलता है।