Sunday, December 22

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, करणीदानसिंह राजपूत, सूरतगढ़ 07        जून   :

सूरतगढ़ में कांग्रेस पार्टी के पूर्व विधायक गंगाजल मील ग्रुप और भाजपा के वर्तमान विधायक रामप्रताप कासनिया नगरपालिका अध्यक्ष ओम प्रकाश कालवा ग्रुप की ओर से आयोजित पत्रकार वार्ताओं में प्रतिपक्ष पर नेताओं पर आरोप लगाए जाते हैं। जिनके प्रमाण नहीं होते। सत्य देना नहीं चाहते। कहते हैं कि हमारे पास में रिकॉर्ड है लेकिन कभी पत्रकारों को उपलब्ध नहीं कराते ।प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो प्रिंट कागज दिए जाते हैं उनके साथ भी कोई दस्तावेज नहीं होता और उन पर कोई हस्ताक्षर नहीं होते। जो आरोप मौखिक लगाए जाते हैं उनमें से अधिकतर आरोप लिखित में नहीं होते। यदि बाद में कोई तथ्य कागजात प्रमाण मांगा जाता है रिकॉर्ड दिया नहीं जाता,इनकार किया जाता है।
👍 इन दोनों ग्रुपों की प्रेस कान्फ्रेंस असल में प्रेस कॉन्फ्रेंस ही नहीं होती। ये एक प्रकार की सभा करते हैं।
पिछले कई महीनों से ऐसा हो रहा है प्रेस कॉन्फ्रेंस के नाम पर इनके साथ में पार्टी के पदाधिकारी,पार्षद,महिला पार्षदों के पति भाई आदि रिश्तेदार होते हैं और यह संख्या 30 -40 तक पहुंचती है। असल में यह प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं होती।

मील प्रेस कॉन्फ्रेंस के नाम पर अपने पार्षदों को और पदाधिकारियों को प्रभावित करना चाहते हैं। रामप्रताप कासनिया ओमप्रकाश कालवा
अपने पार्षदों को पार्टी पदाधिकारियों सदस्यों को प्रभावित करना चाहते हैं,बताना चाहते हैं।

इन दोनों ग्रुपों को चाहिए कि अपने सदस्यों को पार्षदों को बताना चाहते हैं, सिखाना चाहते हैं, कोई बात प्रमाणित करना चाहते हैं, अपने पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों मुकदमों के होते हुए भी मिट्टी पोत शुद्ध दिखाना चाहते हैं तो अलग से बैठक आयोजित करें। भ्रष्टाचार में गिरफ्तारी केस और जेल होने जैसी स्थितियों में पत्रकार वार्ता में एक दो घंटे की सफाई कोई मायने नहीं रखती।

👍 प्रेस वार्ता का मतलब प्रेस वार्ता ही होना चाहिए। उसे सभा का रूप देने की कोशिश हो रही है यह बंद होनी चाहिए। ये बंद नहीं हुई तो फिर इस प्रकार की प्रेस कांफ्रेंस का कोई औचित्य नहीं है,जिसमें मुंह से बोला जाता है उसके प्रमाण नहीं दिए जाते,जो लिखा जाता है उसमें कोई प्रमाण नहीं होते और हस्ताक्षर नहीं होते।

  • चाहे कांग्रेस का मील ग्रुप हो चाहे भाजपा का कासनिया कालवा ग्रुप हो।अपने आप को चतुर समझते हैं। पत्रकारों के माध्यम से मीडिया के माध्यम से प्रतिपक्ष पर आरोप लगाकर अपनी छवि को साफ सुथरा प्रचारित करना चाहते हैं। लेकिन मीडिया के माध्यम से छवि कभी भी साथ नहीं हो सकती और किसी के भी नहीं हो सकती। जनता के अंदर जो छवि बनती है और बन रही होती है प्रचारित होती है वह छवि ही असली छवि होती है।
    ** चुनाव के मौके पर अब इस प्रकार की कार्रवाई तेजी से चलेगी। आरोप और प्रत्यारोप लगेंगे मगर कोई प्रमाण नहीं होगा। दोनों ग्रुप जो असली दस्तावेज प्रमाणित दस्तावेज होते हैं वह देना नहीं चाहते। कॉन्फ्रेंस में दूर से लहराते हैं दिखाते हैं मगर प्रमाणित दस्तावेज जिस पर कोई कुछ हो सकता है वह देना नहीं चाहते।
    खुद इतने सावधान हैं कि कोई भी कार्रवाई करना नहीं चाहते।
  • विधानसभा का चालू कार्यकाल जो 2018 से चला और अब नवंबर 2023 के आसपास चुनाव होंगे तब तक इन महीनों में आरोप-प्रत्यारोप की झड़ी रहेगी।
    👍 पत्रकार वार्ता आयोजित हो तो अपनी बात कहने के बाद में तुरंत खत्म करने की कार्यवाही होती है। बहुत से मुद्दे होते हैं जिनके ऊपर आयोजक जवाब देना नहीं चाहते।
  • कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के ये दोनों ग्रुप और पदाधिकारी पार्षद आदि शहर की समस्याओं के मामले में मृत रूप अपनाए हुए हैं।
    शहर की सफाई सड़कों आदि पर बोलना नहीं चाहते।पूरा शहर गंदगी से भरा है सड़ांध मार रहा है,सड़कें टूटी हैं मगर दोनों ग्रुपों को कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों को भी परवाह नहीं है। नगरपालिका घोटालों की पालिका बन चुकी है। सूरतगढ़ नशे का गढ बन चुका है। दोनों ग्रुप बढते नशे पर चुप हैं और एक कार्यवाही नहीं है।
    दोनों ग्रुप शहर की जनता को मूर्ख बनाते हैं और खुद को ज्यादा अकलमंद समझते हैं। ऐसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकार वार्ता में केवल आरोप और प्रत्यारोप पर ही निर्भर हो और खुद आयोजक कहीं शिकायत नहीं करें,शिकायत करते हैं तो उसके बाद में उसको ठप कर देते हैं, कार्रवाई नहीं करते तब क्या कहा जाए?
    ऐसे विभिन्न विभागों में खासकर नगर पालिका उपखंड अधिकारी कार्यालय में जो शिकायतें होती है उनका कोई हल नहीं निकलता। शिकायतकर्ता वहां पर उपस्थित होकर जांच समय पर करवाना नहीं चाहते।
  • सूरतगढ़ में जो कॉलोनियां बन रही हैं। वे आधी अधूरी ही नॉर्मस के हिसाब से कोई भी कॉलोनी पूर्ण नहीं है, मगर नगरपालिका उन्हें भ्रष्टाचार में स्वीकार कर रही है। हर कॉलोनी में निर्माण आधे अधूरे पड़े हैं और गंदगी फैलाते हैं।
  • राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी समझने वाले कांग्रेस के मील ग्रुप और भारतीय जनता पार्टी के कासनिया और कालवा ग्रुप शहर की इन समस्याओं पर कार्रवाई नहीं करते।
    👍 एक बड़ा सच्च यह है कि नगरपालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा पहले कांग्रेस में थे और अनेक आरोप लगने मुकदमें शिकायतें जांचे होने के बाद 24 फरवरी 2023 को भाजपा में घुस गए। इसके बाद से आरोप प्रत्यारोप सैंकड़ों हैं और नगरपालिका में कामकाज ठप्प है।

इन दोनों ग्रुपों की खिचड़ी अब आगे इन हालातों के रहते तो पकने वाली नहीं है और अब चुनाव तक बचे महीनों में किसी के पास कोई योजना कोई कार्य नहीं है,जिससे साफ सुथरे दिख सकें।