पंजाब के गाँवों में ठोस अवशेष प्रबंधन और तरल अवशेष प्रबंधन के लिए 166 करोड़ रुपए जारी : जिम्पा
2950 गाँवों में तरल अवशेष प्रबंधन के लिए 135 करोड़ रुपए जारी किये गए
4374 गाँवों में सॉलिड वेस्ट प्रबंधन के लिए 31 करोड़ रुपए जारी किये गए
मंत्री के नेतृत्व अधीन जल सप्लाई और सेनिटेशन के अधिकारियों और कर्मचारियों ने पर्यावरण की रक्षा के लिए शपथ ली
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ (राकेश शाह) : विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर पंजाब के जल सप्लाई और सेनिटेशन मंत्री श्री ब्रम शंकर जिम्पा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार पर्यावरण की सुरक्षा के लिए वचनबद्ध है और अब तक पंजाब सरकार द्वारा राज्य के गाँवों में तरल अवशेष प्रबंधन और ठोस अवशेष प्रबंधन के लिए 166 करोड़ रुपए जारी किये जा चुके हैं।
आज यहाँ पंजाब भवन में विश्व पर्यावरण दिवस मनाते हुए श्री ब्रम शंकर जिम्पा ने कहा कि जल सप्लाई और सेनिटेशन विभाग राज्य के गाँवों में अलग-अलग पहलकदमियां करके ठोस और तरल प्रदूषकों को रोकने में अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य के 2950 गाँवों में तरल अवशेष प्रबंधन के लिए अब तक 13496.33 लाख रुपए जारी किये जा चुके हैं और 4374 गाँवों में ठोस अवशेष प्रबंधन के लिए 3116.89 लाख रुपए जारी किये गए हैं।
पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कूड़ा प्रबंधन की महत्ता पर ज़ोर देते हुये श्री जिम्पा ने कहा कि आजकल पैदा होने वाले अवशेष में ग़ैर-बायोडीग्रेडेबल और अजैविक तत्व शामिल हैं और यदि इस कूड़े को ज़मीन में दबाया जाता है तो इसके नष्ट होने में काफ़ी समय लगेगा। उन्होंने कहा कि कूड़ा प्रबंधन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कूड़े में मौजूद इन तत्वों के ज़हरीले प्रभावों से पर्यावरण को बचाता है और ऐसा न करने पर पानी, मिट्टी और हवा दूषित हो जाते हैं।
इसके उपरांत श्री ब्रम शंकर जिम्पा ने जल सप्लाई और सेनिटेशन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम का नेतृत्व करते हुये पर्यावरण की रक्षा के लिए अपनी रोजाना की आदतों में हर संभव तबदीली लाने के साथ-साथ दूसरों को पर्यावरण अनुकूल अभ्यासों की पालना करने के लिए प्रेरित करने का प्रण लिया। उन्होंने कहा कि विश्व और मानवता के सामने जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग मुख्य चुनौतियां हैं और इससे हरेक के योगदान के साथ ही निपटा से जा सकता है। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग पर्यावरण प्रदूषण के कारणों से भली-भाँति अवगत हैं, इसलिए हरेक को रोज़मर्रा के कामों और आदतों में बदलाव लाकर पर्यावरण की सुरक्षा के लिए योगदान डालना चाहिए। उन्होंने विभाग के कर्मचारियों से अपील की कि वे पानी की बचत, पानी के लीकेज की समय पर मुरम्मत को यकीनी बनाएं, कूड़ा कर्कट प्रबंधन, एक बार इस्तेमाल किये जाने वाले प्लास्टिक के प्रयोग को बंद करें और सेहतमंद जीवन शैली अपना कर अपने आसपास के लोगों के लिए एक मिसाल कायम करें।
इस अवसर पर अन्यों के इलावा विभाग के प्रमुख सचिव श्री डी. के. तिवारी और विशेष सचिव जनाब मुहम्मद इशफाक भी उपस्थित थे।