डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, करणीदानसिंह राजपूत, सूरतगढ़ 05 जून :
सूरतगढ़ सीवरेज घोटाला फर्जी भुगतान का मामला भ्रष्टाचार सरकारी कोष को हानि पहुंचाने का ऐसा मामला है जिसमें पालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा की अध्यक्षता और सदस्यता दोनों ही जाने की संभावना है। आगे से आगे खिसकते इस मामले में जुलाई 2023 में कार्यवाही होने की फैसले की घड़ी आ सकती है।
इस प्रकार के मामलों में सरकार सख्त है और जिला कलेक्टर की जांच रिपोर्ट में कालवा दोषी लिखे जा चुके हैं।
आज पत्रकार वार्ता में ओमप्रकाश कालवा ने अपनी बड़ाई में कहा कि उनके विरुद्ध कई महीनों से कार्यवाही होने का लिखा जाता रहा है और जुलाई 2022 से अब फिर जुलाई आने वाली है।
ओमप्रकाश कालवा डीएलबी के नोटिस को लेकर हाईकोर्ट चले गए थे। अभी अदालत में ग्रीष्म अवकाश है और जुलाई में जो तारीख मिलेगी उस दिन डीएलबी हाईकोर्ट में अपनी कार्यवाही को पेश करेगा। जिला कलेक्टर की जांच रिपोर्ट बड़ा महत्व रखती है औऋ डीएलबी उस पर चलेगी।
ओम प्रकाश कालवा और शिकायत कर्ता बनवारी लाल मेघवाल के लिए हर तारीख महत्वपूर्ण तारीख हो गई है।
हाईकोर्ट में पहले 26 मई थी मगर 26 मई को फाईल नहीं लगी। नयी तारीख 29 मई दी गई थी लेकिन इस पर भी सुनवाई में फाईल का नंबर नहीं आया। उसके बाद ग्रीष्म अवकाश शुरू हो गया। अब आगे जुलाई के प्रथम सप्ताह में या आगे तारीख मिलना संभव हो सकेगा।
सीवरेज घोटाले के मामले में शिकायत कर्ता पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष बनवारी लाल मेघवाल भी पक्ष बनाए गए थे। वे और उनका वकील भी अदालत में मौजूद रहे थे।
* सीवरेज घोटाले में एक करोड़ 60 लाख से अधिक रुपए का फर्जी भुगतान कर नगर पालिका को घाटा पहुंचाने का गंभीर आरोप है। जो कार्य नहीं हुआ उसका भुगतान करने का आरोप है।
** यह आरोप पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष बनवारी लाल मेघवाल की ओर से लगाया गया जिस पर जिला कलेक्टर( जिला मजिस्ट्रेट) ने जांच करवाई और वह रिपोर्ट स्वायत्त शासन निदेशालय को भेजी गई। जिलाकलेक्टर की रिपोर्ट में भुगतान बिल का सत्यापन करने वालों में नगरपालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा, अधिशासी अधिकारी विजयप्रतापसिंह,लेखापाल सुनील, दो अभियंताओं को दोषी माना गया। इनके विरुद्ध कार्यवाही की अनुशंसा की गई। सीवरेज निर्माण ठेकेदार कं मोटी कार्लो से भुगतान की गई रकम वसूल करने का लिखा गया। वर्तमान अधिशासी अधिकारी ने वसूली नोटिस जारी कर दिया ऐसी सूचना है। जिला कलेक्टर की रिपोर्ट में दोषी माने जाने के कारण अध्यक्ष पर अध्यक्षता और सदस्यता जाने का खतरा मंडरा रहा है। अधिशासी अधिकारी को सूरतगढ़ से हटाया जाकर एपीओ जयपुर डीएलबी किया जा चुका है। लेखापाल सुनील का सूरतगढ़ से पहले ही स्थानांतरण कर दिया गया था।
जिला कलेक्टर की रिपोर्ट में दोषी पाए जाने और कार्यवाही की अनुशंसा के बाद स्वायत्त शासन निदेशालय ने ओमप्रकाश कालवा को सीवरेज की जांच रिपोर्ट पर जवाब तलबी नोटिस दिया। कालवा नोटिस लेकर उच्च न्यायालय पहुंच गए। नोटिस का जवाब देने पर रोक नहीं लगी। उच्च न्यायालय ने डीएलबी को भी कार्यवाही जारी रहने पर कोई रोक नहीं लगाई। डीएलबी को यह निर्देश दिए की कार्यवाही का जो निष्कर्ष निकले वह 26 मई तक पेश किया जाए। उच्च न्यायालय में 26 मई तारीख दी गई मगर अदालत में फाईल का नम्बर नहीं आया तब नयी तारीख 29 मई दी गई थी।इस पर भी सुनवाई का नंबर नहीं आया। अब हाईकोर्ट में गर्मियों की छुट्टियों के बाद जुलाई माह में नयी तारीख मिलेगी। यदि ओमप्रकाश कालवा को अध्यक्षता और सदस्यता से हटाया जाता है तो वे निर्णय को हाईकोर्ट में पुनः चुनौती दे सकते हैं। ओमप्रकाश कालवा ने पहले एक पत्रकार वार्ता में खुद को निर्दोष बताया था कि कोई गलत भुगतान नहीं किया।
* आज पत्रकार वार्ता में ओमप्रकाश कालवा ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि भाजपा के अध्यक्षों को सोच समझ कर हटाया जा रहा है। कालवा ने अनेक स्थानों के अध्यक्ष गिनाए।