Sunday, December 22

मीडिया से बातचीत के दौरान नरोत्‍तम मिश्रा ने कहा कि दमोह में स्थित गंगा जमुना स्कूल का एक पोस्टर रिलीज हुआ है, जिसमें कुछ हिंदू लड़कियां हिजाब पहने नजर आ रही है। इस मामले की जांच जिला शिक्षा अधिकारी से कराई जा रही है। हालांकि, किसी भी परिजनों ने इस मामले पर कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है।

MP के स्कूल में हिंदू छात्राओं को पहनाया गया हिजाब! जांच हुई तो सामने आई ये बात

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट(ब्यूरो), इंदौर – 01 जून :

मध्य प्रदेश के दमोह में एक निजी स्कूल इन दिनों विवादों में है। दरअसल स्कूल की दीवार में लगे टॉपर्स के पोस्टर को लेकर दावा किया जा रहा है कि हिंदू छात्राओं को हिजाब पहनाया गया है। जब मामला सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो कलेक्टर ने जांच करवाई। कलेक्टर ने ट्वीट कर बताया कि जांच में स्कूल पर लगे आरोप गलत साबित हुए हैं, जबकि इस मामले को लेकर प्रदेश में हिंदूवादी संगठनों में काफी नाराज़गी है।

मीडिया से बातचीत के दौरान नरोत्‍तम मिश्रा ने कहा कि दमोह में स्थित गंगा जमुना स्कूल का एक पोस्टर रिलीज हुआ है, जिसमें कुछ हिंदू लड़कियां हिजाब पहने नजर आ रही है। इस मामले की जांच जिला शिक्षा अधिकारी से कराई जा रही है। हालांकि, किसी भी परिजनों ने इस मामले पर कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है।

स्कार्फ को समझा जा रहा हिजाब

जांच टीम में शामिल दमोह कोतवाली टीआई विजय सिंह राजपूत ने बताया कि स्कूल प्रबंधन ने इसको लेकर सफाई दी है। स्कूल का कहना है कि बच्चों के सिर पर स्कार्फ है, जिसे हिजाब समझा जा रहा है। स्कार्फ स्कूल की यूनिफॉर्म का हिस्सा है। स्कूल के सभी बच्चे इसे पहनते हैं, लेकिन इसे पहनने के लिए किसी को मजबूर नहीं किया जाता है। स्कूल के संचालक मुस्ताक खान ने कहा कि स्कूल में यूनिफॉर्म में स्कार्फ शामिल है।

जांच टीम में शामिल दमोह कोतवाली टीआई विजय सिंह राजपूत ने बताया कि स्कूल प्रबंधन का कहना है कि स्कार्फ को हिजाब समझा जा रहा है। असल में ये स्कार्फ स्कूल की यूनिफॉर्म का हिस्सा है। स्कूल के सभी बच्चे पहन सकते हैं, लेकिन किसी पर दबाव नहीं. उन्होंने कहा कि स्कूल के संचालक मुस्ताक खान पहले भी यह बता चुके हैं कि स्कूल में यूनिफॉर्म में स्कार्फ शामिल है, लेकिन इसे पहनने के लिए किसी को मजबूर नहीं किया जाता है। 

ज्ञापन देने पहुंचे लोगों में शामिल मोंटी रैकवार ने कहा कि हिंदू धर्म की बेटियों को जानबूझकर हिजाब पहनने पर मजबूर किया जा रहा है। हिंदुस्तान में ये सब खुलेआम हो रहा है, जो अपराध है। ऐसे लोगों को सजा जरूर मिलनी चाहिए।