डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, करणीदानसिंह राजपूत, सूरतगढ़ 25 मई :
सूरतगढ़ को जिला बनाए जाने का मांग पत्र तथ्य और पुराने जो भी दस्तावेज आदि है उनकी प्रमाणित प्रतियां राम लुभाया जिला बनाने वाली समिति को भेंट कर तुरंत सौंपे जाने चाहिए। समिति के पास सूरतगढ़ जिला बनाओ अभियान समिति का मांग पत्र दस्तावेज प्रमाण आदि नहीं होने से सूरतगढ़ पर विचार नहीं हुआ।
* यह महत्वपूर्ण कार्य है जो अध्यक्ष को तुरंत संज्ञान में लेना चाहिए और कार्यवाही करनी चाहिए। अध्यक्ष विष्णु शर्मा और प्रतिनिधिमंडल खास जानकारी लेकर जयपुर में सर्वप्रथम राम लुभाया समिति में राम लुभाया से भेंट कर वार्ता करने और ज्ञापन दस्तावेज सौंपने का कार्य करना चाहिए।
* जिले के लिए क्या कुछ होना चाहिए आदि वार्तालाप में सामने आएगा। इसके अलावा मुख्य सचिव उषा शर्मा से भी बात की जा सकती है दस्तावेज दिए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री के पास समय है या नहीं लेकिन मुख्यमंत्री सचिवालय में भी जिला बनाओ के कागजात दिए जाएं। इन तीनों कार्यालयों में सभी दस्तावेज दिए जाएं। केवल एक दिन जयपुर में रहकर सभी से भेंट हो सकती है। सचिवालय में इनसे मिलने के लिए किसी पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं है।
👍 शराबबंदी नशा मुक्ति आंदोलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूजा भारती छाबड़ा ने 1 मई 2023 को श्री राम लुभाया से सचिवालय में भेंट की और दस्तावेज सौंपे। उस समय सूरतगढ़ को जिला बनाए जाने बारे में कहा गया। सूरतगढ को वंचित कैसे और क्यों रखा गया? तब यह स्थिति सामने आई कि वहां उनके पास कोई मांग पत्र नहीं है। श्री रामलुभाया ने जानकारी दी कि उनके पास सूरतगढ को जिला बनाने की कोई मांग नहीं है कोई ज्ञापन नहीं है।
यह जानकारी सामने आने पर पूजा छाबड़ा ने पुराना रिकॉर्ड दिया कि कब से सूरतगढ़ में मांग चल रही है। उनको नया मांग पत्र समिति के नाम दिया गया। सन् 1978 से संजोया हुआ रिकॉर्ड मांगपत्र अखबारों के समाचार आदि दिखाए और उनकी फोटस्टेट प्रतियां सौंपी। पूजा छाबड़ा ने 2 मई को मुख्य सचिव ऊषा शर्मा से भेंट उनको भी वह रिकॉर्ड दिया जो श्री रामलुभाया समिति को दिया था। सीएमओ से 2 मई शाम को फोन पर आमंत्रण मिला कि 3 मई को ठीक चार बजे सीएमओ में पूजा छाबड़ा और प्रतिनिधि मंडल 5 सदस्य प्रमुख शासन सचिव आरती डोगरा से वार्ता करें। यह प्रथम चरण की वार्ता भी हुई। पूजा छाबड़ा के साथ प्रतिनिधि मंडल में सर्वश्री जिला लोकपाल अनिल धानुका, एडवोकेट नोटेरी एन.डी.सेतिया, सामाजिक कार्यकर्ता रमेश आसवानी,टैगौर शिक्षण संस्था ग्रुप के डा.सुशील जेतली और आकाशदीप बंसल जो सूरतगढ़ जिला बनाओ समिति के सचिव थे। बंसल करीब 15 सालों से सूरतगढ़ जिला बनाने की मांग से जुड़े कार्य करते रहे हैं। ( वर्तमान में इस समिति से अलग हो गए हैं लेकिन जिला बनाओ अभियान में हैं)
👍 सूरतगढ़ जिला बनाओ अभियान में समिति अध्यक्ष श्री विष्णु शर्मा ने जो रिकॉर्ड या मांग पत्र पूर्व में सरकार को मुख्यमंत्री को डाक से रजिस्टर्ड या स्पीड पोस्ट से भेजे हैं,तो वह सारा रिकॉर्ड उनके पास है। उस रिकॉर्ड को त्वरित सदस्य समिति और संपूर्ण स्टीयरिंग कमिटी के सामने रखते हुए समीक्षा की जानी चाहिए।
* उसके बाद में तुरंत जयपुर रवाना होना चाहिए सारे तथ्य जो पूर्व में दिए गए हैं या नए दिए जाने हैं वे तुरंत ही सौंपे जाने चाहिए।
* इसके बाद जनता के सामने,मीडिया के सामने भी बताया जाना चाहिए कि हमने जयपुर में यह रिकॉर्ड पेश किया है। यह बहुत जरूरी है क्योंकि आंदोलन संघर्ष को चलते 2 माह से अधिक हो चुके हैं। अब चलाए जा रहे क्रमिक अनशन और कमजोर होती परिस्थितियों से सूरतगढ में बैठे तो कोई परिणाम निकलने की संभावना नहीं है।
* महाराणा प्रताप चौक पर 21 मार्च 2023 से शुरू हुए संघर्ष को आज 25 मई को 66 दिन हो चुके हैं। एक-एक दिन बीतते हुए इतने दिन निकल गए।
* अभी समीक्षा की गई थी कि जिन बड़े लोगों के सहयोग की अपेक्षा थी वह अपेक्षित सहयोग नहीं दे रहे हैं। तब अध्यक्ष का दायित्व अधिक बन जाता है कि वह स्थिति स्टेरिंग समिति के सामने रखे और स्वयं सहित चार पांच व्यक्तियों का प्रतिनिधिमंडल लेकर जयपुर पहुंचे।
यह बहुत जरूरी है। इसमें सैकड़ों आदमियों की हजारों आदमियों की आवश्यकता नहीं है।
* आमरण अनशन के बाद में अब केवल क्रमिक अनशन धरना शुरू है। कोई बड़ा कार्यक्रम सामने नहीं है लेकिन जो महत्वपूर्ण है वह जयपुर जाना है,जयपुर पहुंचना है।
👍 एक बार सूरतगढ जिला बनाओ समिति की ओर से जयपुर में वार्ता कर रिकॉर्ड सब कुछ भेंट कर देना चाहिए। श्री रामलुभाया से भेंट करना बहुत जरूरी है।
* अगर पहले श्री रामलुभाया समिति को दस्तावेज ज्ञापन रजिस्ट्री आदि से भेजे हुए है,तो पहले तो उनकी समीक्षा करके दोबारा तिबारा भी जयपुर भिजवाएं और खुद पेश करें। इसमें कोई ज्यादा खर्चा नहीं है। वैसे भी खर्चा बहुत लग रहा है तो चार पांच व्यक्ति जयपुर जाएं। चाहे रेल में जाए चाहे बस में जाएं। जयपुर जाकर के रिकॉर्ड देना जरूरी है ।
** यदि ज्ञापन एक के बाद दूसरा तीसरा चौथा दिया जाए तो भी कोई बुराई नहीं है। समय बहुत बीत चुका है और आगे बहुत कम समय बचा है। इस बात को भी सोचा जाना चाहिए।