जिलों में चल सेंटरों को आत्मनिर्भर बनाएं बाल कल्याण अधिकारी : रंजीता मेहता

  • ग्रांट के लिए मुख्यालय की तरफ ना देखें, जिलों में चलाएं प्रोजेक्ट्स
  • अधिकारियों ने रंजीता मेहता को एक साल पूरा होने पर दी बधाई

संदीप सैनी,डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, पंचकुला – 25   मई  :

हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद ने प्रदेश के सभी जिला बाल कल्याण अधिकारियों की बैठक बुलाई। इस बैठक में हरियाणा बाल कल्याण परिषद की मानद महासचिव मुख्यातिथि रही। उनका वरिष्ठ जिला बाल कल्याण अधिकारी ओपी मेहरा सहित अन्य ने स्वागत किया। बैठक में विभिन्न जिलों में चल रही गतिविधियों की समीक्षा हुई। अधिकारियों ने रंजीता मेहता के बतौर हरियाणा बाल कल्याण परिषद की मानद महासचिव कार्याकाल पूरा होने पर उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी। अधिकारियों ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। अधिकारियों ने अपने जिलों की रिपोर्ट पेश की। रंजीता मेहता ने बैठक में बेहतर काम करने वाले अधिकारियों की सराहना की, तो अन्य को सीख लेने की नसीहत दी।

बैठक में बोलते हुए रंजीता मेहता ने कहा कि आप सभी के सहयोग से एक साल सफलता का रहा। कुछ बेहतर हुआ है और काफी कुछ बेहतर करना है। रंजीता मेन कहा कि जिलों में जितने भी सेंटर चल रहा है, उनको आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयास करें, ताकि मुख्यालय की तरफ फंड्स या किसी ग्रांट के लिए इधर-उधर ना देखना पड़े। सेंटरों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न औद्योगिक घरानों के पास सीएसआर फंड्स काफी रुपये हैं, उनसे संपर्क करें। ज्यादा से ज्यादा रुपये सेंटरों के लिए लेकर आएं। नए कोर्स शुरु करें, उनका ज्यादा से ज्यादा प्रचार करें, ताकि प्रशिक्षणार्थियों की कमी ना रहे और उन्हें कम खर्च में बेहतर प्रशिक्षण मिल सके। रंजीता मेहता ने कहा कि जिला उपायुक्तों से मिलकर पार्किंग स्थल, वीटा बूथ, कैंटीन या अन्य आय के साधन जुटाने के लिए प्रयास करें। आय के साधन के बाद आपको वेतन के लिए किसी की तरफ देखना पड़ेगा। अगले महीने के टारगेट पहले ही तय कर लें। ग्रांट नए प्रोजेक्ट लाने के लिए दी जाती है, ना कि वेतन के लिए। रंजीता मेहता ने कहा कि कोरोना से पहले काफी आय थी, लेकिन कई सेंटर बंद होने के बाद आय काफी कमी आई है। रंजीता मेहता ने कहा कि बच्चों के लिए ज्यादा से ज्यादा काम करें। हमें सरकार जो ग्रांट देती है, वह अनाथ बच्चों के लिए देती है, इसलिए इन बच्चों के सर्वागीण विकास पर ध्यान दे। कुछ जिलों में अच्छा काम हो रहा है, लेकिन दूसरे जिलों बाल कल्याण अधिकारियों को भी सीख लेने की जरुरत है।