पालिकाध्यक्ष कालवा का सूरतगढ की सुंदरता के नाम नया घोटाला : प्रमाणित रिपोर्ट.

29 नवंबर 2022 को नीलामी दर्शाई गई मगर इसकी कोई फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी नहीं होगी जो बोली जाता शामिल हुए उन्होंने लिख भी दिया कि सबकुछ नगर पालिका के अध्यक्ष ईओऔर लेखापाल के कहने से हस्ताक्षर किए थे। इन सब से स्पष्ट हुआ कि सारी कार्रवाई में फर्जीवाड़ा हुआ। इस पर स्वायत शासन विभाग जो कार्रवाई करेगा उसकी रिपोर्ट देने का प्रयास होगा।  

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, करणीदानसिंह राजपूत, सूरतगढ़ 22      मई  :

नगर पालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा सूरतगढ़ शहर की सुंदरता के नाम पर विज्ञापन प्रदर्शित करने के एक मामले में पालिका को जानते बुझते नुकसान पहुंचाने फंस गए हैं। नीलामी फर्जी और सारी कार्यवाही फर्जी तैयार कर कागजात बनाए गए।

 👍 जिला कलेक्टर सौरभ स्वामी ने 18 मई 2023 को स्वायत शासन विभाग के शासन सचिव को इस मामले में उप उपखंड अधिकारी सूरतगढ़ की जांच रिपोर्ट भेजी है। रिपोर्ट में दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करने का और संबंधित नीलामी दुबारा करने का लिखा है।

ओम प्रकाश कालवा पर सीवरेज घोटाले के बाद में नए नए घोटाले करने के आरोप प्रमाणित होते जा रहे हैं।

👍 सूरतगढ़ शहर की सुंदरता के नाम पर हुए घोटाले में नगर पालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा, अधिशासी अधिकारी विजय प्रताप सिंह जो एपीओ जयपुर हैं और और सुनील कुमार लेखापाल जो अब श्रीगंगानगर में अन्यत्र नियुक्त है। इन तीनों ने स-आशय यह घोटाला 29 नवंबर 2022 को किया। 

 इन तीनों ने डिस्कवरी आउटडोर्स जयपुर के मालिक /भागीदार भोजेंद्र सिंह या अन्य के साथ मिलकर के किया। 

जिला कलेक्टर ने कार्यवाही के लिए लिखा है। शहर में नगर पालिका क्षेत्र में सुंदरता के लिए विज्ञापन प्रदर्शित करने वास्ते 2 ओवरहेड साइनेज 25-30 यूनीपोल/ 2 डिजिटल वॉच का निर्माण कार्य बीओटी के आधार पर किए जाने की जारी निविदा में वित्तीय हनी पहुंचाने का मामला है।

यह शिकायत सूरतगढ़ की एक फर्म स्वास्तिक आर्ट्स के अभिस्वामी राजेंद्र प्रसाद उपाध्याय की ओर से की गई थी जिसमें लाखों रुपए नुकसान पहुंचाने की शिकायत की गई थी।

नीलामी की कार्रवाई पूरी होने से पहले ही संबंधित फर्म को सफल बोली जाता मान कर लोगों द्वारा लगाए अवैध होर्डिंग्स को हटाने का अधिकार लिख दिया गया। यह नीलामी प्रक्रिया जांच में संपूर्ण तरीके से दूषित पाई गई।

 उपखंड अधिकारी संदीप कुमार काकड़ ने जिला जिला कलेक्टर के आदेश पर जांच की और रिपोर्ट 17 अप्रैल 2023 को जिला कलेक्टर को सौंपी। 

रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा गया कि नीलामी प्रक्रिया की शर्तों का पालन नहीं किया गया और दूषित प्रक्रिया अपनाई गई। उपखंड अधिकारी ने जांच रिपोर्ट में दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करने और नीलामी दुबारा करने की अनुशंसा की।

यह नीलामी सूचना 21 नवंबर 2022 को जारी होगी जिसका व्यापक प्रचार-प्रसार नहीं किया गया। इसका एक बिंदु नंबर 4 है जिसमें लिखा गया था कि ठेके में वही कंपनियां शामिल होंगी जिसे कम से कम 3 नगरपालिका क्षेत्रों में पूर्व में काम करने का अनुभव होगा लेकिन टेंडर लेते वक्त जिन ठेकेदारों ने इसमें भाग लिया उनसे इस प्रकार के अनुभव का कोई प्रमाण नहीं लिया गया।  नीलामी की सूचना जो 11 नवंबर 2022 को जारी की गई वह 29 नवंबर 2022 को संपन्न हुई। 

 इससे पहले ही नीलामी प्रक्रिया जारी जबकि गई उसी में ही अवैध यूनीपोल होर्डिंग आदि  हटाने का अधिकार मैसेज डिस्कवरी आउटडोर्स जयपुर को दे दिया गया। यह सबसे बड़ी गड़बड़ लिखित रूप में हुई। 

उपखंड अधिकारी ने पाया की नीलामी सूचना का व्यापक प्रचार प्रसार नहीं हुआ और नगरपालिका में इसका कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है जबकि अधिशासी अधिकारी सूरतगढ़ ने व्यापक प्रचार प्रसार का लिखा ।  नीलामी से संबंधित कोई फोटो वीडियो आदि भी नगरपालिका में उपलब्ध नहीं है। 

(आरोप है कि यह कार्रवाई हुई ही नहीं थी) नीलामी में भाग लेने वाले अन्य भागीदार जसकरण सिंह, विनोद कुमार पाटनी और संदीप कुमार ने 13 अप्रैल 2023 को उपखंड अधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर लिखित में पत्र प्रस्तुत किए कि उनके पास नीलामी में भाग लेने के लिए शर्तों के अनुरूप अपेक्षित अनुभव प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं थे। उन्होंने नीलामी में भाग लेने के लिए कोई धरोहर राशि नगद अथवा ऑनलाइन जमा नहीं करवाई थी। उन्होंने अध्यक्ष और अधिशासी लेखाधिकारी के कहने से ही नीलामी में बैठे थे तथा नीलामी फर्द पर हस्ताक्षर कर दिए थे।

29 नवंबर 2022 को नीलामी दर्शाई गई मगर इसकी कोई फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी नहीं होगी जो बोली जाता शामिल हुए उन्होंने लिख भी दिया कि सबकुछ नगर पालिका के अध्यक्ष ईओऔर लेखापाल के कहने से हस्ताक्षर किए थे। 

 इन सब से स्पष्ट हुआ कि सारी कार्रवाई में फर्जीवाड़ा हुआ। इस पर स्वायत शासन विभाग जो कार्रवाई करेगा उसकी रिपोर्ट देने का प्रयास होगा।  

नगर पालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा पर सीवरेज घोटाला, उसके बाद में स्ट्रीट लाइट खरीद घोटाला, सूरतगढ़ भूखंडों के सर्वे का घोटाला जिसमें लाखों रुपए भुगतान कर दिया गया नगरपालिका को नुकसान पहुंचाया गया। इन मामलों की रिपोर्ट भी अलग से प्रस्तुत करने की कोशिश रहेगी। सीवरेज के घोटाले की कार्यवाही चल रही है और जल्दी ही कुछ होने की संभावना है।

नगर पालिका सूरतगढ़ के पूर्व अध्यक्ष बनवारीलाल मेघवाल और वर्तमान के कई पार्षदों ने श्रीगंगानगर जिले के प्रभारी सचिव भवानी सिंह देथा को 10 मई को सूरतगढ में  लिखित में शिकायत करते हुए ओमप्रकाश कालवा को बर्खास्त करने अथवा निलंबित करने की मांग की है। शिकायत में घोटालों का उल्लेख भी किया गया। बनवारीलाल ने तो एक बैनर भी पहन रखा था जिस पर लिखा था. भ्रष्टाचारी चोर चैयरमैन कालवा को निलंबित करो।