घर से ही बच्चों को मिलते हैं संस्कार : रामचरण गुप्ता
बाबा बालकनाथ मंदिर में भजनों पर झूमे श्रद्धालु
हिसार/पवन सैनी
तरसेम नगर स्थित सिद्ध बाबा बालकनाथ एवं दुर्गा माता मंदिर में सत्संग में भंडारे का आयोजन किया गया। तरसेम भजन मंडली ने सेवक संजीव गुप्ता के नेतृत्व में भजन प्रस्तुत किए। श्रद्धालुओं को प्रवचन देते हुए मंदिर प्रबंधक रामचरण गुप्ता ने बाबा बालक नाथ जी की जीवनी पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बच्चों को हमें बचपन से ही संस्कार देने चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को घर से ही संस्कार मिलते हैं। जैसा हम अपने माता-पिता बुजुर्गों से व्यवहार करेंगे, बच्चा भी धीरे-धीरे उन संस्कारों में ढलने लगता है। इसलिए हमें हमेशा अपने माता-पिता, बड़े-बुजुर्गों व गुरूओं का आदर करना चाहिए। बुजुर्ग माता-पिता को कभी बोझ न समझें। रामचरण गुप्ता ने कहा कि हमें थोड़ी देर के लिए उस पल को याद कर लेना चाहिए जब इन्हीं माता-पिता ने हमें अंगूली पकड़कर चलना सिखाया और हमारी खुशी के लिए अपनी जरूरतों को भी दूर रखा। उन्होंने कहा कि बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ धार्मिंक कार्यों में रुचि बढ़ानी चाहिए ताकि वे गलत रास्ते पर भटकने की बजाय अच्छे संस्कारवान बने।
रामचरण गुप्ता ने कहा कि हमें कभी अहंकार नहीं करना चाहिए। अंहकार मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। उन्होंने कहा कि हमें सत्संग के लिए कुछ समय अवश्य निकालना चाहिए। सत्संग के लिए निकाला गए दो पल कभी व्यर्थ नहीं जाते। उन्होंने कहा कि हमें जीवों को यातनाएं देने की बजाय उन्हें प्यार करना चाहिए। बाबा बालकनाथ के भजनों पर श्रद्धालु जमकर झूमे।