डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, पंचकुला – 22 मई :
ईश्वर सिंह दुहन, महानिरीक्षक प्राथमिक प्रशिक्षण केन्द्र भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल भानू, के कुशल मार्गदर्शन में एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान के उपलक्ष्य में मोटे अनाज को आहार में सम्मिलित करने से सम्बन्धित डॉ0 खादर वली , स्वतंत्र वैज्ञानिक और पोषक तत्व विशेषज्ञ एवं मिलेट मैन द्वारा व्याख्यान का आयोजन किया गया । इस अवसर पर ब्रिगेडियर गुरिन्दरपाल सिंह गिल,उप महानिरीक्षक,प्रा0प्रशि0केन्द्र , श्री उपेन्द्र दत्ता कार्यकारणी डायरेक्टर खेती विरासत मिशन, श्रीमती सरबजीत कौर , श्रीमती संदीप कौर, स्थानीय गैर सरकारी संगठन (एन.जी.ओ.) ‘’खेती विरासत मिशन’’ के अन्य सदस्य एवं संस्थान के समस्त पदाधिकारी सम्मिलित हुए।
डॉ0 खादर वली , स्वतंत्र वैज्ञानिक और पोषक तत्व विशेषज्ञ एवं मिलेट मैन का जन्म आंध्र प्रदेश के कडप्पा जिले के प्रोद्युतूर गांव के के मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ डा0 खादर वली की प्रारम्भिक शिक्षा अपने ही जिले में हुई फिरउच्च शिक्षा हेतू मैसूर चले गये । मैसूर महानिवद्यालय से बीएससी और एमएससी की शिक्षा प्राप्त् कर उच्चतम शिक्षा के लिए बैंगलोर गए वहां से आपने पीएचडी की शिक्षा प्राप्त की उसके बाद आपने अमेरिका में अप्राकृतिक चलन पर रिसर्च आरंभ की और कई रिसर्च किए उसके उपरांत 1997 में अमेरिका से भारत लौटे और मैसूर में बस गए आप पांच अलग अलग प्रकार के बाजरा को पुनर्जीवत करने के लिए कडी मेहनत की जो तेजी से विलुप्त हो रहे थे । बाजरा में मौजूद उपचार गुण घातक बीमारियो को भी ठीक कर सकते है इसलिए आप इन पांच बाजरों का नाम सिरिधान्य रखा प्राकृतिक रूप से इनकी खेती करने के लिए आपने काडु कृषि नामक एक विधि प्रतिपादिपत किया। डा0 खादर वली द्वारा बताया गया कि मिलेटस खाने से शुगर, ब्लड प्रेशर, मोटापा कम हो जाता है एवं कई बीमारियों से निजात मिलता है क्योंकि मिलेटस में कार्बोहाइडट अधिक मात्रा में होता है। मिलेटस तैयार करने में खाद उर्वरकों का प्रयोग नही करना पडता है । मिलेटस से सम्बन्धित जानकारी से जागरूक करने के लिए प्राथमिक प्रशिक्षण केन्द्र में व्याख्यान का आयोजन किया गया । जिससे देश में चल रहे अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 के अवसर पर देश में प्राचीन और पोष्टिक अनाज के प्रति जागरूकता बढाने एवं भागीदारी की भावना पैदा करने के लिये इस वर्ष देश में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमो का आयोजन किया जा रहा है। इसी के परिपेक्ष्य में प्राथमिक प्रशिक्षण केन्द्र भानू भारत तिब्बत सीमा पुलिस में बल के पदाधिकारियों एवं उनके परिवार जनों को मिलेटस यानि मोटे अनाज ज्वार, बाजरा, जौ , मक्का, रागी इत्यादि के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए और इस अनाज को खाने में किस प्रकार से उपयोग में लाया जा सकता है, के बारे में ,व्याख्यान के माध्यम से जानकारी दी गई।
ईश्वर सिंह दुहन, महानिरीक्षक, प्राथमिक प्रशिक्षण केन्द्र भानू द्वारा डा0 खादर वली, स्वतंत्र वैज्ञानिक और पोषक तत्व विशेषज्ञ एवं मिलेट मैन तथा उपेन्द्र दत्ता खेती विरासत मिशन संस्थापक एवं उनकी टीम का प्राथमिक प्रशिक्षण केन्द्र भानू में पधारने पर धन्यवाद किया एवं डा0 खादर वली, स्वतंत्र वैज्ञानिक और पोषक तत्व विशेषज्ञ एवं मिलेट मैन को स्मृति चिहन देकर सम्मानित किया और कहा कि इस व्याख्यान के माध्यम से आपके द्वारा मिलेटस को आहार में शामिल करने से सम्बन्धित जानकारी देकर जागरूक किया गया है जिससे बल के पदाधिकारी एवं उनके परिवार जन जरूर लाभान्वित होगे ।