हर शनिवार को राजकीय स्कूलों में होती है सुलेख प्रतियोगिता
जगदीश असीजा, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, उकलाना – 20 मई :
निपुण भारत- निपुण हरियाणा अभियान के तहत सरकार व शिक्षा विभाग छात्रों के अधिगम स्तर को उच्च करने का अभियान चला रही है जिसका प्रशिक्षण सभी प्राथमिक शिक्षकों को दिया जा चुका है, इस अभियान के तहत बच्चों की आधारभुत साक्षरता व संख्या ज्ञान में बढ़ोतरी की जा रही है। प्रशिक्षण में सिखाई गई गतिविधियों को कक्षा कक्ष मे अमलीजामा पहनाया जा रहा है। इसी कड़ी में खण्ड उकलाना के प्राथमिक स्कूलों में नई पहल की है जिसका नाम है ’’सुलेख लेखऩ’ । यहां के स्कूलों मेें हर शनिवार सुलेख लेखन दिवस होता है, इस दिन कक्षा पहली से पांचवी के सभी छात्र-छात्राएं अपने शिक्षक की देखरेख में सुलेख लिखते है।
कक्षा के सुन्दरतम सुलेख को कक्षा कक्ष में प्रिंट रिच के तौर पर प्रदर्शित किया जाता है व उस छात्र को सम्मानित किया जाता है। एल एल एन कोऑर्डिनेटर सत्यवान वर्मा ने बताया कि सुलेख लेखन के उच्चाधिकारियों से कोई ओदश नहीं मिले है, यहां के खण्ड शिक्षा अधिकारी व मेंटर की सोच का परिणाम है कि इस अभियान से छात्रों की लिखाई में आश्चर्यजनक रूप से सुधार हो रहा है।
सुलेख लेखन से विद्यार्थियों की लिखाई सुधरने के साथ-साथ उनकी व्याकरण से सम्बंधित त्रुटियां भी दूर हो रही है। सुलेख लेखन का अवलोकन करते समय शिक्षक बच्चों को वर्णो की सही बनावट के बारे जानकारी देते है व व्याकारण की त्रुटियों से अवगत करवाते है।
राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल लितानी की शिक्षिका नीलम रानी का कहना कि उसकी कक्षा में शनिवार को कोई छात्र गैरहाजिर नहीं होता, वे सुलेख लेखन को स्कूल का कार्य ना मानकर अपना मनोरंजन मानते है। राजकीय प्राथमिक स्कूल भेरी अकबरपुर के शिक्षक विनोद कुमार का मानना है कि सुलेख लेखन से ना केवल लिखाई में सुधार हुआ है बल्कि बच्चों की समझ भी बढ़ी है ओर उनका शैक्षिक स्तर पहले से बेहतर हुआ है। राजकीय प्राथमिक स्कूल साहू की शिक्षिका संगीता रानी के अनुसार बच्चे सुलेख लेखन को सलोगन लेखन की तरह अपनी कॉपी पर लिखते है, ओर कुछ अपने सुलेख को पेंटिग की तरह सजाते है। बेहतर सुलेख लेखन को कक्षा कक्ष में प्रिंट रिच के तौर पर प्रदर्शित किया जाता है, अपने लेखन को अपने कक्ष में लगा देखकर बच्चे भी गर्व महसूस करते है।
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी संतोष रानी ने खण्ड उकलाना के सुलेख लेखन अभियान की सराहना करते हुआ कहा है कि यदि बच्चो का लेखन सुधरता है तो उनकी समझ भी बढे़गी। नई शिक्षा नीति का उदेश्य भी यही है कि बच्चे समझ के साथ पढ़ सके व लिख सके। हमारी टीम इस सुलेख लेखन के अभियान को जिला स्तर पर लागू करवाने का कार्य करेगी। भविष्य में मैं भी खण्ड उकलाना के स्कूलों का अवलोकन कर इस अभियान की समीक्षा करूंगी।
खण्ड शिक्षा अधिकारी कृष्ण कुमार ने कहा कि सुलेख लेखन अभियान के तहत छात्रों के शैक्षणिक स्तर में जो सुधार हो रहा है यह हमारे खण्ड के लिए गर्व का विषय है। खण्ड में इस अभियान को सफलतापूर्वक लागू करने का श्रेय शिक्षकों व मेंटर को जाता है। हमने छात्रों व शिक्षकों को प्रोत्सान देने को कार्य प्रिंसिपल व मुख्याध्याकों को सोप रखा है, वे बेहतर सुलेख लेखन करने वाले छात्र को शाबासी देतेे है व दूसरे छात्रों को बेहतर लेखन हेतू प्रोत्साहित करते है। मैं जब भी विद्यालयों का अवलोकन करता हूं तो बच्चों के सुलेख को जरूर देखता हूं, उनके लेखन को देखकर मन को सकून मिलता है। शिक्षक सुलेख लेखन के परिणाम से संतोष जाहिर कर रहे है व इसको ओर बेहतर बनाने के लिए अनेक प्रयोग कर रहे है। भविष्य में इस प्रकार का अभियान कक्षा छट्टी से आठवीं में चलाने चलाया जाऐगा जिसकी कार्ययोजना बनाई जा रही है।
खण्ड उकलाना के एल.एल.एन. कोर्डिनेटर सत्यवान वर्मा ने बताया कि सभी एबीआरसी व बीआरपी ने खण्ड में हर शनिवार को ’’सुलेख लेखन दिवस’’ मनाने की बात जब खण्ड शिक्षा अधिकारी कृष्ण कुमार के सामने रखी तो उन्होने तुरन्त इसको खण्ड में लागू करने की योजना बनाई। अप्रैल व मई माह के हर शनिवार को ’’सुलेख लेखन दिवस’’ मनाने का फैसला लिया गया। गर्मियों की छुट्टी के दौरान भी हर शनिवार को छात्र सुलेख लेखन का कार्य करेंगे। जुलाई व अगस्त माह में स्कूल स्तर, क्लस्टर स्तर व खण्ड स्तर पर सुलेख लेखन प्रतियोगिता का आयोजन कर विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा।