वाहन के ओवर स्पीड होते ही मोबाइल पर आएगा संदेश
जीजेयू विद्यार्थियों ने ओवर स्पीड एंड लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम विकसित किया
हिसार/पवन सैनी
गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, के इलैक्ट्रोनिक्स कम्युनिकेशन एंड इंजीनियरिंग विभाग के विद्यार्थियों ने ओवर स्पीड एंड लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम विकसित किया है। इस सिस्टम को किसी भी वाहन में लगाया जा सकेगा तथा इससे वाहन की स्पीड एवं लोकेशन की जानकारी मिलती रहेगी। अगर वाहन ओवर स्पीड हुआ तो जिस मोबाइल से सिस्टम को जोड़ा गया है, उस मोबाइल पर ओवर स्पीड से सम्बन्धित संदेश आ जाएगा। यह सिस्टम अपने आप में अब तक का नया सिस्टम है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने सिस्टम तैयार करने वाली टीम को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षक व विद्यार्थियों की इस टीम ने विश्वविद्यालय को गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा कि गुजवि में शोध व अन्वेषण की अपार संभावनाएं हैं। इन संभावनाओं को तलाश कर विद्यार्थियों को इसके लिए सुविधाएं एवं मार्गदर्शन उपलब्ध करवाया जाएगा। इस सिस्टम को विकसित करने वाली टीम का नेतृत्व इलैक्ट्रोनिक्स कम्युनिकेशन एंड इंजीनियरिंग विभाग के शिक्षक डा. विजय पाल सिंह द्वारा किया गया। छह माह के प्रोजेक्ट के तहत विकसित किए गए सिस्टम में रितिक मंगल, उदित कुमार जैन तथा सीमांत जांगड़ा शामिल हैं।
डा. विजय पाल सिंह ने बताया कि वर्तमान समय में ओवरस्पीड के कारण सडक हादसों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। फिलहाल इस सिस्टम को उन युवाओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है जो अपने वाहनों को अति तीव्रता से चलाते हैं। इस सिस्टम को वाहन में लगाने के बाद अभिभावक अपने मोबाइल के माध्यम से संबंधित वाहन की पूरी जानकारी रख सकेंगे। वाहन के ओवर स्पीड होते ही मोबाइल पर संदेश आ जाएगा तथा उसकी लोकेशन की जानकारी भी मिल जाएगी। डा. विजय पाल सिंह ने बताया कि इस सिस्टम को 3000 रूपए की लागत से वाहन में स्थापित किया जा सकता है। भविष्य में इस सिस्टम को सरकार अपने स्तर पर भी वाहनों में गति नियंत्रण के लिए स्थापित कर सकती है। संबंधित प्रशासन द्वारा संबंधित क्षेत्र की गति नियंत्रण सीमा को सर्वर पर अपलोड करने के बाद हर वाहन की स्पीड पर एक स्थान से ही नजर रखी जा सकती है।
इसके लिए वाहन में सिस्टम का होना अति आवश्यक है। उन्होंने बताया कि इस सिस्टम के माध्यम से वाहन का आॅटोमेटिक चालान काटा जा सकता है। इससे सडक हादसे में काफी कमी लाई जा सकती है।