वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे

आहार और जीवनशैली में बदलाव से ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है: डॉ आरके जसवाल

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, मोहाली– 17   मई  :

हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप), जिसे साइलेंट किलर के रूप में भी जाना जाता है, सबसे आम स्वास्थ्य बीमारियों में से एक है और दुनिया भर में कई लोगों को प्रभावित करता है। यह कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों के लिए मुख्य जोखिम कारकों में से एक है और स्ट्रोक, हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर, एट्रियल फाइब्रिलेशन, किडनी फेलियर और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज आदि का कारण बन सकता है। बीमारी और इससे संबंधित स्वास्थ्य जटिलताओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है।

फोर्टिस अस्पताल मोहाली के कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर व हेड ऑफ डिपार्टमेंट तथा कैथलैब्स के डायरेक्टर डॉ आरके जसवाल ने एक एडवाइजरी में हाइपरटेंशन को रोकने, पता लगाने और नियंत्रित करने के तरीके पर बातचीत साझी की।

डॉ आरके जसवाल ने बताया कि हाइपरटेंशन ब्लड प्रेशर है जो सामान्य से अधिक है यानी रक्तचाप 140/90 से ऊपर है, जबकि 180/110 से ऊपर दबाव को गंभीर उच्च रक्तचाप कहा जाता है। यह अनियमित दिल की धड़कन, तीव्र सीने में दर्द का कारण बनता है और दिल का दौरा पड़ सकता है।

डॉ जसवाल ने कहा कि उच्च रक्तचाप मुख्य रूप से अनुवांशिक प्रवृत्ति और अन हैल्दी जीवनशैली जैसे ज्यादा खाना, नमक का अधिक सेवन और उच्च वसा का सेवन, धूम्रपान और वजन बढ़ने के कारण होता है। उन्होंने कहा, “गतिहीन जीवन शैली या शराब के अधिक सेवन से रक्तचाप में वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा, किडनी की बीमारियां, मधुमेह आदि भी स्वास्थ्य की स्थिति में योगदान करते हैं।”

हाइपरटेंशन को प्रबंधित करने के लिए गैर-औषधीय रणनीतियों पर चर्चा करते हुए, डॉ जसवाल ने कहा, “आहार में संशोधन, नमक पर प्रतिबंध, वजन में कमी, धूम्रपान बंद करना, शारीरिक गतिविधि, शराब पर प्रतिबंध, तनाव प्रबंधन और योग, रक्तचाप को नियंत्रित करना और वायु प्रदूषण को कम करने में एक लंबा रास्ता तय किया जा सकता है।

डॉ जसवाल ने कहा किसख्त आहार और व्यायाम दिनचर्या का पालन करके बिना दवाओं के रक्तचाप का इलाज किया जा सकता है। कम खाओ, सही खाओ, समय पर खाओ, खूब चलो, अच्छी नींद लो और खुश रहो।