नियमों की धज्जियां उड़ाकर चल रहे मानकटबरा के स्टोन क्रशर
- ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री, एनजीटी व प्रदेश सरकार को की शिकायत
- ओवरलोड ट्रकों ने तोड़ी सडक़ें, उड़ती धूल ने जीना किया मुहाल
- इलाके के पचास गावों में आवागमन की समस्या बढ़ी
डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, पंचकुला – 04 मई :
पंचकूला जिले के मानकटबरा क्रशर जोन में चल रहे स्टोन क्रशर नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। जिस कारण यहां के लोगों का जीना मुहाल हो गया है। जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा इन स्टोन क्रशरों पर नकेल नहीं डालने से परेशान हुए लोगों ने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री, एनजीटी तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर क्रशर मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
जिला परिषद के सदस्य एडवोकेट बलविंदर चौधरी तथा कृष्ण गोपाल बंटी वालिया ने गांव वासियों की तरफ से यह पत्र जारी करते हुए बताया कि सरकार द्वारा अलॉट क्रशर जोन में दिन-रात काम चलता है। यहां एनजीटी द्वारा तय किए गए किसी भी नियम का पालन नहीं हो रहा है। क्रशर मालिक कभी-कभार ही फव्वारे चलाते हैं। जिस कारण यहां दिन रात धूल उड़ती रहती है। इस धूल के कारण लोगों को जहां सांस की बीमारियां होने लगी हैं वहीं अब यह धूल उडक़र घरों में गिरने लगी है।
ओवरलोड ट्रकों द्वारा सारी सडक़ों को तोड़ दिया गया है। हालत इतने खराब हैं की सडक़ से जाना भी मुश्किल हो गया है। दोपहिया वाहन चालकों को सबसे अधिक मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ समय पहले दो लोगों की यहां मौत भी हो चुकी है। टूटी सडक़ों पर हादसों के कारण आए दिन राहगीर घायल हो रहे हैं। ओवरलोड ट्रकों की आवाजाई भी आबादी के बीच से होती है,जिससे वायु प्रदूषण भी भारी मात्रा में होता है। इस सडक़ द्वारा 50 गांवो को रास्ता लगता है जो की आने जाने लायक नही रह गया। किसी भी क्रशर द्वारा ग्रीन बैलेट नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है।
क्रशरों के कारण नदी ने बदला कुदरती बहाव
ग्रामीणों के अनुसार नदी में क्रशरों द्वारा निकला दूषित जल गिराने के कारण नदी के पानी की निकासी खत्म हो गई है। नदी के पानी का रास्ता अब गांव के खेतों व शमशान घाट में से हो गया है। कुछ क्रशर मालिकों द्वारा गांव मानकटबरा की शामलात जमीन की गौचरण की भूमि पर अवैध कब्जा किया गया है।