- जज बनने जा रहे स्टूडेंट्स को ही न्याय नहीं तो आम जनता का क्या होगा उनकी अपनी आप सरकार में
- पंजाब के सिविल जज के एंट्रेंस एग्जाम के कैंडिडेट्स की स्टूडेंट यूनियन ने सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट एपी सिंह की उपस्थिति में फिर से सौंपा सीएम भगवंत मान को ज्ञापन
- मांग की स्पेशल बेंच या फिर स्पेशल कोर्ट की
डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़ – 24 अप्रैल :
एग्जाम की पेटिशन खारिज होने से ज्यूडिशियरी से निराश होकर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ से लगाई गुहार , गवर्नर व सी एम को दिया ज्ञापन – एडवोकेट एपी सिंहचंडीगढ़। कई अनियमिताओं के चलते पीपीएससी में सिविल जज के प्री लिम एग्जाम से वंचित रह गए पंजाब के 500 कैंडिडेटस ने पंजाब के सीएम व गवर्नर को 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया है। इन स्टूडेंट्स ने सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट एपी सिंह की उपस्थिति में सौंपा सीएम भगवंत मान को ज्ञापन सौंपा।
क्या है मामला
जनवरी 2023 को पीपीएससी में सिविल जज के प्री लिम एग्जाम में सिर्फ 30000 कैंडिडेट्स ही रह पाए व लगभग 10000 कैंडिडेट्स पीपीएससी की वेबसाइट में 5 से 10 अक्टूबर 2022 के बीच टेक्निकल ग्लिच के चलते फॉर्म ही नहीं भर पाए या फिर अगले सात दिन फीस नहीं भर पाए ,और तो और उन दिनों पीपीएससी के मुलाज़िम भी स्ट्राइक पर चले गए ।
अधिकतर कैंडिडेट ऑनलाइन मीटिंग में एडवोकेट एपी सिंह के साथ जुड़े उन्हें अपनी मुश्किलें बताएं । एडवोकेट एपी सिंह ने कहा इन 10000 में से लगभग 1000 कैंडिडेट ऐसे हैं जो ओवर एज हो चुके हैं और उनके जज बनने का सपना अब सपना ही रह जाएगा इसलिए उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवान सिंह मान से स्पेशल बेंच या कोर्ट की मांग की है ।
एडवोकेट एपी सिंह ने कहा कैंडिडेट्स को भगवंत मान से बहुत उम्मीदें हैं क्योंकि मुख्यमंत्री ने पीपीएससी कि एंप्लाइज की स्ट्राइक को भी इलीगल घोषित कर दिया था और वह स्टूडेंट की मांगों का ख्याल रखते हैं।
एडवोकेट एपी सिंह ने बताया कि पूरे भारतवर्ष में सिविल जज की एग्जाम्स को लेकर भारी अनियमितताओं का दौर है व जजों की कमी व लेट भर्तियों के चलते , कॉलेजियम सिस्टम पर सवालिया निशान गाहे-बगाहे खड़े होते आ रहे हैं । इसलिए भारत की जुडिशरी में एक बड़ा परिवर्तन लाने की आवश्यकता है ।